21 जुलाई को वर्चुअल सभा में शहीदों को दीदी देंगी श्रद्धांजलि, 28 सालों में पहली बार नहीं सकेगी धर्मतल्ला में सभा
बंगाल मिरर, कोलकाता ः तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रत्येक वर्ष कोलकाता में होनेवाले शहीद दिवस का आयोजन इस बार कोरोना संकट के कारण नहीं हो पा रहा है। वर्चुअल सभा के माध्यम से सोशल मीडिया पर ही दीदी के नेतृत्व में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जायेगी। हालांकि दीदी ने प्रत्येक बूथ स्तर पर श्रद्धांजलि सभा करने का निर्देश दिया है। लेकिन प्रत्येक वर्ष की तरह कोलकाता में होनेवाली भव्य सभा का आयोजन नहीं हो पा रहा है। जिसमें लाखों की तादाद में लोग पूरे राज्य से जुटते थे। इसके लिए पहले से ही तैयारियां भी शुरू हो जाती थी। गौरतलब है कि 21 जुलाई को 1993 में तत्कालीन युवा कांग्रेस नेत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान किया गया था।
ममता बनर्जी ने उस समय चुनाव में धांधली रोकने के लिए बिना मतदाता परिचय पत्र के मतदान न करने देने की मांग रखी थी। वहीं सही दस्तावेज जांच के साथ ही वोटर कार्ड बनवाने की मांग रखी थी। राइटर्स चलो अभियान के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के निर्देश पर पुलिस ने आन्दोलनकारियों पर फायरिंग की थी। जिसमें 13 कार्यकर्ता मारे गये थे। वहीं आरोप लगा था कि पुलिस के साथ सीपीएम के गुंडों ने भी हमला किया था। इस हमले में ममता बनर्जी भी जख्मी हुयी थी। इस घटना के 4 साल बाद ममता ने कांग्रेस छोड़कर एक जनवरी 1998 को तृणमूल कांग्रेस का गठन किया। इसके बाद राज्य में तीन दशक तक सत्तारूढ़ वाममोर्चा के खिलाफ लगातार आन्दोलन किया। 2011 में उनका आन्दोलन सफल हुआ। बंगाल की जनता के समर्थन से उन्होंने वाममोर्चा सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका। वह राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। 2016 में पुनः भारी बहुमत के साथ उनकी सरकार बनी। अब 2021 में चुनाव होनेवाले हैं। इस बार उनके सामने हैट्रिक लगाने का मौका है। विधानसभा चुनाव के पहले यह शहीद दिवस इसलिए काफी महत्वपूर्ण भी है।
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