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मंत्री-मेयर शामिल हुए आदिवासी दिवस के आयोजन में

बंगाल मिरर, धनंजय तिवारी,आसनसोल/पांडेश्वर:पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र में विश्व आदिवासी दिवस भव्य रूप से आयोजित किया गया। यहां मुख्य अतिथि के रूप में विधायक जितेन्द्र तिवारी शामिल हुए। आदिवासी समाज ने उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि दुनिया में जहां भी आदिवासी हैं, वहां उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष हमलोग आज के दिन जर, जंगल, जमीन के अधिकार की शपथ लेते हैं। एक शक्ति आपलोगों को इससे वंचित करने की कोशिश कर रही है, इसके खिलाफ गणतांत्रिक रूप से आन्दोलन करना होगा। 2011 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने आदिवासियों के विकास के लिए कमेटी बनायी थी। नियमित रूप से इसकी बैठक कर आदिवासियों की समस्या समाधान का प्रयास किया जा रहा है। ओलचिकी को मान्यता देने के साथ ही शिक्षण संस्थानों और उच्च शिक्षा में ओलचिकी में पढ़ाई की व्यवस्था सरकार ने की है। आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप, वृद्धों को पेंशन दी जा रही है। सरकारी जमीन पर स्थित जाहेरथान की जमीन को जाहेरथान के नाम पर ही दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। विधानसभा के दोनों ब्लाक में व्हाटसएप ग्रुप बनाकर आदिवासियों की समस्याओं पर नजर रखी जा रही है। आदिवासी समाज के विकास के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिखाये रास्ते पर हमलोग चलेंगे। विभिन्न आदिवासी अंचल में बाबा तिलका मुर्मू, सिद्धो-कान्हू, पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा स्थापित की गयी है। बीते 10 साल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो कार्य किये हैं, जिस तरह से आपलोग दीदी का समर्थन करते आये हैं, उसी तरह करते रहें, ताकि दीदी आपलोगों के लिए और अधिक कार्य कर सकें। पांडेश्वर एवं लाउदोहा में हमलोग भी पहले की तरह ही आपके साथ रहेंगे। आपलोग हमारे परिवार के सदस्य है। कोरोना से बचने के लिए सभी मास्क का इस्तेमाल करें तथा सोशल डिस्टेंस का पालन करें। वही पश्चिम बर्द्धमान गोंड महासभा द्वारा अंतराष्यट्रीय आदिवासी दिवस मवाया गया। यहां मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के श्रम व कानून मंत्री मलय घटक उपस्थित थे। इस मौके पर मंत्री मलय घटक ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आदिवासियों के विकास पर विशेष ध्यान देती है। तभी तो 9 अगस्त को होनेवाले लॉकडाउन को हटा दिया गया, ताकि आदिवासी दिवस का आयोजन में कोई परेशानी न आये। पश्चिम बंगाल में काफी विधायक आदिवासी हैं। विधानसभा के डिप्टी स्पीकर आदिवासी है। यहां मंत्री भी आदिवासी है। पश्चिम बंगाल में सरकार ने आदिवासियों को काफी प्रतिनिधित्व दिया है। आदिवासियों की भाष ओलचिकी को राज्य सरकार ने मान्यता देकर आदिवासी भाषा का स्कूल चालू किया। आदिवासी समाज के लोग आगे बढ़े तथा समाज में बराबरी का हक पायें। भारतीय संविधान के निर्माता डा. बीआर अंबेदकर की इच्छा को पूरा करने का कार्य हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही है। इस दौरान गोंड महासभा के अमरनाथ गोंड समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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