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कोरोना संकट में शिक्षकों ने योद्धा बनकर की समाजसेवा

mukesh jha
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कोरोना संकट में शिक्षक संगठन द्वारा किये गये कार्य शिक्षक मुकेश झा की कलम से

नवंबर माह से शुरू होकर कोरोनावायरस मार्च तक लगभग विश्व के सभी भागों में फैल गया ।

भारत भी इससे अछूता नहीं रहा, मार्च महीने के 24 तारीख से lockdown की शुरुआत हुई।

सभी अपने घरों में कैद हो गए हवाई जहाज, ट्रेन, बस, बाजार, स्कूल कॉलेज सभी बंद हो गए लोगों की दिनचर्या बदल गई, लॉक डाउन की वजह से मजदूरों को अपने काम से हाथ धोना पड़ा, गरीबों के घर की परेशानियां बढ़ गई खाने के लाले पड़ने लगे।

कोरोना संकट में किये गये कार्यों की झलकियां
कोरोना संकट में किये गये शिक्षकों कार्यों की झलकियां
सीएम रिलीफ फंड में दिये 17 लाख


इसी करोना काल के दूसरे लाॅक डाउन से पश्चिम बंगाल तृणमूल माध्यमिक शिक्षक समिति जो कि एक शिक्षक संगठन है और जिनके डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट राजीव मुखर्जी है,

उन्हीं के नेतृत्व में अपने सामाजिक उत्तरदायित्व की शुरुआत की। ममता बनर्जी के आह्वान पर संगठन ने

स्कूल के शिक्षकों से ‘CM Relief Fund’ के लिए चंदा इकट्ठा करना शुरू किया। स्कूल बंद होने के बावजूद 10 दिनों के अंदर 17 लाख रुपया जमा कर एक रिकॉर्ड बनाया। इन 17 लाख रुपयों को संगठन के अभिभावक मार्गदर्शक श्री अशोक रूद्र के हाथों ‘CM Relief Fund’ में जमा कराया गया।

संगठन के अभिभावक श्री अशोक रुद्र के सलाह पर संगठन में यह निर्णय लिया गया कि हम लोग गरीब जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएंगे। इसके लिए घाघर बूड़ी मंदिर प्रांगण को चुना गया,

12 दिन तक गरीबों को कराया भोजन

यह भी निर्णय लिया गया कि हर दिन एक स्कूल यूनिट, डेढ़ सौ पैकेट भोजन की व्यवस्था करें। मंदिर प्रांगण में यह कार्यक्रम लगातार 20 दिनों तक चलता रहा उसके बाद 12 दिनों तक लगातार स्टेशन रोड डीआरएम ऑफिस के आसपास में यह कार्यक्रम चला।इस कार्यक्रम में संगठन के शिक्षकों ने जमकर हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बी बी कॉलेज के TMCP इकाई के छात्रों ने भी खूब पसीना बहाया।
हम यहीं नहीं रुके बर्नपुर इलाके के गरीब जरूरतमंद लोगों के बीच 500 पैकेट खाद्य सामग्री का वितरण श्री अशोक रूद्र महाशय के सहयोग से किया गया। बर्नपुर के साथ-साथ आसनसोल, रानीगंज, जमुरिया, कांकसा ब्लॉक में भी खाद्य वितरण सामग्री का कार्यक्रम चला।

दुर्गापुर ब्लॉक में खाद्य सामग्री के साथ-साथ बच्चों में खाता कॉपी पेन ड्राइंग बुक सैनिटाइजर मास्क किताबें इत्यादि भी वितरित की गई।
इसी समय कोरोना काल की इस विकट परिस्थिति में रक्त की कमी हो गई तब संगठन ने दो बार रक्तदान शिविर का आयोजन कर 60 यूनिट रक्त इकट्ठा कर ब्लड बैंक में जमा कराया गया।

एक रक्तदान शिविर का आयोजन आसनसोल में और दूसरा दुर्गापुर में आयोजित किया गया। कई शिक्षकों ने कोरोना वॉलिंटियर का कार्य किया।


इसी बीच शांति नगर विद्या मंदिर की ओर से बडथल, बुधा ग्राम, दुबे पाड़ा, राम बांध, और शांति नगर में 10 दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा हमारे संगठन के अभिभावक अशोक दा और दिब्येन्दु साहा ने मिलकर तैयार किया।

इस कार्यक्रम में हर जगह 2 दिन बच्चों को कॉपी-पेंसिल कलम-ड्राइंग बुक दिया गया, बच्चों और उनके अभिभावकों को कोरोना काल में कैसे रहा जाता है,

बीमारी से बचने के उपाय बताए गए तथा हर दिन 200 बच्चों और उनके अभिभावकों को भोजन का पैकेट वितरित किया गया। बड़थल ग्राम में ही 2 दिन शांति नगर विद्या मंदिर के शिक्षक-शिक्षिकागण वहां जाकर बच्चों को पढ़ायें।

यह कार्यक्रम भी काफी सफल रहा, चारों ओर से बहुत सराहना मिली।
इसी बीच ममता बनर्जी की पुकार पर आम्फान पीड़ितों की सहायता हेतु संगठन आगे आया और चंदा इकट्ठा करना शुरू किया और निर्णय लिया गया कि शिक्षक संगठन का एक दल सुंदरवन इलाके में जाकर वहां खाद्य सामग्री वितरित करके आएगा।

इसी तरह हुआ भी, करीब तीन लाख की राहत सामग्री पैकेटिंग करके वहां के लोगों में राजीव मुखर्जी के नेतृत्व में संगठन के शिक्षकगण सुंदरवन इलाके के गाजी खाली और बामनिया इलाके में गए एवं खाद्य सामग्री वितरित करके वापस आए।
उसके बाद कुल्टी ब्लॉक में कम्युनिटी किचन का शुभारंभ किया गया जो लगातार 15 दिनों तक चला, यहां भी संगठन को लोगों से बहुत प्रशंसा मिली।

2000 मास्क बांटे गये


संगठन को लगा कि अभी और कुछ करना है, बैठे नहीं रहना, इसलिए ये निर्णय लिया गया कि

आसनसोल सब डिवीजन के प्रत्येक ब्लॉक में 4 दिन अलग-अलग जगहों में ‘Health Awareness And Mask Distribution’

का कार्यक्रम किया जाए और हर ब्लॉक में 2000 मास्क वितरित किया जाए। यह कार्यक्रम भी हम लोगों ने सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।


राखी पूर्णिमा के दिन ममता बनर्जी के आह्वान पर हाटन रोड बस स्टैंड के पास राखी की जगह लोगों को मुंह पर मास्क बांधा गया।

पुलिसकर्मियों और कोरोना योद्धा को गुलाब का फूल और मिठाई का पैकेट देकर संगठन की ओर से सम्मानित किया गया।

जुलाई माह में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक का रिजल्ट का प्रकाशन हुआ, बांग्ला हिंदी और उर्दू माध्यम से जो जिले में अव्वल आए थे

उनके घर जाकर संगठन की ओर से उनको सम्मानित किया गया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।


तीन-चार महीनों के कामों को देख कर हमारे मंत्री श्री मलय घटक, मेयर श्री जितेंद्र तिवारी जी, विधायक विधान उपाध्याय, विधायक उज्जवल चटर्जी, विधायक तापस बनर्जी और पार्टी के स्टेट सेक्रेटरी शिवदासन दासु दा ने खूब प्रशंसा की।

कुल्टी के विधायक उज्जवल चटर्जी और बाराबनी के विधायक विधान उपाध्याय जी तो खुद कार्यक्रम में शामिल होकर शिक्षकों का साथ दिया । शिक्षकों के साथ मिलकर लोगों को खाना खिलाये और लोगों के बीच मास्क बांटे।

द्वितीय चरण में रिलीफ फंड में दिये 4 लाख


द्वितीय चरण में फिर संगठन की ओर से 4 लाख 10 हजार इकट्ठा कर

ADM(शिक्षा)-श्री प्रशांत मंडल के हाथों चेक के माध्यम से ‘CM Relief Fund’ मे जमा कराया गया।
इन 5 महीनों में शिक्षक समाज की ओर से जितना सामाजिक कार्य किया गया उतना पहले कभी भी देखा नहीं गया।

शिक्षकों ने जमकर हिस्सा लिया और रात दिन एक कर दी इन सब के लिए ।

हमारे संगठन के अभिभावक मार्गदर्शक श्री अशोक रूद्र महाशय जी का नाम विशेष रूप से लेना चाहूंगा क्योंकि हर तरह के कार्यक्रम के लिए हमेशा इन्होंने ही प्रेरित किया और सहयोग दिया।


मैं अपने संगठन के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट श्री राजीव मुखर्जी की भी सराहना करता हूं कि इन्होंने अपने नेतृत्व का सही ढंग से उपयोग करके हर कार्य को सफलतापूर्वक अपने अंजाम तक पहुंचाया।

टीएसटीए सदस्यों ने निभायी सक्रिय भूमिका


यह लेख अधूरा माना जाएगा जब तक संगठन के सक्रिय सदस्यों का जिक्र ना हो जिन्होंने कोरोना से डरे बिना, किसी के सुने बिना, अपने स्वास्थ्य की चिंता छोड़ संगठन के साथ रहे और हर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया

उनके नाम निम्न है – संगठन के वर्किंग प्रेसिडेंट डॉक्टर कलीमूल हक, नुरुल हसन, दिब्येन्दु साहा, कमल मुर्मू, जगदीश चटर्जी, अद्वैत कोनार, रामप्रकाश भट्टाचार्य, सुमित राय, जय देव विश्वास, उधास चटर्जी, गांधी प्रसाद नोनिया ,

श्रीकांत दास, राजेश पासी ,मोहम्मद इमरान, पथिक बंधु, दीपिका रॉय, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद शमीम, राजकुमार रजक, जयंत मंडल, शूभो चटराज,अरधेन्दू राय, जितेंद्र पांडे।

शिक्षक समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने वाला व्यक्तित्व होता है। शिक्षक ही समाज का आईना होता है

और सही मायने में कहा जाए तो शिक्षक ही समाज का शिल्पकार और मार्गदर्शक होता है।

इन्हीं कथनों को पूरा करते हुए हमारा संगठन आगे बढ़ रहा है।
चार -पांच महीनों में संगठन के कार्यों को एक सूत्र में पिरोने का एक छोटा सा प्रयास मात्र है।

आप सभी को मेरा प्रणाम – आपका मुकेश झा।

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