बीएमएस का आजीविका बचाओ दिवस 11 को
![](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2024/12/img-20241211-wa00436179337791398046526.jpg)
![Bms news](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2020/09/IMG-20200904-WA0031-225x300.jpg)
बंगाल मिरर, सौरदीप्त सेनगुप्ता, आसनसोल : भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री विरिजेश उपाध्याय ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय कार्यसमिति के लिए हुए निर्णय को प्रदेश स्तर से लेकर स्थानीय स्तर तक क्रियान्वित करने की अपील की है।
![](https://bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2024/09/img-20240909-wa00806721733580827251668.jpg)
इसी क्रम में बंगाल प्रदेश बीएमएस के महामंत्री उज्जवल मुखर्जी एवं बंगाल प्रदेश बीएमएस के सचिव जय नाथ चौबे ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर प्रदेश के समस्त पदाधिकारियों एवं जिला सचिवों सहित सभी बीएमएस के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए आगामी 11 सितंबर 2020 को जिला मुख्यालयों पर या कम्पनियों के मुख्यालय अथवा ब्लाक स्तर पर “आजीविका बचाओ दिवस” का अनुपालन करना है। क्योंकि कोरोना संकट काल में सरकार ने जो कुछ भी घोषणाएं की थी उसे अमल में नहीं ला सकीं। और ना ही मजदूरों को उसका लाभ प्राप्त हो सका।
17 को राष्ट्रीय श्रम दिवस
इस लिए 11 सितंबर 2020 को आजिविका दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। वहीं 17 सितंबर को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय बीएमएस ने लिया है उस दिन शोभायात्रा निकालने, ऐसे उद्योगों के अधिकारियों को जिस उद्योग में कोरोना काल में मजदूरों की हितों की रक्षा के लिए सहयोग कर उन मजदूरों की जिविका को बचा लिया और किसी भी मजदूर की छंटनी नहीं की ऐसे प्रबन्धन के लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
यह कार्य क्रम 17 से 25 सितंबर 2020 तक के बीच में कभी भी किया जा सकता है ऐसा निर्णय बीएमएस ने लिया है। कोरोना काल में आम मजदूरों की समस्याओं के निराकरण के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारों को बीएमएस ने पत्रों के माध्यम से सभी सरकारों का ध्यान आकर्षित किया किन्तु हर जगह निराशा ही निराशा दिखाई दिया और मजदूर आज भी सड़कों पर दर दर भटक रहे हैं। खास तौर पर तो दिहाड़ी, हांकर, मछली पकड़ने वाले, सब्जी और फल बेचने वाले व प्रवासी मजदूरों की अभी तक किसी आजिविका का ब्यवस्था नहीं हो सका है। इस लिए गूंगी बहरी सरकार को कुम्भकर्णी निद्रा से झकझोर कर जगाना ही होगा।