वॉलमार्ट(WALLMART) ने किसानों के लिए दो अनुदानों की घोषणा की
$25 मिलियन कीप्रतिबद्ध राशिमें से,अब तक $15 मिलियन से ज्यादा का निवेशलगभग 80,000 महिलाओं सहित 140,000 सेअधिक किसानों को लाभ होगा
बंगाल मिरर, व्यापार संवाददाता ः भारत की कोविड-19 महामारी से उबरने में छोटे किसानोंके महत्व को रेखांकित करते हुए, वालमार्ट (WALLMART) फाउंडेशन ने आज दो नए अनुदानों की घोषणाकी। यह अनुदान,सितंबर2018में भारत में किसानों की आजीविकामें सुधार के लिए पांच वर्षों में $25 मिलियन (MILLION DOLLARS) (लगभगरु.180 करोड़) के निवेश करने की प्रतिबद्धता के तहत है। नई निधि, जो किकुल $4.5 मिलियन (MILLION DOLLARS) है, इससे गैर-लाभकारी संस्थाओं, टेनेजर (Tanager) और प्रदान (PRADAN) को किसानों को बेहतर उत्पादन और उचित बाज़ार पहुँच से अधिक कमाने में मदद करनेके प्रयासों को आगे बढ़ाने में सहायता करेगा।
दोनों अनुदेयी किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से महिला किसानों के लिए अवसरों को बढ़ाने पर केंद्रित होंगे। इन दोनों अनुदानों सहित, वालमार्ट (WALLMART) फाउंडेशन ने भारत में आठ गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओज़) (NGOs) के साथ कुल $15 मिलियन (MILLION DOLLARS) का निवेश किया है> जिससे लगभग 80,000 महिला किसानों सहित140,000 किसानोंको लाभ पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रमों को सहायता मिल रही है।
वैश्विक COVID-19 महामारी ने भारत के किसानों पर दबाव बढ़ा दिया
वालमार्ट फाउंडेशन की प्रेज़िडेंट कैथलीन मैकलॉलिन जोकी वालमार्ट (WALLMART) की एक्ज़िक्युटि ववाईस प्रेज़िडेंट और चीफ़ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर भी हैं, उन्होंने कहा:”वैश्विक COVID-19 महामारी ने भारत के किसानों पर दबाव बढ़ा दिया है; विशेष रूप से महिला किसानों को अतिरिक्तज़िम्मेदारियों का सामना करना पड़रहा है, जब किउन की आय कम हो गयी है।
वालमार्ट फाउंडेशन (WALLMART) और हमारे अनुदेय सहयोगी का मुख्य लक्ष्य किसानों को सशक्तकर उनके भविष्यको बेहतर बनाना है।”
किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें डिजिटल युग में लाने के लिए फाउंडेशन के रणनीति में एफपी ओ की एक अहम भूमिका है
कल्याणकृष्णमूर्ति, फ्लिपकार्ट ग्रुप (FLIPKART) के चीफ एक्ज़िक्युटिव अधिकारी और वालमार्ट फाउंडेशनके निदेशक मंडल के सदस्य, ने कहा: “भारत में किसानों को उत्पादकता और पैदावार में सुधार करने, बाज़ार की बहुमूल्य जानकारी पहुँच हासिल करने और अधिक कुशल और पारदर्शी आपूर्ति शृंखला के हिस्से के रूप में सफल बनाने के लिए नवीन टेक्नोलॉजी समाधानों की विशाल क्षमता है। किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें डिजिटल युग में लाने के लिए फाउंडेशन के रणनीति में एफपी ओ की एक अहम भूमिका है।” अपने अनुदानों के माध्यम से, वालमार्ट फाउंडेशन उन सुस्थापित एनजीओ के साथमिलकर काम करता है, जो एफपीओ की क्षमता का विकास करने और सदस्यों की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं। इसका मूल उद्देश्य एफपीओ (FPO) में कृषि संबंधी तरीकों का ज्ञान विकसि तकरने, व्यापार से जुड़ी गतिविधियाँ साझा करने, प्राथमिक कृषि वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ाने और वित्त एवं बाज़ार तक पहुंच सुनिश्चित करने में अपना सहयोग देना है।
भारत में COVID-19 लॉक डाउन के दौरान एनजीओ और उन के एफपीओ साझेदारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो देशको इस बुरे दौर से निकलने में मददकर रहा है। वालमार्ट फाउंडेशन के सहयोग से डिजिटल माध्यम द्वारा वे भोजन और स्वच्छता के लिए ज़रूरी सामानों की आपूर्ति करने, सुरक्षित सेल्स चैनलों को व्यवस्थित करने, फसलों की कटाई के कार्यों में सहयोग देने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों और पहलों के साथ खेती की विविधता और जलवायु-स्मार्ट उत्पादन प्रक्रिया ओं को बढ़ावा देने में सक्षम हुए।
मदद करने के लिए$2.6 मिलियन से ज्यादा की राशि दी जाएगी
महिलाकिसानों किसहायाता के लिए नएअनुदानवालमार्ट फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले नये अनुदान में, अंतर राष्ट्रीय गैर-लाभ कारी संगठन टेनेजर को अपने सफल किसान बाज़ार रेडिनेस प्रोग्राम का विस्तार करने और आंध्रप्रदेश में किसानों को उनके ज्ञान, संसाधनों और पहुँच सका। विस्तार करने में मदद करने के लिए$2.6 मिलियन से ज्यादा की राशि दी जाएगी। कार्यक्रम के दूसरे चरणमें 13 एफपी ओ की स्थिरताको मज़बूत करने पर ध्यानकें द्रित किया जाएगा, जिनमें से 7 नए कार्यक्रम हैं, जिस में 5,600 से अधिक महिला किसानों सहित15,000 से अधिक किसानों ( FARMERS) की मदद करने के लिए, उनके उत्पादक और लाभ प्रदता में वृद्धि हो।
फार्मर मार्केट रेडिनेस प्रोग्राम के पहले चरण को 2017 और 2020 के बीच वालमार्ट फाउंडेशन से $2 मिलियन अनुदान के साथ लागू किया गया था, जोकि$25 मिलियन (MILLION DOLLARS) की प्रतिबाधित राशि में शामिल नहीं है। टेनेजर के मुताबिक, पहले चरण में पैदावार बढ़ाने और उपज को बाजार में लाने के लिए 17,500 किसान शामिल थे, जिसमे से 5,600 से अधिक महिला किसान थी और इसके परिणाम स्वरूप 8,500 मीट्रिक टन से अधिक की बिक्री हुई जिसकी कीमत लगभग $3 मिलियन (220 मिलियन रूपये) थी।