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ASANSOL के BAJRANGI BHAIJAN की सच्ची कहानी

आसनसोल से नेपाल सीमा पर मासूम संयुक्त को मिलाया मां से

बंगाल मिरर ( BENGAL MIRROR EXCLUSIVE), आसनसोल : फिल्म बजरंगी भाईजान(BAJRANGI BHAIJAN)  में अभिनेता सलमान खान (SALMAN KHAN) मुन्नी को उसके परिजनों से मिलाने के लिए हिन्दुस्तान से पाकिस्तान चले जाते हैं। कुछ इस तरह का वाकया हकीकत में आसनसोल के बर्नपुर में हुआ। लेकिन यह पर्दे की कहानी से कहीं अधिक दर्दनाक और हृदय विदारक है। जहां एक 6 वर्षीय बच्ची संयुक्ता अपने पिता की मौत के बाद फंस गयी थी। उसे बर्नपुर के युवकों ने नेपाल में उसकी मां से मिलाया। इस दौरान संयुक्त की आंखें भी छलक आयी। उसे छोड़ने गये लोग भी भावुक हो गये।

BAJRANGI BHAIJAN की भूमिका निभायी न्यूटाउन के युवाओं ने

पिता के निधन के बाद अकेली बर्नपुर में फंसी थी संयुक्ता, मां थी नेपाल में

संयुक्ता के पिता बर्नपुर के न्यूटाउन के खिलाड़ी संजय छेत्री थे। जिनका निधन 6 सितंबर को अचानक हो गया था। संजय के जाने के बाद वो अपने चाचा दीपक और  राजू छेत्री की देखरेख मे थी। वहीं उसकी मां नेपाल में थी। पिता के निधन और मां के दूर होने से वह मासूम किस परिस्थिति से गुजरी होगी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। वह अपनी दोस्त फलक क साथ खेलती पढ़ती रही। 

BAJRANGI BHAIJAN की भूमिका निभायी न्यूटाउन के युवाओं ने
BAJRANGI BHAIJAN की भूमिका निभायी न्यूटाउन के युवाओं ने


उसके चाचा एवं न्यूटाउन सतीर्थ क्लब के सदस्यों ने उसे उसकी मां तक पहुंचाने का फैसला लिया। एक ओर कोरोना संकटउपर से लॉकडाउन की समस्या थी। वहीं मामला एक शहर से दूसरे शहर का होता तो ठीक था, यहां एक देश से दूसरे देश तक बच्ची को ले जाना था। बजरंगी भाईजान की भूमिका निभायी उसके चाचा राजू, सतीर्थ क्लब के सदस्य मोनी, मृणाल, सुमन और पत्रकार निशात ने।  वह लोग संयुक्ता को लेकर नेपाल बॉर्डर पर गये। उसकी मां से संपर्क उसे नेपाल बॉर्डर पर बुलाया। वहां आवश्यक दस्तावेज दिखाने के बाद कुछ आर्थिक सहायता देकर बिन बाप की बच्ची संयुक्ता को उसकी मां से मिलाया। 

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