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CAIT ने पीयूष गोयल से राष्ट्रीय खिलौना नीति बनाने का आग्रह किया

SUBHASH AGARWAL
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बंगाल मिरर, दलजीत सिंह, आसनसोल ः
CAIT ने पीयूष गोयल से राष्ट्रीय खिलौना नीति बनाने का आग्रह किया। CAIT की ओऱ से सुभाष अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को आज भेजे गए एक पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश में भारतीय खिलौनों के उत्पादन को बढ़ाने तथा अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भारतीय खिलौनों की पैठ बनाने के प्रधान मंत्री श्री के दृष्टिकोण के आव्हान के मद्देनज़र एक राष्ट्रीय खिलौने नीति बनाने का आग्रह किया है ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 अगस्त को अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में भारतीय खिलौने निर्माताओं से अच्छी क्वालिटी के खिलौने बनाने और खिलौनों के वैश्विक खिलौने बाजार जो लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का है में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने का आह्वान किया था

श्री गोयल को भेजे अपने पत्र में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान की सराहना करते हुए कहा की इससे यह साफ़ जाहिर है की प्रधान मंत्री ने भारतीय खिलौना क्षेत्र को सरकार की प्राथमिकता पर ले लिया है। निस्संदेह, भारतीय खिलौना क्षेत्र काफी विरासत, परंपरा, विविधता और युवा आबादी के साथ समृद्ध है जो भारत में गुणवत्ता वाले उच्चतम मानकों के खिलौनों के उत्पादन करने में सक्षम है जो न केवल घरेलू बाजार की आवश्यकता को पूरा करने बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में एक प्रभावशाली हिस्सेदारी भी दर्ज कर सकता है!

चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए कसी कमर

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि कैट के तत्वावधान में टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने प्रधान मंत्री मोदी के आव्हान को स्वीकार करते हुए इस बाज़ार की चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए कमर कस ली है ! इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में सभी प्रकार के खिलौनों के निर्माण के लिए मापदंडों और दिशानिर्देशों को तैयार करने के लिए “राष्ट्रीय खिलौने नीति” की आवश्यकता है। समय के साथअब मैकेनिकल खिलौनों की जगह इलेक्ट्रॉनिक खिलौने उपभक्ताओं की पसंद बन गए हैं


हालांकि भारतीय खिलौने उद्योग में इलेक्ट्रॉनिक खिलौने बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा है, फिर भी नई एवं उच्चतम तकनीकी और विभिन्न प्रकार के डिजाइन के खिलौनें उपभोक्ताओं की पसंद बन गए हैं और इस दृष्टि से खिलौना निर्माताओं को सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय खिलौने नीति की जरूरत है जिसके जरिये सरकार खिलौने निर्माताओं को सहयोग दे सके ! कैट ने श्री गोयल से आग्रह किया है कि प्रधान मंत्री की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भारतीय खिलौना क्षेत्र को मजबूत बनाने हेतु वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों एवं खिलौना उद्योग के प्रतिनिधियों को साथ लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए।

बीआईएस मानक अनुपालन की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ायी गयी

बीआईएस मानकों के अनुपालन के लिए खिलौना निर्माताओं के लिए अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने श्री गोयल को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 1 जनवरी, 2021 से बीआईएस मानकों के लागू होने के बाद उससे पूर्व बने खिलौनों एक बड़ी मात्रा में देश भर में खिलौना व्यापारियों के पास स्टॉक के रूप में होंगे होगी। इस संदर्भ में यह उचित होगा यदि व्यापारियों को 1 जनवरी, 2021 के बाद इस प्रकार के स्टॉक को बेचने की अनुमति दी जाए जो इस तारीख से पहले बना है !

सरकार ने फरवरी, 2020 में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें खिलौना निर्माताओं के लिए 31 अगस्त, 2020 तक बीआईएस मानदंडों का अनुपालन करने का एक अनिवार्य प्रावधान किया गया था। कैट के एक ज्ञापन को स्वीकार करते हुए श्री गोयल ने इस तारीख को 31 अगस्त, 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया।

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2020 में कार्यान्वयन की तारीख से पहले निर्माताओं द्वारा उत्पादित स्टॉक के बारे में कुछ नहीं कहा गया है जिससे न केवल बहुत भ्रम पैदा हो रहा है ।

बल्कि निर्माताओं और रिटेलरों का बड़ा नुक्सान होने की संभावना भी है ! लाइसेंस लेने के आवेदन देने के बाद भी बीआईएस को निरीक्षण के बाद लाइसेंस देने और परीक्षण के लिए नमूने भेजने में लगभग 3-4 महीने लगेंगे। जब तक निर्माताओं को इस समय तक उत्पादन जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक इन इकाइयों को बंद करना होगा।

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने श्री गोयल से आग्रह किया कि वे कट ऑफ डेट से पहले निर्मित माल के स्टॉक की बिक्री की अनुमति दें ! उपरोक्त कट ऑफ डेट से पहले माल का उत्पादन किया गया tha यह साबित करने का दायित्व खिलौने व्यापारी पर होगा क्योंकि कानूनी और मेट्रोलॉजी अधिनियम के तहत खिलौनों पर बैच नंबर और लॉट संख्या का उल्लेख किया जाना जरूरी है।

वो इस बात को साबित करेगा की खिलौनों कब बने हैं । उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कानूनी और मेट्रोलॉजी विभाग को किसी भी अस्पष्टता या भ्रम को दूर करने के लिए 31 दिसंबर, 2020 तक बने खिलौनों पर चिपकाने के लिए स्टिकर जारी करने की सलाह दी जानी चाहिए।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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