CAIT का सरकार से e-commerce पालिसी जल्द लागू करने का आग्रह
कैट का ई कॉमर्स पोर्टल भारत ई मार्किटअक्टूबर में होगा लांच
बंगाल मिरर, आसनसोल , दलजीत सिंह : CAIT का सरकार से e-commerce पालिसी जल्द लागू करने का आग्रह किया है। कैट के वरिष्ठ पदाधिकारी व फास्बेक्की अध्यक्ष सुभाष अग्रवाला ने कहा कि
देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन और भारत के घरेलू व्यापार के जबरदस्त पैरोकार कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से ई कॉमर्स नीति को अविलम्ब लागू करने का आग्रह किया है !
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के आव्हान को ई कॉमर्स व्यापार के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कैट ने कहा की भारतीय ई-कॉमर्स बाजार को बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपनी गलत व्यापारिक प्रथाओं के द्वारा बेहद विषाक्त कर दिया है और दूसरी ओर देश के उपभोक्ता तेजी से ई कॉमर्स के जरिये सामान खरीद रहे हैं,
इन परिस्थितियों में एक मजबूत और बेहतर रूप से परिभाषित ई कॉमर्स पॉलिसी भारत के लिए बेहद जरूरी है ताकि भारत के छोटे व्यवसायों को बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के कुचक्रों और षड्यंत्रों का शिकार न होना पड़े !
ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कैट अक्टूबर में अपने ई-कॉमर्स पोर्टल भारतईमार्किट को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। ई-कॉमर्स नीति के साथ कैट ने ई-कॉमर्स व्यवसाय के सुचारू संचालन एवं देख रेख के लिए एक ई कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन का भी आग्रह किया है
जिसे ई-कॉमर्स नीति का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को दंडित करने का पर्याप्त अधिकार हो ! कैट ने यह भी कहा है कि ई-कॉमर्स के लिए एफडीआई नीति में कोई छूट की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ई-कॉमर्स के लिए एफडीआई मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
कैट ने पूर्व में विभिन्न मंचों पर भारत की एफडीआई पालिसी में ई कॉमर्स पर कोई समझौता न करने में सरकार की नीति को जोरदार तरीके से रेखांकित करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल की प्रशंसा करते हुए कहा की देश के व्यापारियों को इससे उम्मीद बंधी हैं की ई कॉमर्स पालिसी एक समान स्तर की प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाएगी !
ई-कॉमर्स भविष्य का आशाजनक व्यवसाय
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने ई-कॉमर्स को भविष्य का आशाजनक व्यवसाय बताते हुए कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन व्यापार में बड़ी वृद्धि हुई है और इसीलिए परिभाषित मापदंडों और दिशानिर्देशों के साथ ई कॉमर्स नीति का होना आवश्यक है को यह तय करेगी की देश में ई कॉमर्स व्यापार कैसे चलेगा !
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स व्यवसाय जो कोविड से पहले लगभग 6% था वह अब वर्तमान में 24% हो गया है ! शहरी क्षेत्रों में 42% इंटरनेट उपयोगकर्ता अब ई-कॉमर्स के माध्यम से अपनी खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि, भारत में दुकाने भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी बशर्ते कि सरकार इसके लिए जरूरी समर्थन नीति जारी करे !
ई-कॉमर्स बाजार 2026 तक 200 बिलियन डॉलर
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स बाजार 2026 तक 200 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है जो वर्तमान में लगभग 45 बिलियन डॉलर है। यह वृद्धि देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन के इस्तेमाल की वजह से है ! देश में लगभग 687 मिलियन डिजिटल उपयोगकर्ता हैं जिनमें से लगभग 74% ई-कॉमर्स व्यवसाय में सक्रिय हैं। अगले साल तक कुल इंटरनेट उपयोग बेस 830 मिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है।
भारत में इंटरनेट अर्थव्यवस्था 2021 तक वर्तमान में 150 बिलियन डॉलर से बढ़कर 250 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इंटरनेट से राजस्व जो वर्तमान में लगभग 50 बिलियन डॉलर है वो 2021 तक 120 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।
5G तकनीक के जल्द ही शुरू होने की उम्मीद
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि 2007 में भारत में इंटरनेट की पहुंच महज 4 प्रतिशत थी जो 2019 में 52.08 प्रतिशत हो गई! वर्ष 2007 और 2019 के बीच 24 प्रतिशत का सीएजीआर दर्ज किया गया। 5G तकनीक के जल्द ही शुरू होने की उम्मीद में यह संख्या बेहद तेजी से बढ़ेगी जिससे भारत में तकनीकी क्रांति आएगी और बड़ी संख्यां में लोग डिजिटल कॉमर्स को अपनाएंगे !
उन्होंने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया और इनोवेशन फंड जैसी सरकार की विभिन्न पहलों का जिक्र तैरते हुए कहा की इनके द्वारा भी ई कॉमर्स व्यापार को बढ़ावा मिलेगा ! टेक्नॉलॉजी ने डिजिटल पेमेंट, हाइपर-लोकल लॉजिस्टिक्स, एनालिटिक्स से संचालित कस्टमर एंगेजमेंट और डिजिटल विज्ञापनों जैसे नए विचारों को जन्म दिया है जिससे भी भारत में ई-कॉमर्स व्यापार बढ़ेगा !
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि इन परिस्थितियों के सन्दर्भ में ई कॉमर्स नीति के अभाव में घरेलू खुदरा व्यापार में शामिल 7 करोड़ से अधिक छोटे व्यापार शामिल हैं बुरी तरह से विकृत हो जाएगा और इस दृष्टि से एक ईकॉमर्स नीति की बहुत आवश्यकता है । हालांकि कैट अक्टूबर में अपने ई-कॉमर्स पोर्टल भारतईमार्किट को लॉन्च करने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है
जो व्यापारियों का, व्यापारियों द्वारा और व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए एक बहुत ही अलग तरीके का पोर्टल होगा, को ऑनलाइन व्यापार के साथ व्यापारियों की दुकानों को भी बड़ा लाभ देगा !