Hathras पीड़िता का Asansol से गहरा नाता
बंगाल मिरर, एस सिंह (क्राइम रिपोर्टर) आसनसोल: आज जिस हाथरस कांड को लेकर पूरे देश की राजनीति में बवंडर उठा है। उस Hathras कांड की पीड़िता का Asansol से गहरा नाता है।
इस्पात नगरी बर्नपुर का नाम सीधे उत्तर प्रदेश के Hathras कांड की पीड़िता से जुड़ा है। टीवी पर पीड़िता के माता और पिता को यहां रहने वाले परिजनों ने पहचान लिया। मृतका के पिता बर्नपुर के रहने वाले थे। बर्नपुर में शहर में ही पले बढे । यहां तक कि शादी भी यहीं से हुई। पीड़िता के दादा बर्नपुर इस्को स्टील फैक्ट्री के कर्मचारी थे। पीड़ित परिवार के सदस्य अभी भी बर्नपुर में हैं। कोई मृतका का चाचा है या कोई मृतका के पिता का चचेरा भाई है। वे सभी चाहते हैं कि मामले में दोषियों को सजा मिले। उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाए।
बंगाल में बहुत सुरक्षित,जाति की राजनीति नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि वे पश्चिम बंगाल में बहुत सुरक्षित हैं। क्योंकि यहां कोई जाति की राजनीति नहीं है। पता चला है कि मृतका दादा इस्को के सफाई विभाग में कार्यरत था। उनके सहयोगी रहे निताई बाउरी ने कहा कि वह 1999 में वीआरएस लेकर यहां से चले गए। सबसे पहले वे न्यूटाउन के स्वीपर क्वार्टर में रहते थे। बाद में वे बर्नपुर के रंगापारा चले गए। उनका बेटा बर्नपुर बॉयज़ स्कूल का छात्र था। बेटे की शादी यहीं से हुई है। उसके चचेरे भाई यहां है।
उसने कहा कि “हम दो भाइयों ने एक साथ अध्ययन किया,” पिछले साल पीड़िता के पिता बर्नपुर कारखाना क्षेत्र में बकाया लेने आए थे। मैं घर पर था। उस थोड़े से पैसे को पाने के बाद, उसने खुशी-खुशी अपनी बड़ी बेटी की शादी की। “हम इस घटना से हैरान हैं,” उन्होंने कहा। वहां उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। “हम यहां काम करने आए हैं लेकिन हमने पक्के मकान बनाए हैं,” उन्होंने कहा। कोई अन्य राज्य पश्चिम बंगाल जितना सुरक्षित नहीं है। यहां कोई उच्च और निम्न जाति भेद नहीं हैं। पश्चिम बंगाल बाउरी सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष राजबंशी बाउरी ने कहा, “पीड़िता के साथ हमारे शहर का खून का रिश्ता है। इसलिए हमलोगों ने एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है। हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले।