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FLIPKART-ABOF डील पर CAIT ने उठाये सवाल

पियूष गोयल को पत्र भेजकर कैट ने बताया सरकार की एफडीआई नीति का उल्लंघन

बंगाल मिरर, संजीव यादव, बराकर

सुभाष अग्रवाला की ✍से

आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल (ABOF) ने वॉलमार्ट (WALLMART) के स्वामित्व वाली ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (FLIPKART) को अपनी 7.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है। इस सौदे की शर्तों को एफडीआई नीति का उल्लंघन बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजकर इस सौदे को अनुमति न देने की मांग की है और कहा है की सरकार इस सौदे की शर्तों को पहले समझे और किस प्रकार से एफडीआई पालिसी का उल्लंघन हो रहा है ,

SUBHASH AGARWAL
SUBHASH AGARWAL

उसको दूर करके ही कोई इजाजत दे अन्यथा इस सौदे को रद्द किया जाए ! कैट ने खेद व्यक्त करते हुए कहा की देश भर के व्यापारी बिरला परिवार को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखते हैं क्योंकि बिरला परिवार का देश के आर्थिक, व्यापारिक,सामाजिक एवं धार्मिक विकास में बड़ा योगदान है और भारत की आजादी में भी बिरला परिवार ने एक बड़ी भूमिका का निर्वाह किया है किन्तु इसी बिरला परिवार के वशंज अब उन विदेशी कंपनियों के साथ गठजोड़ कर रहे हैं जिन्होंने ने देश के व्यापार को कब्ज़ा करने एवं व्यापारियों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है !

ABOF में 7.8 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी FLIPKART

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए अपने घोषणा वक्तव्य में आदित्य बिरला फैशन रिटेल ने बताया है की वालमार्ट के स्वामित्व वाली कम्पनी फ्लिपकार्ट उसकी कम्पनी में 7.8 प्रतिशत हिस्सा खरीद रही है और इस सौदे के बाद फ्लिपकार्ट ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर आदित्य बिरला फैशन रिटेल एक प्रेफर्ड सैलर के रूप में काम करेगा,

FDI पालिसी का उल्लंघन: cait

यह बताया गया है जो सीधे तौर पर एफडीआई पालिसी के प्रेस नोट न. 2 /2018 के पैरा 5 .2 . 15 .2 .4 ( v) का उल्लंघन है! मौजूदा एफ डी आई पालिसी किसी भी विदेशी कंपनी को ऐसी किसी भी कम्पनी में जिसमें उसका निवेश हो को ई कामर्स सहित मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग में किसी भी प्रकार के गठजोड़ की अनुमति नही देती है फिर चाहे वो ऑनलाइन ई कॉमर्स प्लेटफार्म से ही क्यों न जुड़ा हो, या बिज़नेस टू बिज़नेस की आड़ में ई कॉमर्स पर सामन बेचना हो, को पालिसी में स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है !

इस प्रावधान की दृष्टि से फ्लिपकार्ट का निवेश करने के बाद आदित्य बिरला फैशन रिटेल फ्लिपकार्ट या उससे सम्बंधित किसी भी ई कॉमर्स पोर्टल पर अपना सामान बेचने के लिए प्रतिबंधित हो जाता है जबकि ठीक इस प्रावधान के विरुद्ध जाते हुए आदित्य बिरला कम्पनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए अपने घोषणा वक्तव्य में फ्लिपकार्ट के पोर्टल पर अपना सामान बेचने की बात कही है !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की सरकार ने इस मुद्दे को पहले ही समझते हुए एफडीआई पालिसी में इस सम्भावना को प्रतिबंधित कर दिया था जिससे सरकार की यह नीयत साफ़ पता चलती है की देश में ई कॉमर्स के माध्यम से व्यापार बढ़े और व्यापार के आधुनिक तरीके भारत के व्यापार में भी अपनाएँ जाएँ

फ्लिपकार्ट ने फिर एफडीआई पालिसी के उल्लंघन का साहस किया

किन्तु इस सबसे देश के छोटे व्यापारियों को कोई नुक्सान नहीं उठाना पड़े, इस लिहाज से ही यह प्रावधान बहुत ही स्पष्ट तरीके से एफडीआई पालिसी में लाया गया था किन्तु फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा पूर्व में इस प्रावधान का उल्लंघन किये जाने और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से एक बार फिर फ्लिपकार्ट को बढ़ावा मिला है और अब आदित्य बिरला फैशन रिटेल के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट ने फिर एफडीआई पालिसी के उल्लंघन का साहस किया है !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने ,कहा की यह विदेशी निवेश ऐसे समय में हो रहा है जब विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने पहले ही हमारे देश के रिटेल व्यापार को बुरी तरह नुकसान पहुँचाया है और बाद में रही सही कसर कोरोना महामारी ने पूरी कर दी है। इन हालातो में सरकार कोस इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कैट ने श्री गोयल का ध्यान इस ओर खींचा है और मामले में तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है !

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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