झा, बगड़िया भी निलंबित किये जाये : पिन्टू
Chamber में व्यवसियों के साथ दोहरी नीति क्यों?
बंगाल मिरर, आसनसोल ः संपत्ति विवाद को लेकर आसनसल चैंबर आफ कामर्स के कार्यकारिणी सदस्य पिन्टू गुप्ता हमलावर हो गये हैं। चुनाव से पहले Chamber में व्यवसियों के साथ दोहरी नीति क्यों? का सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या यह Chamber किसी की पैतृक संपत्ति है ??? जो मनमाने तरीके से कुछ लोग इसको चला रहे हैं।



ओम बगड़िया ने अगस्त 2020 में मनोज साहा को 5 साल तक के लिए Chamber से निलंबित किया ये आरोप लगाकर कि 2019 के मई महीने में उन्होंने एक दुकान कम दाम में बेचा था। एक साल बाद उनको ये बात याद आयी जब उनके ऊपर और शम्भू झा पर भी यही गहन आरोप लगा और दोनों पर गैर जमानती धाराओं पर Criminal Case भी हुआ। उन्होंने तो कोई Case भी नहीं किया बल्कि उनके द्वारा किये गए अन्याय और अपराध के खिलाफ ने आवाज भी उठाया। मनोज साहा और श्रवण अग्रवाल के जैसे उनको दोनों को भी Chamber से 5 वर्षों तक क्यों नहीं निलंबित किया गया ?
Sr Vice President का Post बिना किसी सहमति से

उन्होंने कहा कि और अगर कोई गलत स्वार्थ ना होता तो President के पद से हटकर रातों रात उनके लिए Sr Vice President का Post बिना किसी सहमति से ना कोई Annual General Meetings ना ही Board Meeting हुआ
तो किस नियम के तहत एक नया post बना दिया गया ???? क्या जरूरत थी किसी नए post को बनाने की???? असल मे सोचने की जरूरत है आप सभी व्यवसायियों को कि अबकी बार बहुत बड़ा घोटाला होने वाला है । अब देखना है कि इसे लेकर ओम बगड़िया या शंभू झा क्या प्रतिक्रिया देते हैं। फिलहाल उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है।
गौरतलब है कि पिन्टू गुप्ता पहले शंभू झा और ओमबगड़िया के साथ ही पैनल में था। बाद में संपत्ति विवाद को लेकर सहमति न बनने पर उन्होंने पैनल छोड़ने की बात कही, जबकि वह लोग कह रहे है कि उन्हें पैनल से हटा दिया गया। अब पिन्टू गुप्ता ने खुलेआम मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे हैं।
तो क्या पैनल पर अभी भी है पिन्टू का प्रभाव
एक ओर पिन्टू पैनल छोड़ने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर वह पैनल में शामिल बिनोद गुप्ता, संजय तिवारी, राजा सिंह, प्रदीप बर्मन, मुकेश तोदी आदि के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। तो इससे सवाल उठ रहा है कि क्या पैनल पर अभी भी उनका प्रभाव है, या फिर पैनल का कोई अस्तित्व ही नहीं है।