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दिवाली में 72 हजार करोड़ का व्यापार हुआ देश भर में

भारत के व्यापारियों ने चीन को 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का बड़ा झटका दिया

बंगाल मिरर, संजीव यादव

सुभाष अग्रवाला की ✍ से

कोरोना महामारी के बड़े गम्भीर संकट के बीच इस वर्ष का दिवाली त्यौहार पूरी तरह से एक अलग ही अंदाज़ में पूरे देश में मनाया गया जिसमें कुछ बहुत ही नवीन विशेषताएं थीं जिनमें चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार, भारतीय सामानों का बड़े पैमाने पर उपयोग के साथ-साथ भारत में आठ महीने का व्यापार का निर्वासन समाप्त हुआ ! वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) के नेतृत्व में देश भर में व्यापारियों ने धड़ मज़बूती से देश के कोने कोने में लागू किया . ।

इस वर्ष दिवाली आ के त्योहारी सीजन के दौरान देश भर के बाजारों में हुई मजबूत बिक्री भविष्य में अच्छी व्यापारिक संभावनाओं को इंगित करती है वहीँ यह भी स्पष्ट हो गया की भारत के लोगों ने उत्सव के सामानों की खरीद-बिक्री के मामले में कोरोना और चीन दोनों को पछाड़ दिया है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश के 20 अलग-अलग शहर जो देश भर में सप्लाई चैन के प्रमुख वितरण केंद्र है, से एकत्रित रिपोर्टों के अनुसार दीवाली त्यौहार सीजन बिक्री से देश भर में लगभग 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ और चीन को सीधे तौर पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का व्यापार घाटा हुआ।

पटाखों के निर्माणकर्ता एवं विक्रेताओं को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान

हालाँकि, उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से जिसमें पटाखे की नीति का अभाव मुख्य कारण रहा, जिसके चलते बड़े एवं छोटे तथा बेहद मामूली स्तर के पटाखों के निर्माणकर्ता एवं विक्रेताओं को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ। । 20 शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, रांची, भोपाल, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, जम्मू, अहमदाबाद, सूरत, कोचीन, जयपुर, चंडीगढ़ को कैट “वितरण शहर” मानता है और विभिन्न विषयों पर नियमित सर्वेक्षण कराता है !

अगली दिवाली तक बाजार 14000 को छूने का अनुमान

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि यदि सेंसेक्स कोई संकेतक है तो निश्चित रूप से देश में व्यापार के लिए एक उज्ज्वल भविष्य है, क्योंकि स्टॉक एक्सचेंजों के सभी प्रमुख सूचकांक निफ्टी के साथ-साथ भविष्य के बेहद अच्छे परिणाम दिखाते हैं !

दिवाली पर महूर्त ट्रेडिंग पर बीएसई 12780 पर और निफ़्टी 43, 637.98 पर बंद हुआ। पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली सूचकांकों ने कोरोना और लॉक डाउन के प्रभाव के बावजूद लगभग 10 प्रतिशत इजाफा किया ! वृहद मोर्चे पर रिकवरी के अच्छे संकेतों और लगातार हो रहे निवेश के जारी रहने के कारण अगली दिवाली तक बाजार 14000 को छूने का अनुमान है।

वस्तुओं की बिक्री बहुत अच्छी

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया की रिटेल व्यापार के विभिन्न वर्गों जिसमें खास तौर पर भारत में बने एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सफेद सामान, रसोई के सामान, उपहार की वस्तुएं, मिठाई- नमकीन , घर का सामान, टेपेस्ट्री, बर्तन, सोना और गहने, जूते, घड़ियाँ , फर्नीचर, फिक्सचर ,वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, घर की सजावट का सामान, मिट्टी के दिए सहित दीवाली पूजा का सामान, सजावटी सामान जैसे दीवार की लटकने ,हस्तकला की वस्तुएं, वस्त्र, घर द्वार पर लगाने वाले शुभ-लाभ,ओम, देवी लक्ष्मी के चरण आदि अनेक त्यौहारी सीजन वस्तुओं की बिक्री बहुत अच्छी रही !

2021 तक चीन से एक लाख करोड़ रुपये के आयात को कम करने के लिए पूरी तरह संकल्पित

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि जैसा कि अपेक्षित था, साल चीनी उत्पादों का बहिष्कार करके हिंदुस्तानी दिवाली मनाने के कैट के अभियान को देश भर से व्यापक समर्थन मिला ”देश के व्यापारियों और लोगों ने बहुत मजबूती के साथ चीन को रु .40,००० करोड़ के व्यापार का बड़ा झटका दिया और चीन को यह कड़ा सन्देश दिया की वो भारत को डंपिंग यार्ड न समझे और भारत के रिटेल व्यापार पर कब्ज़ा करने की उसकी मंशा का मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा ”।

कैट के प्रयासों से इस वर्ष पहली बार दिवाली पर बड़ी संख्या में लोकल कारीगरों, मूर्तिकारों, हस्तशिल्प श्रमिकों और विशेष रूप से कुम्हारों के बनाये उत्पादों को एक बड़ा बाज़ार मिला और उन्होंने ने भी अच्छा व्यापार किया । देश भर में न तो व्यापारियों ने चीनी सामान बेचा और न ही उपभोक्ताओं ने चीनी सामान की मांग की। “देश भर के व्यापारी कैट के आव्हान पर दिसंबर, 2021 तक चीन से एक लाख करोड़ रुपये के आयात को कम करने के लिए पूरी तरह संकल्पित हैं !

पूरे देश में बाजारों, कार्यालयों और घरों एवं दुकानों को मिट्टी से बने छोटे तेल के दीयों से सजाया गया था ! पारंपरिक भारतीय सामानों का भी दुकानों और घरों को सजाने के लिए भी बड़ा इस्तेमाल हुआ ! इस बार का दिवाली त्यौहार भारतीय त्योहारों को मनाने की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक तरीकों का सही चित्रण था।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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