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BMS हड़ताल में नहीं : जयनाथ

बीएमएस ने हड़ताल को बताया राजनीतिक

बंगाल मिरर, आसनसोल : भारतीय मजदूर संघ पश्चिम बंगाल प्रदेश के महामंत्री उज्जवल मुखर्जी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आगामी 26 नवम्बर 2020 को आहुत चक्काजाम या किसी भी तरह की बन्दी हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ BMS नहीं है। यह बन्दी पूर्ण रूप से राजनीतिक है।

जयनाथ चौबे

यही कारण है कि बीएमएस किसी राजनीतिक बन्दी का समर्थन नहीं करता है। मजदूरों की समस्याओं के निराकरण के लिए बीएमएस हमेशा सकारात्मक संघर्ष के माध्यम से आन्दोलनरत है किन्तु राजनीतिक लाभ के उद्देश्यों से बुलाई गई किसी हड़ताल या बन्दी का समर्थन बीएमएस न कभी किया है और ना ही करेगा।

वहीं प्रदेश बीएमएस के सचिव जय नाथ चौबे ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के नाम पर कुछ लोगों के द्वारा भ्रामकता फैलाने का काम किया जा रहा है इसलिए यह प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एवं बीएमएस के पदाधिकारियों को अखिल भारतीय महामंत्री श्री विनय कुमार सिन्हा जी के निर्देशानुसार बीएमएस 26 नवम्बर 2020 की हड़ताल में शामिल नहीं है।

जय नाथ चौबे ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ कोविड – 19 के चलते कोरोना योद्धाओं के समर्थन में खड़ा है और सेवा कार्य में सक्रिय रूप से जरूरतमंदों की सेवा में भण्डारा के माध्यम से भोजन, कपड़ा और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किया ।

जिसकी वजह से श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के बारे में लोगों द्वारा यह सोंचने पर मजबूर होकर यह कहना पड़ा कि क्या सेवा कार्य में सक्रिय श्रमिक संघ के लोग भी इतना तत्पर रहते है? श्रमिक संगठनों के बारे में लोगों को यह संदेश गया कि बीएमएस वास्तविक रूप में वृहत्तर सामाजिक संगठन है ।

हड़ताल गैर जरूरी

आज विषम परिस्थितियों में देश की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकुल टिक्का – टिप्पणी करने वाले लोगों को यह सोचना चाहिए कि बन्दी से देश की आर्थिक स्थिति और खराब होगी अथवा सुदृढ़ ? मजदूर विरोधी नीतियों के विरूद्ध बीएमएस सरकार से दो-दो हाथ कर रहा है और कुछ मामलों में हस्तक्षेप के बाद सफलता भी मिली है हमें इस सत्य को स्वीकार भी करना चाहिए। कुलमिलाकर बीएमएस 26 नवम्बर 2020 की राजनीति हड़ताल का विरोध करता है क्योंकि यह हड़ताल गैर जरूरी है क्योंकि यह राजनीतिक से प्रेरित है।

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