अमित शाह पर तृणमूल का हमला : ममता ने कभी नहीं बदली पार्टी : सुब्रत



बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता: गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे से भारतीय जनता पार्टी और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ गई है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर अपने बयानों के जरिए हमला करना तेज कर दिया है। तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी का कहना है कि गृह मंत्री के दौरे और कुछ तृणमूल नेताओं को भाजपा में शामिल करने से कुछ नहीं होगा। ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनेंगी।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुब्रत मुखर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हुईं। ममता दल बदलने वाली नेता हैं लेकिन 1998 में उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर एक नई पार्टी बनाई थी। वो कभी भी किसी और पार्टी से नहीं जुड़ीं। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे के पहले दिन मेदिनीपुर में एक जन सभा को संबोधित किया था। यहां 11 विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि ममता बनर्जी ने खुद दूसरी पार्टी के बल पर अपनी पार्टी बनाई थी। अब यहां भाजपा की सरकार बनेगी।
भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कवायद, पवार ने ममता को किया फोन
वही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के बीच ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को फोन कर बीजेपी के खिलाफ उनकी लड़ाई में साथ देने की बात कही है। इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख ने कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन और टीएमसी के आंदोलन को समर्थन देने की बात भी कही है। बता दें कि इसके पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ममता बनर्जी के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की थी।
अरविंद केजरीवाल ने बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा डेपुटेशन पर भेजे जाने का विरोध किया था। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के बड़े नेता लगातार बंगाल का दौरा कर राज्य सरकार की नीतियों पर हमला बोल रहे हैं। भाजपा का दावा है कि अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी बंगाल में सरकार बनाएगी। सूत्रों के अनुसार शरद पवार ने ममता बनर्जी को आश्वस्त किया है कि वह बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए बंगाल आएंगे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले भी ममता बनर्जी, शरद पवार सहित बीजेपी विरोधी नेताओं ने एकजुट होने की कोशिश की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह कोशिश बिखर गई थी।
सूत्रों के अनुसार शरद पवार ने ममता बनर्जी को कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही। इधर, वरिष्ठ तृणमूल नेता व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने दावा किया है कि शुभेंदु अधिकारी जैसे नेताओं के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। अगली बार भी ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी की सरकार बनेगी।