RANIGANJ के लिए उठी महत्वपूर्ण मांगें
बंगाल मिरर, वरिष्ठ संवाददाता, रानीगंज : RANIGANJ के लिए उठी महत्वपूर्ण मांगें। रानीगंज चैंबर आफ कामर्स की ओर से रानीगंज से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रशासन से मांग की गई है। चैंबर अध्यक्ष संदीप भालोटिया ने कहा कि रानीगंज को पश्चिम बर्द्धमान जिले में महकमा बनाया जाये। यह पश्चिम बंगाल के प्राचीनतम एवं ऐतिहासिक शहरों में से हैं। 1847 से 1906 तक यह एक महकमा था। देश की पहली कोयला खदान 1774 में यही खुली थी। लेकिन रानीगंज को जो महत्व मिलना चाहिए, वह नहीं मिला। बर्द्धमान जिले का विभाजन कर आसनसोल जिला मुख्यालय बना है, तो रानीगंज को महकमा बनाया जाये।
ट्रेड लाइसेंस, टैक्स का हो समाधान
चैंबर अध्यक्ष संदीप भालोटिया ने कहा कि नगरनिगम के ट्रेड लाइसेंस एवं होल्डिंग टैक्स में पारदर्शिता लाई जाए। इससे संबंधित दिशा निर्देश बोरो कार्यालय रानीगंज में प्रदर्शित किये जाए। व्यापारियों ने 2017-18 के अनुसार कामर्शियल टैक्स कराया है। वहीं जब 2019-20 का ट्रेड लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं, तो उनसे 2015-16 तथा 2016-17 का टैक्स भी बढ़ी दर से मांगा जा रहा है।
जिसके कारण काफी ट्रेड लाइसेंस लंबित है। प्रापर्टी टैक्स एवं ट्रेड लाइसेंस को एक साथ हीं जोड़ा जाए। दुर्गापुर समेत अन्य निकायों में ऐसा नहीं है। 2016 में 5 वर्ष का टैक्स देने बाद भी उनसे बीते वर्षों का टैक्स बढ़े दर से मांगा जा रहा है। उन्होंने आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण(अड्डा) से एनओसी की जटिल प्रक्रिया से आम जनता से लेकर उद्योगपति सभी परेशान हैं। जमीन का कन्वर्जन कराने के दौरान उनलोगों को डबल टैक्स देना पड़ रहा है।
बाइपास के लिए फंड का आवंटन किया जाए
चैंबर अध्यक्ष संदीप भालोटिया ने कहा कि एनएसबी रोड रानीगंज की लाइफलाइन है। इस पर ट्रैफिक के कारण लाखों लोगों को परेशानी होती है। इसके बदले शहर से बाहर होकर बाईपास मेजिया से पांडेश्वर तक वाया मंगलपुर जल्द बनाया जाए। इसके लिए फंड का आवंटन किया जाये। अजय-दामोदर नाम के इस प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 33 किलोमीटर है।