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जितेन्द्र नहीं आये निगम मुख्यालय, सस्पेंस बरकरार

बंगाल मिरर, आसनसोल ः जितेन्द्र नहीं आये निगम मुख्यालय, सस्पेंस बरकरार। तृणमूल कांग्रेस में वापस लौटने के बाद जितेन्द्र तिवारी कोलकाता से आसनसोल लौट आये हैं। लेकिन सोमवार को वह नगरनिगम मुख्यालय में नहीं आये। इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है। वहीं पार्टी में उनकी भूमिका क्या होगी, इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं इसे लेकर उन्होंने भी कोई टिप्पणी करने से इंकार किया है।

जितेन्द्र तिवारी इस्तीफा देकर वापस टीएमसी लौटकर कोलकाता में ही थे। रविवार की शाम कोलकाता से आसनसोल लौट आये। लेकिन सोमवार को सभी की निगाहें निगम मुख्यालय पर टिकी थी कि वह कार्यालय में आते हैं या नहीं, नगरनिगम का वाहन उन्हें लेने के लिए उनके घर भी गया था। लेकिन वह कार्यालय में नहीं आये। इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।

जितेन्द्र का यू -टर्न बना रहस्य

तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफे के 24 घंटे के कुछ घंटे बाद ही जितेंद्र तिवारी के वापस आने को लेकर अभी भी रहस्य की स्थिति बनी हुई है। संभावना जताई जा रही थी कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। लेकिन वह भाजपा में जाने के बजाय वापस टीएमसी में ही रह गये। इसके पीछे क्या कारण रहा, क्या टीएमसी की ओर से उनपर कुछ दबाव बनाया गया, जिसके कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा या फिर भाजपा में उनके विरोध में जो स्वर बुलंद हुए, इसके कारण वह भाजपा में जाने का साहस नहीं दिखा पाये।

क्योंकि भाजपा में उनकी जाने की अटकलों पर केंद्रीय बाबुल सुप्रियो, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, प्रदेश महासचिव सायंतन बसु, प्रदेश नेता कृष्णेंदु मुखर्जी, जिलाध्यक्ष लखन घुरई सभी मुखर हो गये थे। सभी खुलकर उनका विरोध करने लगे थे। वहीं इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सबसे बड़ी बात यह थी कि जितेंद्र तिवारी ने कभी यह नहीं कहा था कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को लेकर भी कोई बुरी बात नहीं कही थी न ही उनपर कोई आरोप लगाया था। बल्कि बार-बार यही कहते रहे कि वह टीएमसी में सिर्फ दीदी को ही मानते हैं। वह बात करेंगे तो उन्हीं से ही करेंगे। टीएमसी के और किसी नेता से वह बात नहीं करेंगे।

लेकिन शुक्रवार की रात उन्होंने जब यू टर्न लिया तो अपनी गलती के लिए माफी मांगी और कहा कि दीदी से चर्चा करने की मेरी क्षमता नहीं हैं। जो कुछ भी है दीदी ने ही दिया है। उनकी जो मांगें थी उनको मान लिया गया है। फिरहाद और अन्य नेताओं को बड़ा भाई बताते हुए कहा कि वह इस गलती के लिए दीदी से माफी मांगेगे।

आसनसोल के विकास के लिए मिल सकता है विशेष फंड

आसनसोल नगरनिगम के प्रशासक बोर्ड चेयरमैन जितेंद्र तिवारी के इस्तीफे को लेकर बीते तीन-चार दिन तक शिल्पांचल में हुए घटनाक्रम के बाद शिल्पांचल के लाखों लोग सवाल कर रहे हैं कि इससे आसनसोल की जनता को क्या लाभ मिलेगा। क्या राज्य सरकार आसनसोल के विकास के लिए अलग से फंड का आवंटन करेगी। राज्य में कुछ महीने बाद ही चुनाव होने वाले हैं।

वहीं नगरनिगम में निर्वाचित बोर्ड भी नहीं है। इस स्थिति में राज्य सरकार एक प्रशासकीय बोर्ड को नियुक्त किया है। अब देखना है कि चुनाव से पहले आसनसोल के लोगों को इस विवाद से कुछ लाभ होता है या नहीं। सूत्रों का कहना है कि इस विवाद के बाद राज्य सरकार द्वारा आसनसोल के विकास के विशेष फंड का आवंटन किया जा सकता है।

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Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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