PURULIA-BANKURA

70 करोड़ लोगों तक सुरक्षित पानी पहुंच की कमी

आरटीपीएस रघुनाथपुर अपने सीएसआर के दायरे में 04 स्कूलों में सौर ऊर्जा संचालित पेयजल प्रणाली द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी

बंगाल मिरर, रघुनाथपुर (पुरुलिया) : मिलेनियम डेवलपमेंट गोल (एमडीजी) के अंतर्गत सुरक्षित और निरंतर जल सेवाएं सुनिश्चित करने के कई कदम उठाने के बावजूद भी वैश्विक स्तर पर आज भी लगभग 70 करोड़ लोगों तक सुरक्षित पानी की पहुंच की कमी है, सुरक्षित और निरंतर जल सेवाएं सुनिश्चित करना एक चुनौती है। पेयजल एवं स्वच्छता पर 2015 का नया Sustainable Development Goals (SDG ) और अधिक महत्वाकांक्षी है और यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य है कि 2030 तक सभी के पास पेयजल के सुरक्षित और विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध हों।

जन जन तक सुरक्षित जल पहुंच के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए,सीएसआर योजना के तहत दामोदर घाटी निगम (DVC) रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन नए और अभिनव समाधानों पर काम करने के लिए प्रायसरत है जो सस्ती, बड़े पैमाने पर उपयोग में लाने लायक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ हो । सौर ऊर्जा संचालित जल प्रणालियों में इन सभी मानदंडों को पूरा करने की क्षमता है,जो गांवों में उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।

डीवीसी की सीएसआर नीति को भारत सरकार के व्यापक नीतिगत दिशानिर्देशों के अंतर्गत इस प्रकार से बनाया गया है की समाज के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरण संबंधी समस्याओं को स्थायी तरीके से दूर किया जा सके।

सभी के लिए निरंतर और सुरक्षित पेयजल” योजना

आरटीपीएस रघुनाथपुर अपने सीएसआर के दायरे में “सभी के लिए निरंतर और सुरक्षित पेयजल” योजना के अंतर्गत पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डायरेक्टोरेट (PHE.Dte) मैकेनिकल डिवीजन, पुरुलिया द्वारा सौर ऊर्जा संचालित पेयजल प्रणाली की स्थापना के सन्दर्भ में एक समझौता किया है । इस योजना के तहत हांसापाथर, गुनियारा, नारगोरिया और दुर्मुट गाँवों में 04 स्कूलों में सौर ऊर्जा संचालित पेयजल प्रणाली द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।

इस परियोजना लागत 30.13 लाख रूपये की है । डीवीसी की इस पहल से स्कूली बच्चों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी निरंतर एवं पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित होगा। इस योजना में एक उच्च क्षमता वाले बोरवेल के साथ एक सौर ऊर्जा आधारित सबमर्सिबल पंप, के द्वारा पानी को एक उच्च क्षमता वाले एक ऊंचे टैंक में संग्रहित किया जा सकता है और पानी को पाइपलाइन के द्वारा स्कूली बचो एवं ग्रामीणों के जरुरत के हिसाब से उपयोग में लाया जा सकता है।

इस संबंध में मुख्य अभियंता एवं परियोजना प्रधान आरटीपीएस असीम नंदी ने 30,13,580 / – रुपये का चेक पीएचई पुरुलिया मैकेनिकल डिपार्टमेंट के कार्यकारी अभियंता सुमन दत्ता और सहायक अभियंता के के महापात्रा को सौंपा । आज डीवीसी आरटीपीएस के यांत्रिकी भवन में हुए इस कार्यक्रम के दौरान डीजीएम (एचआर) आर पी सिन्हा, डीजीएम (वित्त) टी घटक, एसई (सिविल) एस के दास, प्रबंधक सीएसआर आरटीपीएस मोहम्मद शमीम अहमद आरटीपीएस उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री नंदी ने कहा कि सौर ऊर्जा आधारित पेयजल प्रणाली स्कूल और गांवों में सुरक्षित और पर्यावरणीय रूप से स्थायी पानी की सुविधा सुनिश्चित करेगी, डीवीसी सभी को सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शमीम अहमद, प्रबंधक सीएसआर डीवीसी रघुनाथपुर द्वारा बताया गया की सौर आधारित सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल व्यवस्था जो स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को पीने के पानी बिना बिजली पर निर्भर रहे चौबीसों घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, यही डीवीसी का मकसद है, जिसके लिए deposit money पीएचई मैकेनिकल डिवीजन पुरुलिया को सौंपा गया है। पीएचई इस योजना को लागू करेगा और काम पूरा होने के बाद फण्ड की उपयोगिता प्रमाणपत्र डीवीसी को प्रदान करेगी ,

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