ASANSOL

पत्थर खदान में दो युवतियों की मौत, गोताखोर ने निकाले शव

बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल उत्तर थानान्तर्गत कल्ला माझी पाड़ा में  बंद पत्थर खदान से दोनों युवतियों का शव गोताखों ने बरामद किया।  गुरुवार सुबह की घटना की खबर से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। खबर मिलने पर आसनसोल नॉर्थ पुलिस इलाके में आई। बाद में आसनसोल फायर ब्रिगेड भी इलाके में आ गई। लेकिन अग्निशामकों और स्थानीय निवासियों के लिए 150 फुट गहरी पत्थर खदान के अंदर खोज करना संभव नहीं था। इसलिए पश्चिम बर्दवान जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन के गोताखोरों की टीम को बुलाया गया। 

file photo
file photo

सुबह से ही पत्थर खदान क्षेत्र में रह रहे लोगों की भीड़ लगी हुई थी। गोताखोरों की टीम ने गहरे गड्ढे के पानी में उतरकर दोनों युवतियों की तलाश शुरू की। दोपहर करीब 1.30 बजे गड्ढे के पानी से दो  शव बरामद किए गए। बचाव दल का दावा है कि दोनों की सलवार कमीज भी एक-दूसरे से बंधी हुई थी। पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान 18 वर्षीय निशा कुमारी और 19 साल की सिम्पी कुमारी के रूप में हुई है।

निशा और सिम्पी के पिता का नाम बीरेंद्र यादव और जनार्दन यादव है। निशा का असली घर उत्तर प्रदेश के बलिया में है। वह पिछले डेढ़ महीने से आसनसोल नॉर्थ थाना बाईपास के पास द  तापसी बाबा मंदिर इलाके में एक रिश्तेदार के घर पर रह रहा था। सिम्पी कुमारी का घर उसी इलाके में है। गुरुवार दोपहर आसनसोल जिला अस्पताल में शव परीक्षण किया गया। बाद में शवों को दो पुलिसकर्मियों ने परिजनों को सौंप दिया। 


दोनों के शव पर कोई चोट या घाव नहीं पाया गया। प्रारंभिक जांच के बाद, पुलिस का अनुमान है कि दोनों ने बुधवार शाम को एक साथ घर छोड़ने की योजना बनाई। वे अपने घर से लगभग एक किलोमीटर दूर कल्ला माझी पाड़ा में गए और एक पत्थर की खदान के पानी में कूदकर आत्महत्या कर ली। दोनों परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस ने अप्राकृतिक मौत के एक मामले की जांच शुरू की है। 


दोनों  के परिवारों के अनुसार, निशा रोजाना की तरह बुधवार शाम घर पर रोटी बना रही थी। उस समय सिम्पी कुमारी अपने घर आई थी। घर के सामने पूछा, तो उन्होंने कहा, शौचालय जा रही है। उन्होंने कहा था कि पत्थर खदान में जा रही है। लेकिन निशा और सिम्पी कुमारी काफी बे समय तक घर नहीं लौटीं। फिर घर के लोग उनकी तलाश के लिए निकले। लेकिन दोनों कहीं नहीं मिले। घर के लोगों को संदेह है कि वे किसी तरह गड्ढे के पास शौच जाते समय गड्ढे के पानी में गिर गई । ज्ञात हो कि दोनों के घर में शौचालय नहीं है। घर में सभी को शौच करने के लिए खुले मैदान में जाना पड़ता है।

पूर्व पार्षद नरेंद्र मुर्मू ने कहा, “मैंने कोरोना संक्रमण की शुरुआत से पहले वार्ड में 500 शौचालयों के लिए आवेदन जमा किया था। इनमें से 163 बने हैं। बाकी को नहीं बनाया गया। जिस क्षेत्र में वह लोग रहते हैं, उस घर में कई लोगों के पास शौचालय नहीं है।

मुझे समझ नहीं आ रहा है कि यह कैसे हुआ
सिम्पी कुमारी के पिता जनार्दन यादव ने कहा, “मुझे समझ नहीं आया कि यह कैसे हुआ।” वहीं पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *