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31 मार्च तक ट्रेन रद्द खबर का जाने सच, 70 जिलों में 150 फ़ीसदी बढ़े कोरोना के मामले

बंगाल मिरर विशेष संवाददाता देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यह अफवाह फैल रही है कि 31 मार्च से ट्रेनों का परिचालन बंद हो जाएगा जबकि इस खबर का कोई आधार नहीं है प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने इस खबर की जांच की और इसे एक बताया है इसके बाद पूर्व रेलवे की ओर से जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया कि एक खबर में दावा किया जा रहा है कि 31 मार्च तक सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।

खबर पुरानी है। @RailMinIndia ने 31 मार्च, 2021 तक ट्रेन रद्द करने का यह फैसला नहीं लिया है। इस पुरानी खबर को गलत संदर्भ में साझा किया जा रहा है।

16 राज्यों के 70 जिलों में बीते 15 दिनों में 150 फीसदी की वृद्धि : स्वास्थ्य मंत्रालय

महाराष्‍ट्र और पंजाब में तेजी से बढ़ते कोविड के मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने सभी से सचेत रहने की अपील की है। दरअसल बीते 15 दिनों में देश के 16 राज्‍यों के 70 जिलों में कोरोना के मामलों में 150 फीसदी की वृद्ध‍ि हुई है।

कोविड-19 को लेकर किए गए कार्यों, तैयारियों और ताजा अपडेट की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रेस वार्ता की। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना मामलों की बढ़ती हुई संख्या के बावजूद देशभर में कोरोना के सक्रीय मामले 2 प्रतिशत हैं और मृत्युदर 2 प्रतिशत से कम है।

देश में क्युमुलेटिव पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि देश में क्युमुलेटिव पॉजिटिविटी की दर 5 प्रतिशत से कम हो गई है। वहीं पिछले एक सप्ताह की केस पॉजिटिविटी दर देखें तो वह 3 प्रतिशत है और यह बावजूद उन राज्यों के है जहां पॉजिटिविटी की दर 16 प्रतिशत या 8 प्रतिशत भी है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि देश ने मिलकर पिछले एक साल 2 महीने में बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने बताया कि देश में कोविड के केस मार्च 2020 से बढ़ने शुरू हुए और सितंबर के मध्य में प्रतिदिन करीब 97 हजार केस आते थे। इसके बाद मध्य सितंबर से इनकी संख्या लगातार गिरती गई। प्रतिदिन औसतन 97 हजार कोरोना केस की दर घटकर 9 हजार औसतन प्रतिदिन हो गई लेकिन यह दर फिर बढ़नी शुरू हुई है।
9 फरवरी को देश में 9110 तो 16 मार्च को 28,209 केस आए सामने

प्रतिदिन सामने आने वाले कोरोना मामलों का सबसे निचला व कम स्तर 9 फरवरी देश में हुआ जबकि 9110 केस इस दिन सामने आए। इसके बाद कुछ राज्यों में नए केस बढ़ने की वजह से यह संख्या फिर से बढ़नी शुरू हुई। 21 फरवरी को 14,264 नए केस सामने आए और 4 मार्च को 17,407 केस सामने आए और 16 मार्च को 28,209 केस सामने आए हैं। पिछले दो सप्ताह की तुलना यदि करें तो नए केस में करीब 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि कोविड से होने वाली मृत्यु दर में पिछले दो सप्ताह में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

नए केस कहां आ रहे हैं?

देश के 16 राज्यों के 70 जिलों में जहां कोविड केस की संख्या में बीते 15 दिनों में 150 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि 55 ऐसे जिले हैं जहां कोरोना मामलों में 100 से 150 फीसदी की वृद्धि हुई है। ये जिले पश्चिमी और उत्तरी भारत में स्थित हैं।

महाराष्ट्र में 13,527 मामले प्रतिदिन आ रहे सामने

महाराष्ट्र में देश के सक्रिय मामलों का 60 प्रतिशत केंद्रित है। नई मृत्यु का 45 प्रतिशत केंद्रित है। महाराष्ट्र में 1 मार्च को प्रतिदिन औसतन 7,741 नए केस सामने आते थे। 15 दिन में यह संख्या बढ़कर औसतन 13,527/ प्रतिदिन हो गई है। चिंता की बात यह है कि महाराष्ट्र में 1 मार्च को पॉजिटिविटी रेट 11 प्रतिशत होता था जो अब बढ़कर 16 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। हैरत की बात ये है कि जिस रफ्तार से कोरोना मामलो की पॉजिटिविटी रेट बढ़ रही है उस रफ्तार से टेस्ट की संख्या नहीं बढ़ रही है। राजेश भूषण ने कहा राज्य सरकारों को हमारा परामर्श है कि आपको टेस्ट की संख्या बढ़ाने की आवश्यक्ता है और उसमें आरटीपीसीआर के अनुपात को जो अभी 71 प्रतिशत है वो उस पर कायम रहना चाहिए। यह अनुपात इससे नीचे नहीं जाना चाहिए।

पंजाब में 1338 मामले प्रतिदिन आ रहे सामने

पंजाब में 531 औसतन मामले प्रतिदिन आते थे जो बढ़कर 1338 हो गए हैं। यह स्थिति पिछले 15 दिन की है। पंजाब की पॉजिटिविटी रेट 3.4% थी जो अब बढ़कर 6.8% हो गई है। यह साबित करता है कि लोग कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन नहीं कर रहे हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं, मास्क नहीं लगा रहे हैं।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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