ममता बनर्जी ने शुरू की मंत्रिमंडल गठन की कवायद, कई नए चेहरे हो सकते हैं शामिल
पश्चिम बर्दवान से मलय, प्रदीप को मिल सकता है मंत्री पद
बंगाल मिरर, कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तीसरी बार शानदार जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। नंदीग्राम से शिकस्त के बावजूद ममता बनर्जी का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ है। इस बार उनके मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल होंगे। ममता बनर्जी ने सरकार गठन करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सरकार में मंत्रियों को लेकर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों के साथ-साथ नए चेहरों को भी मौका दिया जाएगा। बनर्जी ने तपसिया स्थित पार्टी कार्यालय पर पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में नवनिर्वाचित विधायक अपना नेता का चुनाव करेंगे। इस बैठक में ही तय किया जाएगा कि ममता बनर्जी कब और कहां शपथ लेंगी। बनर्जी ने पहले ही घोषणा की है कि वह बड़े स्तर पर शपथ समारोह का आयोजन नहीं करेंगी। बैठक के बाद ममता बनर्जी शाम सात बजे राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने राजभवन जायेंगी।
माना जा रहा है कि वह पहले मुख्यमंत्री पद से अपनी इस्तीफा राज्यपाल को सौंपेंगी। इसके साथ ही वह राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। खबरों के अनुसार वे मंत्रियों की उस सूची को भी राज्यपाल को सौंपेंगी, जो उनके साथ मंत्रिमंडल की शपथ लेंगे।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों में पुराने मंत्रियों पार्थ चटर्जी, अरुप विश्वास, फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, शोभनदेव चटर्जी, मलय घटक जैसे नाम शामिल रहेंगे, लेकिन इनमें से कुछ के विभाग बदल सकते हैं। ममता बनर्जी अपने दूसरें कार्यकाल में अमित मित्रा को वित्त मंत्री बनाया था, लेकिन इस चुनाव में शारीरिक अस्वस्थता के कारण अमित मित्रा को टिकट नहीं दिया गया था। इस कारण वित्त मंत्री को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वित्त मंत्री कौन होगा। 2011 में जीत के बाद तृृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को वित्त मंत्री का दायित्व दिया गया था, लेकिन बाद में अमित मित्रा को वित्त मंत्री का दायित्व देकर उन्हें शिक्षा विभाग का दायित्व दे दिया गया था।
मंत्रिमंडल में मदन मित्रा, प्रदीप मजूमदार, शिबपुर से निर्वाचित पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी को जगह मिल सकती है। उन्हें खेल और युवा राज्य मंत्री जैसा पद दिया जा सकता है। इसके साथ ही इस चुनाव में पूर्व बर्दवान झाड़ग्राम, मुर्शिदाबाद और मालदा से अच्छे परिणाम मिले हैं। नये मंत्रिमंडल ने इन इलाके के नवनिर्वाचित विधायकों को जगह दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे धाकड़ नेता चुनाव से पहले ही ममता का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके स्थान पर किन लोगों पर ममता अपना विश्वास बनाएंगी यह देखने वाली बात होगी।