कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाना है तो ये उपाय हैं सबसे जरूरी
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : कोरोना संक्रमण ने आम आदमी के रोजमर्रा की जिंदगी को बहुत प्रभावित किया है। इस बीच कोविड संक्रमण की आई लहर के दौरान बहुत से लोगों ने अपने रिश्तेदारों, पारिवारिक सदस्यों और साथियों में से कई लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर हानि होते देखा है। कुछ प्रकरणों में तो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। अतः फिर से यह बीमारी सिर नहीं उठा सके और फिर हमें यह पीड़ा सहन न करनी पड़े, इसके लिए हमें कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है। इसी विषय को लेकर शनिवार मध्य प्रदेश इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सचिव और गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में प्रोफेसर बाल्य एवं शिशु रोग विभाग डॉ. राजेश टिक्कस ने अपने अनुभव यहां साझा किए हैं।
संक्रमण पर जीत हासिल करने का सबसे बड़ा हथियार है वैक्सीनेशन
जैसे विगत एक वर्ष से बातें भी हो रही हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इसी को लेकर डॉ. राकेश कहते हैं कि इनमें सबसे पहला नियम ये आता है कि हमें सही तरीके से मास्क का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से साबुन से हाथों को धोना है तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना है। सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए पब्लिक प्लेस में प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी का ध्यान रखना है। इससे भी ज्यादा आवश्यक है कि जितना हो सके भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। हमें पहले से भी ज्यादा अब इन सभी नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है। इसके अलावा जो बहुत बड़ा हथियार है जिससे इस कोविड-19 के संक्रमण पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, वो है वैक्सीनेशन या टीकाकरण
देश में कोविड के प्रमुखता से दो टीके उपलब्ध
हमारे देश में वर्तमान में कोविड से बचाव हेतु दो टीके उपलब्ध है। इनमें से एक वैक्सीन पूरी तरह से भारत में ही निर्मित हुई है तथा दूसरी का निर्माण भारत में हो रहा है। यह दोनों ही वैक्सीन कोविड संक्रमण से बचाव में कारगर है तथा इनके डोज की उचित मात्रा व दोनों डोज लगवाने पर कोविड संक्रमण से बहुत हद तक बचाव हो जाता है। जब हम टीकाकरण के द्वारा अपना बचाव कर लेते हैं तो परोक्ष रूप से हम दूसरों का भी कोविड संक्रमण से बचाव कर लेते हैं। वे कहते हैं कि कोविड 19 से बचाव हेतु लगाई जा रही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। इस तरह न केवल आप कोविड संक्रमण से स्वयं का बचाव कर सकते हैं बल्कि अपने परिजनों, मित्रों तथा मिलने-जुलने वालों एवं आस-पास के सभी लोगों को कोविड से बचाने के लिये अपना उत्तरदायित्व निभाते हैं। जब आप स्वयं संक्रमित नहीं होंगे तो आपके परिवार में छोटे बच्चे, अन्य परिजन तथा आपके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों तक कोविड संक्रमण आपके द्वारा संचारित नहीं होगा।
बच्चों को कोविड संक्रमण से ऐसे बचाया जा सकता है
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में प्रोफेसर बाल्य एवं शिशु रोग विभाग डॉ. राजेश टिक्कस कहते हैं कि जब हम खुद वैक्सीनेटेड हो जाते हैं तो गंभीर बीमारियां हमें नहीं होती है तथा किसी न किसी रूप में यह हमारे परिवार को भी सुरक्षित करता है। परिवार के अन्य लोगों का यदि वैक्सीनेशन हो जाता है तो बच्चों को स्वयं ही इस संक्रमण से सुरक्षा मिल जाती है। बच्चों की कोरोना से सुरक्षा बड़ों को लगे कोरोना टीके से है, इसलिए सभी 18 वर्ष से जिनकी आयु अधिक हो गई है, उन्हें अनिवार्य रूप से वैक्सीन लगवा लेना चाहिए। इससे बहुत हद तक हमारे घरों के बच्चे सुरक्षित हो जाएंगे।
भ्रांतियों से रहें दूर, टीके का कोई गंभीर प्रभाव नहीं
डॉ. राजेश टिक्कस का कहना है कि प्रायः देखने में आ रहा है कि वैक्सीनेशन से संबंधित अनेक भ्रांतियां लोगों के बीच में फैली हुई हैं, जैसे वैक्सीनेशन के उपरांत उन्हें गंभीर साइड इफेक्ट हो जाएंगे या उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा वास्तव में ये भ्रांतियां निराधार हैं तथा इनके प्रमाण में कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। वैक्सीनेशन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है, हां कुछ साधारण साइड-इफेक्ट देखे जा सकते हैं, जैसे हल्का बुखार आना, बदन दर्द होना व सिर दर्द इत्यादि जो एक या दो दिन में स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। वैक्सीनेशन के दौरान ऐसा होना स्वाभाविक बात है तथा ये साइड इफेक्ट भी सबको नहीं होते हैं। इस तरह के साइड इफेक्ट कई अन्य वैक्सीन में जैसे बच्चों को अन्य रोगों से बचाव हेतु लगाये जाने वाले वैक्सीन में भी देखे जाते हैं। ये उसी तरह के साइड-इफेक्ट हैं, जो बिलकुल भी चिंताजनक नहीं हैं। यह भी ध्यान देने योग्य है कि वैक्सीन से हमें जो कोविड-19 जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारी से सुरक्षा मिल रही है, उसकी तुलना में ये छोटे-छोटे साइड इफेक्ट बहुत ही नगण्य हैं।
टीकाकरण के बाद भी इन उपायों का रखना होगा ध्यान
म.प्र. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सचिव डॉ. राजेश का कहना यह भी है कि वैक्सीनेशन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स तथा अन्य फ्रंटलाइन वर्कर जैसे पुलिस, आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारी तथा अत्यावश्यक सेवाओं हेतु तैनात कर्मियों का टीकाकरण हो चुका है तथा ये पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने टीका लगवाकर कोविड-19 से अपना बचाव कर लिया है। कोविड-19 संक्रमण से स्वयं को और खुद के संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों हेतु वैक्सीन का सुरक्षा कवच सुनिश्चित कर वे 24 घण्टे आपकी सेवा में उपस्थित हैं। अतः स्वयं के प्रति और अपने परिवार और समाज के प्रति इस वैश्विक आपदा के समय अपनी जिम्मेदारी निभाएं और टीका अवश्य लगवाएं। वैक्सीनेशन के उपरांत भी मास्क का नियमित उपयोग करना है तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में नहीं जाना है। इस तरह हम कोरोना वायरस के विरुद्ध हमारी जंग जीत सकते हैं।