क्या जितेन्द्र तिवारी की याचिका हाईकोर्ट स्वीकार करेगी ?
बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल ः आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी राज्य भाजपा कमेटी की ओर से अपनी विधानसभा सीट के परिणामों को चुनौती देने के लिए मंगलवार को कोलकाता उच्च न्यायालय गए। पहला भाजपा की ओर से पहला मामला है जब दोबारा मतगणना की मांग की । इससे पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में मामला दायर किया था। इसी तरह, तृणमूल कांग्रेस के कम से कम तीन अन्य नेताओं ने इस तरह की पुनर्गणना की मांग करते हुए मामला दर्ज किया है। इस लिहाज से भाजपा के लिए संभवत: यह पहला रीकाउंट केस है। तृणमूल के पूर्व जिलाध्यक्ष और आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा के लिए पांडवेश्वर सीट से चुनाव लड़ा। चुनाव परिणामों में जितेंद्र तिवारी तृणमूल उम्मीदवार नरेन चक्रवर्ती से 3,603 मतों से हार गए।
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, परिणाम घोषित होने के 45 दिनों के भीतर पुनर्गणना याचिका दायर करनी होती है। जितेंद्र के मामले में वह समय सीमा बीत चुकी है। नतीजे घोषित होने के दो महीने बाद मामले की वजह को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता के वकील सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के एक केस का हवाला देंगे। पार्टी के वकीलों के एक समूह ने कहा कि जितेंद्र तिवारी कोरोना काल स्थिति का हवाला देते हुए देरी के कारण के रूप में बहस कर सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हाईकोर्ट उनकी याचिका स्वीकार करती है या नहीं।