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खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी के नाम से नहीं, मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: केंद्र सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब इसे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम हुआ करता था। इस बारे में ट्वीट करके पीएम मोदी ने बताया कि मुझे भारत भर के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा

मेजर ध्यानचंद भारत के लिए सम्मान और गौरव लाने वाले खिलाड़ी

पीएम ने आगे कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव लाया। यह सही है कि हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाएगा।

कौन हैं मेजर ध्यानचंद

फुटबॉल में पेले और क्रिकेट में जो स्थान ब्रैडमैन का है, वही स्थान हॉकी में मेजर ध्यानचंद का है। हॉकी का जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 में भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलाये। 1928 में ओलंपिक में मेजर ध्यानचंद ने 14 गोल किए थे। अंतरराष्ट्रीय करियर में इस महान खिलाड़ी ने 400 से अधिक गोल किए। हॉकी के जादूगर की जयंती पर यानि 29 अगस्त को भारत में खेल दिवस के रूप में इसे मनाया जाता है।

हिटलर भी हो गए थे ध्यानचंद के कायल

मेजर ध्यानचंद की हॉकी की जादूगरी देखकर जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने उन्हें जर्मनी की तरफ से खेलने की पेशकश तक कर दी थी, जिसे मेजर ध्यानचंद ने एक मुस्कुराहट के साथ इंकार कर दिया।
1932 में भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को 24-1 से हराया। उस मैच में मेजर ध्यानचंद ने 8 और उनके भाई रूप सिंह ने 10 गोल किए थे। उस टूर्नामेंट में भारत की ओर से किए गए 35 गोल में से 25 गोल इन दो भाइयों की जोड़ी ने किए थे। मेजर ध्यानचंद ने अपना अंतिम मैच 1948 में खेला था। 3 दिसम्बर 1979 को मेजर ध्यानचंद का दिल्ली में देहांत हो गया।

टोक्यो ओलंपिक से हॉकी को मिली नई पहचान

गौरतलब हो कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी के प्रदर्शन ने देश में हॉकी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आज हर किसी की जुबान पर सिर्फ हॉकी है। कोई हॉकी के इतिहास पर चर्चा कर रहा है, तो कोई न्यू इंडिया के युवा जोश को सलाम कर रहा है। पुरुष हो या महिला दोनों ही टीमों ने टोक्यो की धरती पर अपने मजबूत इरादे से इतिहास रच दिया है। जहां पुरुष टीम 41 साल का सूखा खत्म कर हॉकी के गौरव को पदक के साथ वापस ले कर आई है। वहीं महिला टीम भले ही मेडल से चूंक गई हो, लेकिन भारतीय ओलंपिक के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में पहुंच कर इतिहास रच दिया।

भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से अभिभूत

खुद पीएम मोदी ने भी कहा, ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

देश में इस बार हॉकी को लेकर एक नई दिवानगी देखने को मिल रही है। हर गली, मोहल्ले में हॉकी और हमारे खिलाड़ियों की चर्चा है। जाहिर है ये हॉकी का जादू है। देश के इन हॉकी खिलाड़ियों ने हॉकी के जादूगर यानि मेजर ध्यानचंद के सच्ची श्रद्धांजली दी, तो वहीं पीएम मोदी ने भी आज बड़ा ऐलान किया है। आज से खेल रत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।

source PBNS_India

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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