मुजरापट्टी में पुलिस ने सील किया मकान
बंगाल मिरर, एस सिंह /साबिर अली, सीतारामपुर : कुल्टी थाना के नियामतपुर फाड़ी अंतर्गत मुजरापट्टी में पुलिस द्वारा मंगलवार को पुलिस के डीडी विभाग व कुल्टी थाना पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से छापामारी की गई थी। जिसमें 5 महिलाए ओर एक पुरुष को गिरफ्तार कर कोर्ट चलान किया गया था। जिससे पुलिस द्वारा 7 दिनों का रिमांड पुलिस को दिया गया। उसके बाद पुलिस द्वारा कारवाई करते हुए गिरफ्तार अभियुक्त गीता देवी के घर को पुलिस द्वारा सील कर दिया गया। वही पुलिस मामाले की तह तक जाने के लिए पूछताछ कर रही है। मालूम हो कि पीड़िता द्वारा पुलिस आयुक्त से शिकायत की गई थी की उसके परिजनों द्वारा उसे जबरन धंधे में उतारा गया था।




सालानपुर ढाल मुजरापट्टी या विश्वकर्मा नगर पट्टी से रानी देवी, गीता देवी, रिकी सिंह प्रियंका सिंह, रेशमी सिंह सहित एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शिकायत के आधार पर यौन शौषण, लड़की तस्करी, ईमोरल ट्रैफिककिंग धारा में मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई। वही पुलिस द्वारा गीता के घर को सील कर दिया गया है। मालूम हो कि यह मामला उस समय उजागर हुआ जब एक परिवार की लड़की ने अपने परिवार वालों का विरोध करते हुए पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। उनके परिवार वाले नाबलिक लड़कियों को खरीद लेते हैं और उसे गोद लेने का नाम दे देते हैं। उनका कुछ दिनों तक लालन पालन कर बड़े करते हैं और उसे घुंगरू पहनाकर हरमुनिया और ढोलक के ताल पर प्रशिक्षण दिया जाता है। जब लड़की प्रशिक्षित हो जाती है तो उसे इस बाजार में या मुंबई इत्यादि क्षेत्रों के बड़े बाजार में धंधे में उतार दिया जाता है। उनका जबरन यौन शोषण किया जाता है। अगर लड़की द्वारा किसी प्रकार का बैंक बैलेंस या आई कार्ड बनवाने की मांग की जाती है तो उसे कई प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है। एक ही बात कहा जाता है तुम्हें जो चाहिए वह मिलेगा। उसकी कमाई से उनके मुंह बोले भाई मां और रिश्तेदार मौज करती है। अगर कोई लड़की जबरन अपना हिस्सा मांगती है तो पूरे परिवार मिलकर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर देता है।
इसी की शिकार काजल उर्फ चांदनी(बदला हुआ नाम) नामक युवती हुई। जिसने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस आयुक्त से मिलकर इस बदनाम गली में चल रहे लड़कियों पर यौन शोषण का आवाज उठाते हुए शिकायत की। वही इस मामले से मुजरा पट्टी में सन्नाटा पसरा हुआ है। वही यहां की पुरुषों द्वारा नेताओं और उच्च रसूखदार लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। मामले को अलग दिशा देने का पडयंत्र रचा जा रहा है। मालूम हो की इस बदनाम गली में ऊंचे ऊंचे रसूखदार और बड़े पैसे वाले लोगों का आना जाना लगा रहता है। वही अब देखना है कि पुलिस द्वारा मामला की छानबीन एक ही घर तक सीमित रहती है या इस अपराध से जुड़े सभी पर पुलिसिया करवाई होती है या नहीं।
वही कुछ समाजसेवी लोगों की अपनी राय कहते हुए कहां की पुलिस द्वारा एक जागरूक कार्यक्रम चलाकर क्षेत्र के सभी लड़कियों का आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड और सरकारी सुविधा मिलने हेतु बैंक का खाता बनाया जाए। पुलिस द्वारा इन लड़कियों को विश्वास में लिया जाए कि आप लोगों से कोई जबरन धंधा या किसी प्रकार का जबरदस्ती करता है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। पुलिस इस पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को सख्त से सख्त करवाई कर दंड दिलाएं। पुलिस को विश्वास दिलाना होगा कि अब जाकर किसी भी लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं की जाएगी। तभी जाकर आगे इस प्रकार का कार्यों पर लम्बे समय के लिए लगाम लगेगा नहीं तो एक घर पर करवाई करने से समाज को कुछ हासिल नहीं होता दिखेगा। ऐसा चलता आ रहा हैं ओर आगे भी जारी रहेगा। घर सील होने के दौरान मुजरा पट्टी में काफी पुरुषों व कुछ महिलाओ द्वारा पुलिस की कार्रवाई को गलत बताते हुए कह रहे हैं की पुलिस द्वारा गलत कार्रवाई की जा रही है।
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