जितेन्द्र तिवारी का क्या होगा राजनीतिक भविष्य, बदलेगा समीकरण या संन्यास ?
बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल : आसनसोल के पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेन्द्र कुमार तिवारी ( Jitendra Tiwari) ने इन दिनों राजनीति से दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं। क्या यह किसी नये समीकरण का संकेत हैं। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में भी चर्चा तेज हैं। विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर सक्रिय तौर पर देखा गया था। उसके बाद वह आसनसोल की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मुखर हुए थे। कुछ दिनों पहले भाजपा के जुलूस में भी देखा गया था। लेकिन उसके बाद से उन्हें राजनीतिक तौर पर सक्रिय रूप से नहीं देखा जा रहा है।




वहीं अब वह अपने सोशल मीडिया पर भी किये जा रहे पोस्ट में अपने पुराने पद या किसी राजनीतिक दल का उल्लेख नहीं कर रहे है। सिर्फ जितेन्द्र कुमार तिवारी ही लिख रहे हैं । इसके साथ ही बीते 26 अगस्त को उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्यता मिलने पर आभार जताते हुए हाईकोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर प्रैक्टिस करने की बात लिखी थी। इसके बाद से ही वह आसनसोल भी नहीं आये हैं।
वहीं उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह आसनसोल में अब कम ही आयेंगे। आसनसोल में अगर वह कम रहेंगे तो फिर उनकी राजनीति का क्या होगा। वह पूर्व में मेयर, विधायक एवं टीएमसी के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं उनकी राजनीति का केन्द्र आसनसोल ही रहा है। लेकिन इस तरह अचानक आसनसोल से दूर होना, क्या उनके राजनीति से दूर जाने का संकेत है। इसी बीच टीएमसी में घर वापसी का अभियान भी चल रहा हैं। पांच दिन में तीन विधायक घर वापसी कर चुके हैं। पूजा के बाद अन्य को भी लौटाने की तैयारी है।
जितेन्द्र तिवारी की यह दूरी तरह-तरह के सवाल खड़े कर रही है। वह आनेवाले समय में राजनीतिक में रहेंगे या संन्यास लेंगे, यह तो आनेवाला समय ही बतायेगा। लेकिन अचानक जिस तरह से वह राजनीतिक परिदृश्य से हटे हैं, इससे आशंका है कि क्या किसी आनेवाले तूफान के पहले की शांति हैं या कहीं कुछ और समीकरण बन रहा है।