धनबाद बैंक मोड़ गुरुद्वारा में प्रकाश पर्व मनाया गया
बंगाल मिरर, रानीगंज (दलजीत सिंह ) बाणी गुरु गुरु है बाणी विच बाणी अमृत सारे ।।
गुरबाणी कहै सेवक जन माने ने परतखि गुरु निसतारे ।।बड़ा गुरुद्वारा बैंक मोड धनबाद में बड़े ही श्रद्धा भावना के साथ 417 वा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज जी का पहले प्रकाश गुरु पर्व मनाया गया दीवान सजाए गए कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए सीमित संख्या में मनाया गया संगतो ने लाइव कार्यक्रम ऑनलाइन एवं फेस बुक के माध्यम से दर्शन एवं शबद गायन का श्रवन किया हजूरी रागी जत्था बड़ा गुरुद्वारा के भाई दविंदर सिंह निरोल जी ने गुरु ग्रंथ साहिब कि शब्द वाणियों का गायन किया
वाहो वाहो बानी निरंकार है
तिस जे वड अवर ना कोय
इस अवसर पर सचिव ने कहा की गुरु ग्रंथ जी में मात्र से गुरु के ही उपदेश नहीं वर्ण अन्य संतों एवं अलंग धर्म के मुस्लिम भक्तों की वाणी में सम्मिलित है इसमें जहां 6 गुरु साहिबान 15 भक्त साहिबान 11भट व 4 गुरसिख की वाणीया शामिल है जय देव जी की वाणी वही परमानंद जी जैसे ब्राह्मण भक्तों की वाणी है दिव्य आत्माओं जैसे संतो कि भी बानी सम्मिलित है कबीर दास जी रविदास जी नामदेव जी सैण जी साधना जी छीवा जी धना जी अपनी भाषायी अभिव्यक्ति ,दार्शनिकता , संदेश की दृष्टि से गुरु ग्रंथ साहिब जी आदित्य है इसकी भाषा की सरलता सुगमता सटीकता जहां ज मेंनमानस को आकर्षित करती है वही राग आधारित बाणीया संकलित है संगीत के सुरों व 31 रागों के प्रयोग ने आत्मविषयक गूढ़ आध्यात्मिक उपदेशों को भी मधुर व सारग्राही बना दिया है
गुरु ग्रंथ साहिब जी के संकलन व संपादन गुरु अर्जन देव जी ने करके मानवता को पावन ग्रंथ बक्शीश किया जिसके मूल्य शिक्षा मानव जीवन को रोशनी देने वाली है आदि ग्रंथ का पहला प्रकाश 1 सितंबर 1604 को श्री हरमंदिर जी साहिब स्वर्ण मंदिर में किया इस अवसर पर बड़ा गुरुद्वारा को फूल फूलों से सजाया गया था गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं को इस अवसर पर बधाई दी अध्यक्ष तीरथ सिंह महासचिव मनजीत सिंह पाथरडीह देवेंद्र सिंह गिल जगजीत सिंह दरबारा सिंह गुरजीत सिंह सतपाल सिंह ब्रोका तेजपाल सिंह राजेंद्र सिंह आदि थे सब उन्हें बधाई दी।