घर वापसी की अटकलों पर जितेन्द्र का पोस्ट, दासू ने जितेन्द्र के बहाने औरों पर साधा निशाना कहा अहंकार न पालें
जितेन्द्र के प्रति दासू के नरम तेवर से अटकलों का बाजार गर्म
बंगाल मिरर, आसनसोल : आसनसोल के पूर्व मेयर सह पूर्व टीएमसी जिलाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ( jitendra Tiwari ) के तृणमूल कांग्रेस ( TMC) में घर वापसी को लेकर शिल्पांचल की राजनीति में चर्चा जोरों पर है। वहीं हाल के दिनों में जितेंद्र तिवारी की गतिविधियों ने इस चर्चा को और बल दे दिया है। वहीं टीएमसी नेताओं के सुर भी उनके प्रति अब नरम हो रहा है। प्रदेश टीएमसी सचिव वी. शिवदासन दासू ( V Sivadasan Dasu ) जहां कल तक उन पर तीखे प्रहार कर रहे थे, आज वही उन्हें अपना छोटा भाई और पार्टी नेतृत्व द्वारा वापस लेने पर स्वागत करने की बात कह रहे हैं। लेकिन इन चर्चाओं के बीच जितेन्द्र तिवारी द्वारा रविवार को सोशल मीडिया पर किये गये पोस्ट से अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है।
दुर्गापुर में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस की बैठक थी। जिसमें मंत्री मलय घटक, वी शिवदासन दासू समेत अन्य नेता पहुंचे थे। बैठक के बाद आसनसोल के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच एक गोपनीय बैठक हुई है। करीब दो से ढाई साल बाद दोनों के बीच बैठक हुई है। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
इसी बीच विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए जितेंद्र तिवारी परिवार के साथ कोलकाता शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली है। वह कह रहे हैं कि कोलकाता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर पुराने पेशे में लौट गए हैं। इसे लेकर प्रदेश टीएमसी सचिव सह आसनसोल नगरनिगम के संयोजक वी. शिवदासन दासू ने कहा कि हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करना उनका व्यक्तिगत फैसला है। जो आशा लेकर भाजपा में गए थे, वह पूरी नहीं हुई। टीएमसी में थे तो मेयर, जिलाध्यक्ष, विधायक थे, अब सब चला गया। लालबत्ती का अहंकार उन्हें ले डूबा। ज्यादा तेज गति से चल रहे थे, इसलिए गड्ढे में गिर गये। उन्होंने कहा पार्टी नेतृत्व जिसे भी पार्टी में शामिल कराएगी हमलोग उसका स्वागत करेंगे। अगर जितेंद्र तिवारी को भी पार्टी नेतृत्व शामिल करवाता है, तो हमलोग स्वागत करेंगे।
टीएमसी में जो भी हैं, सभी ममता बनर्जी के आदर्श और आशीर्वाद पर चलते हैं। आज टीएमसी में जो भी नेता किसी भी पद पर हैं, तो वह दीदी के आशीर्वाद से ही हैं। उनके आशीर्वाद से ही नेता और जनप्रतिनिधि बनते हैं। इसलिए टीएमसी में कौन आ रहा कौन जा रहा कोई फैक्टर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पदों पर जो लोग भी हैं, वह लोग जितेंद्र तिवारी ( Jitendra Tiwari) की स्थिति से सबक ले। कुर्सी और लालबत्ती मिलने पर पार्टी की बात नहीं सुनेगा, जनता का काम नहीं करेगा, तो वह एक न एक दिन गड्ढा में गिरेगा। पावर और लालबत्ती जाने के बाद जीरो हो जाएंगे। दीदी ने पावर दिया है, तभी पद पर है। इसलिए पद के दायित्व के साथ ही पार्टी और जनता के लिए काम करना होगा।
अब जितेन्द्र तिवारी ने क्या पोस्ट किया हैं देखें
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1278322835959609&id=262757190849517
जितेन्द्र तिवारी का क्या होगा राजनीतिक भविष्य, बदलेगा समीकरण या संन्यास ?