Durgapur में मनाया गया गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व, उन्हें हिंद की चादर के नाम से भी जाना जाता है : मलय घटक
बंगाल मिरर, दुर्गापुर : सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 400वां प्रकाश पर्व रविवार को दुर्गापुर के बेनाचटी गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में मनाया गया। सिख समाज के प्रमुख पदाधिकारी तजेंद्र सिंह बल ने बतलाया कि गुरमत समागम के आयोजन में विभिन्न स्थानों से सिख संगत पहुंच कर गुरु की वाणी सुनी है। मुख्य रूप से उपस्थित थे पश्चिम बंगाल के कानून, विधि व लोक निर्माण मंत्री मलय घटक को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।
मंत्री श्री घटक ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 400 का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। गुरु तेग बहादुर जी की शहादत जो धर्म की रक्षा के लिए दी गई थी इसलिए श्री गुरु तेग बहादुर जी को हिंद की चादर के नाम से जाना जाता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दमदमा तख्त साहिब के प्रधान जगदेव सिंह जी उपस्थित थे। अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल की तरफ से दुर्गापुर की जसप्रीत कौर एवं प्रीतम कौर को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के पदाधिकारी सरदार गुरविंदर सिंह ने कहा कि छात्रा जसप्रीत एवं प्रीतम कौर ने सिख समाज के धर्म परिचारिका के रूप में पूरे विश्व में अपना परचम लहराया है। इसलिए आज उन्हें सम्मानित किया गया है।
मौके पर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार जगदीश सिंह संधू, तजेंद्र सिंह बल, मलकीत सिंह, दलविंदर सिंह ने बताया कि देशभर में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। अपने धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए विश्व इतिहास में जिन लोगों ने प्राणों की आहुति दी है उसमें श्री गुरु तेग बहादुर जी का स्थान अग्रिम पंक्ति पर है। त्याग और बलिदान के लिए वह सही अर्थों में हिंद की चादर कहलाए। गुरु तेग बहादुर जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए त्याग व संयम की राह दिखाई। गुरु जी ने समाज को त्याग, संयम, शौर्य और बलिदान की राह दिखाई।