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Nirankari Sant Samagam 74 वां वार्षिक समागम वर्चुअल रूप में, विश्वास, भक्ति, आनंन्द का प्रतीक होगा

समागम 27, 28 , 29 नवम्बर होगा तैयारियों का शुभारम्भ

बंगाल मिरर, गन्नौर, सोनीपत, 13 नवंबर । ( Nirankari Sant Samagam ) संत निरंकारी मंडल की मेंबर इंचार्ज राजकुमारी ने बताया कि निरंकारी मिशन का 74वां वार्षिक निरंकारी संत समागम इस वर्ष वर्चुअल रूप में मनाया जाएगा। जिसमें संस्कृति एवं संप्रभुता की बहुरंगी छठा वर्चुअल रूप में दर्शायी जायेंगी। सरकार द्वारा जारी निर्देशों को ध्यान में रखकर ही की जा रही है। समागम 27, 28 , 29 नवम्बर होगा । निरंकारी संत समागम विश्वास, भक्ति, आनंन्द विषय पर आधारित रहेगा। वक्ता, गीतकार तथा कविअपनी प्रेरक भक्तिमय प्रस्तुति देंगे।  

( Nirankari Sant Samagam )


राजकुमारी ने बताया कि समागम के तीनों दिन सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज पावन प्रवचनों मानवमात्र को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। निरंकारी संत समागम विश्वभर के प्रभु प्रेमियों के लिए खुशियों भरा अवसर होता है जहां मानवता का अनुपम संगम देखने को मिलता है। सत्य, प्रेम एवं एकत्व के संदेश को प्रसारित करता है जिसमें सभी अपनी जाति, धर्म, वर्ण, रंग, भाषा, वेशभूषा एवं खान-पान जैसी भिन्नताओं को भुलाकर, आपसी प्रेम एवं मिलर्वतन की भावना को धारण करते हैं।


संत निरंकारी मिशन का आरम्भ बाबा बूटा सिंह जी के निर्देशन में गुरमत का रूप देकर बाबा अवतार सिंह जी ने आगे बढ़ाया। मिशन का प्रथम निरंकारी संत समागम ( Nirankari Sant Samagam ) सन् 1948 में बाबा अवतार सिंह जी की दिव्य उपस्थिति में हुआ। निरंकारी संत समागम को व्यवस्थित, सुसज्जित तथा प्रफुल्लित करने का श्रेय युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी को जाता है। युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी ने समागम को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर एकत्व के आधार पर वसुदैव कुटुम्बकम् और दीवार रहित संसार की सोच के साथ यूनिवर्सल ब्रदरहुड की पहचान दी, अनेकता में एकता का दर्शन कराया। वात्सल्य एवं मातृत्व की साक्षात् मूर्ति माता सविन्दर हरदेव जी ने एक नये युग का सृजन किया और युगनिर्माता के रूप में प्रकट होकर अपने कर्त्तव्यों को पूर्ण रूप से निभाया। वर्तमान समय में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज नयी सोच, एकाग्रता और सामुदायिक सामंजस्य की भावना के साथ इसे आगे से आगे बढ़ा रहे हैं।

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