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Dev Diwali : आसनसोल में प्रभु छठघाट पर कृष्णा प्रसाद के नेतृत्व में हुआ आयोजन

बंगाल मिरर, आसनसोल : कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली और सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देवजी की जयंती मनाई जाती है। आसनसोल के कल्ला स्थित प्रभु छठ घाट पर समाजसेवी सह व्यवसायी कृष्णा प्रसाद के नेतृत्व में देव दीपावली तथा गुरुनानक जयंती पर दीप जलाये गये। कृष्णा प्रसाद के नेतृत्व में ली क्लब के सदस्यों ने छठ घाट पर दीपक जलाया। 


पौराणिक कथा के अनुसार क्यों मनाई जाती है देव दिवाली 
एक बार त्रिपुरासुर राक्षस ने अपने आतंक से मनुष्यों सहित देवी-देवताओं और ऋषि मुनियों सभी को त्रस्त कर दिया था, उसके त्रास के कारण हर कोई त्राहि-त्राहि कर रहा था। तब सभी देव गणों ने भगवान शिव से उस राक्षस का अंत करने हेतु निवेदन किया। जिसके बाद भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कर दिया। इसी खुशी में सभी इससे देवता अत्यंत प्रसन्न हुए और शिव जी का आभार व्यक्त करने के उनकी नगरी काशी में पधारे। देवताओं ने काशी में अनेकों दीए जलाकर खुशियां मनाई थीं। यह कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि थी। यही कारण है कि हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज भी काशी में दिवाली मनाई जाती है।


हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवता काशी की पवित्र भूमि पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं। मुख्य रूप से देव दिवाली काशी में गंगा नदी के तट पर मनाई जाती है। इस दिन काशी नगरी में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है। हर ओर साज-सज्जा की जाती है और गंगा घाट पर हर ओर मिट्टी के दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। उस समय गंगा घाट का दृश्य भाव विभोर कर देने वाला होता है। 

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