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PM मोदी ने उत्तराखंड को दी बड़ी सौगात, 18 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : पीएम मोदी ने शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड में 18 हजार करोड़ रुपए की सात परियोजनाओं का उद्घाटन और 11 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा समेत कई परियोजनाएं शामिल हैं। जबकि इससे पहले पीएम मोदी ने सभा स्थल पर प्रदर्शनी का अवलोकन कर तमाम परियोजनाओं के विषय में जानकारी ली। उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अनेक गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री उत्तराखंड का कर रहे हैं सतत विकास : सीएम पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड को दी बड़ी सौगात

इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी उत्तराखंड का सतत विकास कर रहे हैं। उनके विजन और दूरदर्शी सोच से उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। प्रधानमंत्री के द्वारा दी गईं अट्ठारह हजार करोड़ की योजनाएं इसका प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी मान्यता है सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास। लेकिन अन्य दलों में ऐसा नहीं है। उनके लिए एक परिवार, एक विचार ही सब कुछ है। उन्होंने कहा कि जनता सुविज्ञ है, सब कुछ जानती है और अवसर आने पर ऐसे स्वार्थी तत्वों का सफाया करेगी। उन्होंने मंचासीन अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सब के मार्गदर्शन में हम प्रदेश को आगे बढ़ाने की यथासंभव कोशिश करेंगे।

उत्तराखंड को दी बड़ी सौगात पीएम मोदी ने 11 विकास परियोजनाओं की रखी गई आधारशिला

इसमें दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे जंक्शन से देहरादून तक) शामिल है, जिसे लगभग 8300 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। यह दिल्ली से देहरादून के बीच यात्रा के समय को छह घंटे से घटाकर लगभग 2.5 घंटे कर देगा। इसमें हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत से सम्पर्क के लिए सात प्रमुख इंटरचेंज होंगे। इसमें वन्यजीवों के लिए बिना रोक-टोक आवागमन के लिए एशिया का सबसे बड़ा वन्य जीव एलिवेटेड गलियारा (12 किलोमीटर) होगा। साथ ही, देहरादून में दत काली मंदिर के पास 340 मीटर लंबी सुरंग वन्यजीवों पर होने वाले प्रभाव को कम करने में मदद करेगी। इसके अलावा, गणेशपुर-देहरादून खंड में वाहनों को जंगली जानवरों से टक्कर से बचने के लिए जानवरों के लिए कई रास्ते बनाए गए हैं।

दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे में 500 मीटर के अंतराल पर वर्षा जल संचयन और 400 से अधिक पानी के रिचार्ज प्वाइंट की व्यवस्था भी होगी। दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे से ग्रीनफील्ड संरेखण परियोजना, सहारनपुर के हलगोआ से हरिद्वार के भद्राबाद को जोड़ने वाली परियोजना का निर्माण 2000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया जाएगा। यह परियोजना दिल्ली से हरिद्वार तक निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगी और यात्रा के समय को भी कम करेगी। 1600 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाली मनोहरपुर से कांगड़ी तक हरिद्वार रिंग रोड परियोजना, हरिद्वार शहर के लोगों को, विशेष रूप से भारी पर्यटक मौसम के दौरान यातायात के जाम से राहत प्रदान करेगी और कुमाऊं क्षेत्र के साथ सम्पर्क में भी सुधार करेगी। लगभग 1700 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली देहरादून-पोंटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) सड़क परियोजना, यात्रा के समय को कम करेगी और दोनों स्थानों के बीच निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी।

इससे अंतर्राज्यीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। नाजिमाबाद-कोटद्वार सड़क चौड़ी करने की परियोजना, यात्रा के समय को कम करेगी और लैंसडाउन से सम्पर्क में भी सुधार करेगी। लक्ष्मण झूले के निकट गंगा नदी पर एक पुल भी बनाया जाएगा। विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूले का निर्माण 1929 में किया गया था, लेकिन अब इसे कम भार वहन क्षमता के कारण बंद कर दिया गया है। बनने वाले पुल पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए कांच के डेक का प्रावधान होगा, साथ ही हल्के वजन के वाहनों को भी पार करने की अनुमति होगी।

इसके अलावा पीएम मोदी ने देहरादून में बच्चों की यात्रा के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाकर शहर को बाल हितैषी बनाने के लिए चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट, देहरादून की आधारशिला भी रखी। देहरादून में 700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से जलापूर्ति, सड़क और जल निकासी व्यवस्था के विकास से संबंधित परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप स्मार्ट आध्यात्मिक कस्बों के विकास और पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए श्री बद्रीनाथ धाम और गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की आधारशिला रखी। इसके साथ ही हरिद्वार में 500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से नया चिकित्सा महाविद्यालय भी बनाया जाएगा।

उत्तराखंड को दी बड़ी सौगात सात परियोजनाओं का किया उद्घाटन

इन परियोजनाओं में क्षेत्र में गंभीर भूस्खलन की समस्या से निपटने के लिए यात्रा को सुरक्षित बनाने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। इन परियोजनाओं में लामबगड़ (जो बद्रीनाथ धाम के रास्ते में है) में भूस्खलन शमन परियोजना और एनएच-58 पर शकनिधर, श्रीनगर और देवप्रयाग में गंभीर भूस्खलन समस्या का निवारण शामिल हैं। गंभीर भूस्खलन क्षेत्र में लामबगड़ भूस्खलन शमन परियोजना में वर्षा से बचाने वाली दीवार और रॉक फॉल बाधाओं का निर्माण शामिल है। परियोजना का स्थान इसके सामरिक महत्व को और बढ़ाता है। चारधाम सड़क संपर्क परियोजना के तहत देवप्रयाग से श्रीकोट तक और एनएच-58 पर ब्रह्मपुरी से कोडियाला तक सड़क चौड़ी करने की परियोजना का भी उद्घाटन किया।

साथ ही 1700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से यमुना नदी पर निर्मित 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना का भी उद्घाटन देहरादून में हिमालय संस्कृति केंद्र के साथ किया। हिमालयन संस्कृति केंद्र में एक राज्य स्तरीय संग्रहालय होगा, 800 सीट वाला कला सभागार, पुस्तकालय, सम्मेलन कक्ष, आदि जो लोगों को सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक विरासत की सराहना करने में मदद करेंगे। पीएम मोदी ने देहरादून में अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन किया। यहां किया गया शोध इत्र, साबुन, सैनिटाइजर, एयर फ्रेशनर, अगरबत्ती आदि सहित विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए उपयोगी साबित होगा और इससे क्षेत्र में संबंधित उद्योगों की स्थापना भी होगी। यह सुगंधित पौधों की अधिक उपज देने वाली उन्नत किस्मों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।

पीएम मोदी के संबोधन के अंश… ‘

अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था’ इस मौके पर परेड मैदान में जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी ने कहा, इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।

‘आज भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा’ आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। केदारनाथ त्रासदी से पहले, 2012 में 5 लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किया था। ये उस समय एक रिकॉर्ड था। जबकि कोरोना काल शुरू होने से पहले, 2019 में 10 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे थे। यानि केदार धाम के पुनर्निर्माण ने ना सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाई बल्कि वहां के लोगों को रोजगार-स्वरोजगार के भी अनेकों अवसर उपलब्ध कराए हैं। ‘

दिल्ली से देहरादून आने-जाने का समय करीब-करीब हो जाएगा आधा’

उत्तराखंड को दी बड़ी सौगात पीएम मोदी ने कहा, आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा। हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। पहाड़ों में रहने वालों का जीवन सुगम बनाना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। दुर्भाग्य से दशकों तक जो सरकार में रहे, उनकी नीति-रणनीति में दूर-दूर तक ये चिंतन कहीं था ही नहीं।

हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग’

साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए। जबकि हमारी सरकार ने अपने सात साल में उत्तराखंड में 2 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है। सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था। बॉर्डर के पास सड़कें बनें, पुल बनें, इस ओर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं।

विकृत राजनीति का आधार रहा कि लोगों की आवश्यकताएं पूरी ना करो’

कुछ राजनीतिक दलों द्वारा, समाज में भेद करके, सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो, उसे ही कुछ देने का प्रयास हुआ, उसे वोट बैंक में बदल दिया गया। इन राजनीतिक दलों ने एक और तरीका अपनाया। उनकी विकृति का एक रूप ये भी है कि जनता को मजबूत नहीं, उन्हें मजबूर बनाओ, अपना मोहताज बनाओ। इस विकृत राजनीति का आधार रहा कि लोगों की आवश्यकताएं पूरी ना करो, उन्हें आश्रित बनाकर रखो।

उत्तराखंड को दी बड़ी सौगात ‘सामान्य मानवी का स्वाभिमान कुचलकर उसे आश्रित बना दिया गया’ दुर्भाग्य से, इन राजनीतिक दलों ने लोगों में ये सोच पैदा कर दी कि सरकार ही हमारी माई-बाप है, जब सरकार से मिलेगा, तभी हमारा गुजारा चलेगा। यानि एक तरह से देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया और दुखद ये कि उसे पता भी नहीं चला। इस सोच, इस अप्रोच से अलग, हमने एक अलग रास्ता चुना। कठिन मार्ग है, मुश्किल है, लेकिन देशहित में है, देश के लोगों के हित में है। ये मार्ग है – सबका साथ-सबका विकास। ‘हमने कहा कि जो भी योजनाएं लाएंगे सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे’ हमने कहा कि जो भी योजनाएं लाएंगे सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे। हमने वोटबैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया बल्कि लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी। हमारी अप्रोच रही कि देश को मजबूती देनी है।

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Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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