ASANSOL

टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का जिलाशासक कार्यालय पर प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

बंगाल मिरर, आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिले में 2014 प्राइमरी टीचर इलीजिबिलिटी टेस्ट उत्तीर्ण, प्रशिक्षित यधपी सूचि में शामिल नहीं रहने वाले अभ्यर्थीयों ने बतौर शिक्षक नियुक्ति की मांग पर जिला शासक कार्यालय के निकट प्रदर्शन किया। बर्दवान एकता मंच के बैनर तले एकत्रित टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थीयों ने इससे पहले एक रैली भी निकाली। फ़रवरी माह के अंत तक नियुक्ति की मांग पर उन्होंने जिला शासक कार्यालय में अतिरिक्त जिला शासक को मांग पत्र सौंपा।

बर्दवान एकता मंच के बैनर तले प्रदर्शन में शामिल स्वाति बनर्जी भट्टाचार्जी ने कहा कि हम अपने साथ गुलदस्ता लाये हैं इसे जिला शासक एस अरुण प्रसाद को सौंपकर उन्हें अपनी मांगो से अवगत करा उनके माध्यम से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि नवान्न से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने घोषणा में कहा था कि प्राइमरी टीचर इलीजिबिलिटी परीक्षा उत्तीर्ण, प्रशिक्षित यधपी सूचि में शामिल नहीं ऐसे अभ्यर्थीयों में से 16500 को प्रथम चरण में नियुक्ति दी जाएगी। बाकी बचे अभ्यर्थीयों को क्रमवार ढंग से अलग अलग चरणों में नियुक्ति दी जाएगी।

लेकिन इसके बाद भी हम में से किसी को नियुक्ति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बर्दवान जिले में ऐसे 200 अभ्यर्थी होंगे। हम में से अधिकांश किसी न किसी तरह कोई काम कर अपनी आजीविका चला रहे और अपना भरण पोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन क्या इसी तरह जीवन जीने के लिए हमने उच्च शिक्षा लिया था। उन्होंने कहा कि हममें से अधिकांश ने अपनी जमीन, आभूषण रखकर लाख रूपये खर्च कर बीएड, डीलेड जैसे महंगे पढ़ाई पढ़े हैं। कइयों ने कर्ज लेकर पढ़ाई की है। क्या इसी दिन देखने की उम्मीद की थी।

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हाथ जोड़कर बेरोजगार टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थीयों को नियुक्ति दिये जाने और बेरोजगारी के दंश से बचाने का आग्रह किया। मंच के जगन्नाथ चट्रजी ने कहा कि हम सभी परीक्षा उत्तीर्ण कर भी बेरोजगार बैठे हैं। सरकार को हमारे बारे में सोचना चाहिए। हमारे जीवन में जो लक्ष्य है उसे पाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में मेरिट लिस्ट निकाला गया था। एक साल बाद अभी भी सात से आठ हजार प्रशिक्षित अभ्यर्थी बचे रह गये हैं। वे लगातार अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं। घरवाले भी चाहते हैं कि जिस उद्देश्य से उच्च शिक्षा पूरी की गई वह लक्ष्य हमें मिले।

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