आसनसोल में माँ शाकम्भरी रगं रंगीला होली उत्सव
बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल मे स्थित महाबीर स्थान मन्दिर प्रागंन मे शाकम्भरी महिला समिति की ओर से गुरूवर को रंग रंगीला होली उत्सव धूमधाम से मनाया गया। उत्सव में महिलाओं ने होली की मस्ती गीत भजन मगंलपाठ माता को समर्पित कर देर तक होली की मस्ती में डूबी नृत्य करती रही।




होली उत्सव की तैयारी में सुबह से ही महिलायें जुटी रहीं। माता के दरबार एवम् प्रांगण को फूलों बैलुन से सजाया गया। शाकम्भरी महिला समिति की सभी सदस्य महिलायें माता के साथ फूलों से होली खेलीं। इसके बाद रानीगंज की मशहूर गायिका सीतु राजस्थानी ने माता का सगीतमय मगंलपाठ एवम् भजन कीर्तन कर सभी को होली की मस्ती मे झुमा दिया I इस मौके पर शाकम्भरी महिला समिति की स्मिता शर्मा, सरिता मोदी, रिंकु सुलतानियाँ,अंजु सुलतानिया,शशि शर्मा सहित दर्जनों सदस्य मौजूद थी।
शाकम्भरी महिला समिति की सदस्यो ने बताया की शाकम्भरी माता आदि शक्ति जगत जननी है ,यह माँ पार्वति का रूप है जो दुष्ट दानवो का सहांर करने हेतु दुर्गा ओर महिषासुर मर्दिनी का रूप भी धारण की
प्राचीन समय मे दुर्गमासुर नामक एक महा दैत्य हुआ जिसने कठोर तपस्या कर के ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर के चारों वेद हासिल कर लिए जिसके कारण देवताओं की शक्ति क्षिण हो गई और 100 वर्षों तक जल नहीं बरसा। भीषण सूखा और चारों ओर हाहाकार मचा था। तब ऋिषि मुनी और देवताओं ने आदिशक्ति मां भगवती का आह्वान किया
तो माता उनकी करुण पुकार सुनकर शताक्षी रूप मे प्रकट हुई और अपने सौ नैत्रो से नौ दिन और रात लगातार जल बरसाया जिससे धरती पर चारों ओर जल के साधन उत्पन्न हुए और फिर माता ने शाकम्भरी रूप धारण कर के धरती पर शाक उत्पन्न कर के सबके प्राण बचाए, सबकी क्षुधा मिटाई। शाकम्भरी रूप मे ही माता ने दैत्य दुर्गमासुर का वध कर के वेदों को मुक्त कराया और धरती का उद्धार किया। दुर्गमासुर का वध करने पर माता का नाम दुर्गा देवी पड़ा जिन्हें आज संसार जगत जननी शक्ति की देवी के रूप मे पूजता है।