Asansol आदिवासियों संग झूमे शत्रुघ्न सिन्हा, रेलपार में मंत्री ने किया कार्यालय का उद्घाटन
बंगाल मिरर, आसनसोल : आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में आसनसोल से तृणमूल प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थन में बीएनआर स्थित रविंद्र भवन में जनसभा आयोजित की गयी। जनसभा में जिले के विभिन्न हिस्सों से आदिवासी समप्र्दाय के लोग महिला और पुरुष एवं वरिष्ठ नागरिक शामिल हुए। आदिवासी सम्प्रदाय के सभी महिला एवं पुरुष अपने पारम्परिक वेश भूषा में उपस्थित थे और उन्होंने पारम्परिक नृत्य संगीत प्रस्तुत कर सभी को चौंका दिया। कार्यकर्म में राज्य के लोक निर्माण एवं कानून मंत्री मलय घटक, सांसद कल्याण बनर्जी, तृणमूल प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हाआईएनटीटीयूसी जिलाध्यक्ष अभिजीत घटक, ब्लाक टीएमसी अध्यक्ष गुरुदास चटर्जी एवं जिले के विभिन्न अंचलों से आदिवासी सम्प्रदाय के लोग शामिल हुए। वहीं सफी मोड़ के निकट टीएमसी के एक और कार्यालय का उद्घाटन किया गया। राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने टीएमसी कार्यालय का उद्घाटन किया। मौके पर पूर्व पार्षद कविता यादव, शहनवाज खान आदि मौजूद थे।
संबोधित करते हुए सांसद कल्याण बनर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा आदिवासियों एवं संथाली सम्प्रदाय के हिट में किये गए कार्यों को साझा किया। आदिवासियों के कल्याण के लिए किये गए उन्नयनमूलक कार्यों और शिक्षा की दिशा में किये गए कार्यों को सबके सामने रखा। कल्याण बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि पुरे देश में अगर किसी राज्य में सबसे ज्यादा आदिवासी सम्प्रदाय के लोगों को एसटी प्रमाण-पत्र जारी किये गए हैं तो वह हाँ पश्चिम बंगाल। राज्य सरकार के और से द्वारे सरकार के लिए मात्र कई दिनों में आदिवासी भाइयों को उनके एसटी प्रमाण-पत्र जारी किये गए ताकि योजनाओं का लाभ लेने में उन्हें कोई दिक्कत न हो। विगत दो बार से आसनसोल में गैर तृणमूल दल के सांसद होने पर उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब आसनसोल में हम विधानसभा में जीतते हैं। निकाय चुनावों में, पंचायत चुनाव जीतते और जिला परिषद् में हमारे प्रतिनिधि हैं तो लोकसभा चुनाव में आसनसोल से हमारे उम्मीदवार की जीत क्यों नहीं होती है।
विपक्षी दल नेत्री की और से आसनसोल उनके अपने लड़की को ही चाहती है के बारे में कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आसनसोल उनके अपने लड़की को ही चाहती है का नारा देने वाली कहाँ चली गई थीं। 2021 के बाद उन्हें किसी कार्यक्रम, जनता के बीच, उनके सुख दुःख में कहीं नहीं देखा गया। संसद में वाव विवाद के दौरान एक पुराने स्मृति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे कहा था कि हमें ऐसा कानून लाना है। जिससे कि आदिवासियों कि जमीन कि दूसरों कि बिक्री को रोका जा सके। ताकि हमारे सीधे साधे आदिवासी भाइयों को धोखे से कोई जमीन हथिया न सके।
मुख्यमंत्री के आदिवासी और संथाली सम्प्रदाय के प्रति सद्भाव को साझा करते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा कि पूर्व में रेल मंत्री के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा स्टेशन आदिवासी बहुल दुर्गम इलाकों में ही निर्माण करवाए ताकि जटिल और दुर्गम इलाकों से काम पर जाने वाले आदिवासी भाइयों को अपने कार्यस्थल तक जाने और वापस घर आने में परेशानी का हमेशा के लिए खत्म हो सके। उन्होंने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि आजतक किसी ने भी आसनसोल के मुद्दों को यहां के जनता की जरूरतों को संसद में नहीं उठाया। किसी ने भी यहां के विकास को संसद में मुद्दा नहीं बनाया। आदिवासी भाइयों से शत्रुघ्न सिन्हा को समर्थन देने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा को आप आसनसोल में ही आप सबों के बीच पाएंगे।
आसनसोल के मेयर एवं बारबानी के विधायक बिधान उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार आते ही जंगल महल में रहने वाले भाइयों और माताओं का जीवन स्तर में काफी बदलाव आया। साल 2011 के पहले हमारे आदिवासी भाई क़िस हाल में रह रहे थे l यह किसी से भी छुपा नहीं है। लेकिन तृणमूल की सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री ने उनके जीवन स्तर में सुधर के लिए कई योजनाएं और पहल किये। हिंदी सिनेमा के हीरो शत्रुघ्न सिन्हा को उन्होंने सुपर हिट हीरो बताते हुए कहा की अपने समय में जब वे सिनेमा हॉल की सीट पर बैठ कर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उनकी फ़िल्में देखा करते थे तो तब सपने में भी सोचा नहीं था की एकदिन ऐसा भी आएगा जब शत्रुघ्न सिन्हा उनके बगल की सीट पर बैठे होंगे। उन्होंने इसके लिए दीदी का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा की आज शत्रुघ्न सिन्हा उनके और असनसोलवासियों के बीच बैठे हैं l यह दीदी के कारण ही संभव हो सका है।
मंत्री मलय घटक ने कोयला खदानों के निजीकरण के पूर्व खदानों में कार्यरत श्रमिकों के दयनीय हालातों को चित्रित करते हुए कहा कि कोलियरियों के नेशनलाइजेशन से पूर्व कोयला खदानों के मालिक श्रमिकों का शोषण करते थे। कड़ी मशक्कत के बावजूद भी हमारे श्रमिक भाइयों को उनके हक़ का जायज मेहनताना नहीं मिल पता था और खदानों के निजी मालिक ऐशो आराम की सुखद जिंदगी बिताते थे। मजदूरों के काम के घंटे तय नहीं थे और नहीं उनकी मजदूरी ही उनके मेहनत के अनुरूप थी। जान जोखिम में डालकर धरती का सीना चिरकर गहरे अंधेरे कोयला खदानों से कोयला निकालने वाले मजदूरों को नाम मात्र की मजदूरी मिलती थी। उन्होंने केंद्र सरकार पर कोलियरी , सैल व अन्य केंद्रीय संस्थानों के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके निजीकरण के बाद एकबार फिर हमारे मजदूर भाइयों को शोषण का शिकार होना पड़ेगा। इसलिए हमें आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा जैसे एक ऐसे लड़ाकू व्यक्ति को चुनकर संसद भेजना है जो यहां के लोगों के मुद्दों को संसद में उठाये और उनके हक की बात करें। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आज लक्खी भंडार, रूपश्री, सबुजश्री व अन्य कई योजनाओं का लाभ राज्यवासियों को मिल रहा है। सबुज साथी का लाभ हमारे दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से आने वाले संथाल और आदिवासी भाइयों को काफी लाभकारी रहा ओर वे समय से स्कूल पहुंच और घरों को जा सके।
संबोधित करते हुए शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार के रातों रात नोटबंदी और जीएसटी आदि लागु करने से सबसे ज्यादा लोगो को तकलीफ हुई है। इन निर्णयों से पूरे देश में हाहाकार सा मच गया। लोग बेरोजगार हुए और छोटे छोटे दुकानदारों की आजीविका प्रभावित हुई। अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने कहा कि नोटबंदी से सबसे ज्यादा नुकसान हमारे उन आदिवासी माताओं और बहनों को हुआ जिन्होंने अच्छे सोच और भविष्य के इरादों से अपने पति की कमाई का कुछ हिस्सा छुपा कर घर के आपात स्थितियों से निबटने के रखा था। उन्होंने कहा कि बगल के झारखण्ड में मजदूर हितों पर निर्मित काला पत्थर और कालका जैसे फिल्मों में अपने मजदूर भाइयों के हक को उठाया है। उन्होंने कहा कि वे पेशे से फिल्म आर्टिस्ट और राजनीतिज्ञ हैं लेकिन वे जमिनी सच्चाईयो से वाकिफ हैं और जनसाधारण की दुख तकलीफ को समझते हैं।