ASANSOL

Asansol ESI Hospital अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से हुआ लैस

बंगाल मिरर, आसनसोल : Asansol ESI Hospital अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस हुआ।  श्रम राज्य मंत्री बेचाराम मन्ना ( Becharam Manna )  ने आसनसोल ईएसआई अस्पताल में आईसीयू, एचडीयू, सीटी स्कैन और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का  उदघाटन किया। वहीं दीप प्रज्ज्वलित कर मंत्री बेचाराम मन्ना ने अस्पताल के बीएससी नर्सिंग प्रशिक्षण में पांचवें और छठे बैच और स्नातक समारोह प्रथम और द्वितीय बैच का उदघाटन किया। इस मौके कुल 100 लोगों ने दीप प्रज्ज्वलन समारोह के माध्यम से नर्सिंग प्रशिक्षण की शपथ ली। मंत्री ने नर्सिंग प्रशिक्षण पूरी करने वाली छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किया। 

इस अवसर पर राज्य ईएसआई निदेशक तन्मय चक्रवर्ती, पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी एस अरुण प्रसाद, अतिरिक्त श्रम आयुक्त तीर्थंकर सेनगुप्ता, जिला डीपीआरडीओ तमोजीत चक्रवर्ती, ईएसआई अस्पताल के अधीक्षक डॉ अतनु भद्रा और आसनसोल नगर निगम के पार्षद उत्पल सिन्हा उपस्थित थे। कोरोना के चलते आसनसोल के ईएसआई अस्पताल में पिछले दो साल से यह आयोजन नहीं हो सका। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर कई मंत्री विभिन्न मुद्दों पर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इसी क्रम में श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना ने अपने कार्यालयों और ईएसआई अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। जो वर्तमान राज्य की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण है।मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह इस बारे में सोच रहे हैं कि क्या आसनसोल ईएसआई अस्पताल की सीटी स्कैन यूनिट पीपीपी मॉडल पर चलाई जा सकती है। आसनसोल समेत चंपदानी, बाल्टिकुरी और उलुबेरिया में भी लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। आने वाले दिनों में प्रदेश के 13 अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के दौरान हमने देखा कि लिक्विड ऑक्सीजन कितनी जरूरी है।

 श्रम मंत्री ने आगे कहा कि बांकुड़ा के बड़जोड़ा, पश्चिम मिदनापुर के हल्दिया और उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में तीन ईएसआई अस्पताल स्थापित करने की योजना बनाई गई है। लेकिन केंद्र सरकार के असहयोग के कारण ऐसा नहीं होने जा रहा है। इसी कारण से आसनसोल में 300 बेड का विस्तारित भवन नहीं खोला जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र सरकार से यंत्र मांगे गए हैं। लेकिन सरकार नहीं भेज रही है। 

नतीजतन, राज्य ईएसआई अस्पतालों में सुधार करने में असमर्थ है। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा है कि ईएसआई बंगाल का पहला अस्पताल है जो देश के अन्य राज्यों से सेवाएं प्रदान करता है। फिर भी सौतेली मां जैसा व्यवहार किया जा रहा है। लेकिन इतना ही नहीं इस मामले में भी केंद्र सरकार सभी मामलों में राज्य की मदद नहीं कर रही है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ अतनु भद्र ने कहा कि चार नई इकाइयों की लागत लगभग दो करोड़ रुपये आंकी गई है।

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