ASANSOLASANSOL-BURNPUR

Asansol पूर्व पार्षद के बेटे से 42 लाख रुपये की ठगी का आरोप, महिला गिरफ्तार, बार का लाइसेंस दिलाने के नाम पर

केंद्र व राज्य सरकार के आबकारी विभाग का फर्जी पोर्टल बना, वकील के रूप में पहचान बताई


बंगाल मिरर,आसनसोल, सौरदीप्तो सेनगुप्ता : सबसे पहले आसनसोल जिला न्यायालय में वकील के रूप में पहचान बताई। फिर आत्मीयता बढ़ाकर विदेशी शराब की दुकानों को लाइसेंस देने का प्रलोभन दिया। अंत में केंद्र व राज्य सरकार के आबकारी विभाग का फर्जी पोर्टल बनाकर आसनसोल नगर निगम के पूर्व पार्षद के बेटे के साथ 42 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने गुरुवार रात दक्षिण 24 परगना के भांगर से पापरी सुल्ताना नाम की महिला को गिरफ्तार किया है।


शुक्रवार को कार्यवाहक सीजेएम के सामने आरोपी को आसनसोल जिला न्यायालय ले गए और पुलिस ने सात दिन के रिमांड के लिए आवेदन किया। उस अर्जी के आधार पर कार्यवाहक चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मनाली सामंत ने उनकी जमानत खारिज कर दी और 5 दिन की पुलिस हिरासत का आदेश दिया। धृति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 471, 468,420, 410, 406 और 120/बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।


पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार पापरी सुल्ताना आसनसोल के हीरापुर थाना क्षेत्र के बर्नपुर के पूर्णिया तालाब की रहने वाली है। उसने एक गिरोह बनाया। उन्होंने अपने माध्यम से बार्नपुर में आसनसोल नगरर निगम की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पूर्व पार्षद श्रवण साव के पुत्र नरसिंहबंध के ध्रुपदंगा निवासी लबमव कुमार साव को फंसाया। साइबर सेल की प्राथमिकी में कहा गया है कि इस धोखाधड़ी के चक्र में दो और लोग हैं। वे हैं मनोवारा सुल्ताना और नवनीत भारती। हालांकि पुलिस ने पापड़ी को भांगड़ा से गिरफ्तार किया, लेकिन मनोवारा सुल्ताना और नवनीत भारती अभी भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

हालांकि मनोवारा सुल्ताना है, लेकिन जांच अधिकारी को यकीन है कि नवनीत भारती नाम का कोई नहीं है। क्योंकि घर का पता नहीं मिला। वह खुद को राज्य आबकारी विभाग का अधिकारी बताते हुए लव कुमार साव से फोन पर बात करता था।
लव कुमार साव के वकील दिव्येंदु घोष ने कहा, “मेरे मुवक्किल के पिता का हीरापुर थाने में मामला था।” उस संयोग में पापड़ी सुल्ताना को उनसे मिलवाया गया था। फिर उन्होंने आसनसोल जिला न्यायालय में एक वकील के रूप में अपना परिचय दिया। मामले से पिता को बरी करने के लिए महिला ने बेटे से 8,000 रुपये लिए। बाद में महिला ने फर्जी वकालतनामा जमा कर दी। फिर वही महिला अपने मुवक्किल से विदेशी शराब की दुकानों को लाइसेंस देने के नाम पर पैसे लेने लगी। वकील ने कहा कि महिला ने कहा था कि वह इस साल बीरभूम जिले की बोलपुर अदालत में जुडिसियाल मजिस्ट्रेट के रूप में शामिल होगी।


पता चला है कि लव कुमार साव से आठ मई को आखिरी बार पैसे लेने का बाद शक हुआ। तब तक, वह लगभग 2 वर्षों तक नेट बैंकिंग के जरिए कोलकाता, मुंबई और आसनसोल में विभिन्न बैंकों के माध्यम से 42 लाख रुपये ठग चुकी है। फिर वह आबकारी विभाग में जाकर पता लगाया कि जिस पोर्टल के जरिए उसे सब कुछ दिया गया है वह भी फर्जी है। लव कुमार साव ने तुरंत जून की शुरुआत में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उसके आधार पर नोटिस भेजकर पपरी सुल्ताना को तलब कर पूछताछ के अलावा कुछ नहीं किया। पूरा मामला उसके खिलाफ जा रहा था और महिला ने किसी भी समय गिरफ्तार होने के डर से उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। 16 जून को याचिका पर सुनवाई करते हुए जयमाल्या बागची की पीठ ने आसनसोल दुर्गापुर पुलिस को पापड़ी सुल्ताना को बिना जमानत के गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। चूंकि इस मामले में आबकारी विभाग का फर्जी पोर्टल बनाया गया है, इसलिए न्यायाधीश ने उस विभाग को भी इस मामले में शामिल होने का निर्देश दिया।


फिर पापड़ी सुल्ताना फरार हो गयी। आखिरकार आसनसोल दुर्गापुर पुलिस ने मोबाइल को ट्रेस कर गुरुवार रात दक्षिण 24 परगना के भांगर से पापड़ी सुलताना को गिरफ्तार कर लिया।
पता चला है कि गिरफ्तार महिला शादीशुदा है। हालांकि, उनका अपने पति से तलाक हो गया है और उन्हें गुजारा भत्ता भी मिल रहा है। उनका एक 9 साल का बेटा भी है।
इस फर्जीवाड़े की घटना के सामने आते ही हड़कंप मच गया है।

One thought on “Asansol पूर्व पार्षद के बेटे से 42 लाख रुपये की ठगी का आरोप, महिला गिरफ्तार, बार का लाइसेंस दिलाने के नाम पर

  • Bhai Sarwan Shaw ka 42lac chori ka hi tha. Chor ka mal chori huya hain. Jaisi karni waisi bharni.

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