President Election 2022 : 99.18 % हुआ मतदान, नेताओं ने डाले वोट
राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुआ मतदान, PM मोदी समेत तमाम नेताओं ने डाले वोट राष्ट्रपति चुनाव में 99% हुआ मतदान, 11 राज्यों में शत-प्रतिशत हुई वोटिंगभारत के 16वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए सोमवार को संसद और राज्य विधानसभाओं सहित कुल 31 स्थानों पर मतदान हुआ। संसद के दोनों सदनों समेत देश के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित 4,796 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया। मतदान का प्रतिशत 99.12 रहा।
11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शत-प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ।इन राज्यों में हुआ शत-प्रतिशत मतदानचुनाव आयोग के अनुसार संसद भवन और राज्यों की 30 विधानसभा में हुए मतदान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं।
इनको निर्वाचित करने वाले मंडल में 771 सांसद और 4,025 विधायक हैं। इनमें से 763 सांसदों और 3,991 विधायकों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है। छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु में शत प्रतिशत मतदान हुआ।निर्वाचन मंडल में रहे कुल 4,796 मतदाताआयोग के अनुसार दो विधायकों अनंत कुमार सिंह और महेंद्र हरि दलविक को आज मतदान की अनुमति नहीं दी गई। उन्हें जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत संबंधित न्यायालयों की ओर से अयोग्य घोषित किया जा चुका है। इसके अलावा राज्यसभा में पांच और कुछ राज्य विधानसभाओं में कुल 6 रिक्तियां हैं।
संसद और विधानसभा में नामित सदस्य राष्ट्रपति पद के लिए मतदान नहीं कर सकते। इसे मिलाकर निर्वाचन मंडल में कुल 4,796 मतदाता थे।40 सांसदों को राज्य विधानसभाओं में मतदान करने की दी गई अनुमति आयोग के अनुसार मतदान के लिए 40 सांसदों को राज्य विधानसभाओं में मतदान करने की अनुमति दी गई थी। 9 विधायकों को संसद भवन में और 2 विधायकों को अन्य विधानसभा में मतदान की अनुमति मिली थी।
कोविड महामारी को देखते हुए की गई थी विशेष व्यवस्थाइस बार के राष्ट्रपति चुनाव में कोविड महामारी को देखते हुए विशेष व्यवस्था भी की गई थी। तमिलनाडु विधानसभा में दो संक्रमित विधानसभा सदस्यों ने मतदान किया। वही केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और आर.के. सिंह ने कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करते हुए PPE कीट पहनकर मतदान किया।
21 जुलाई को घोषित होंगे राष्ट्रपति चुनाव के नतीजेविभिन्न राज्यों के सहायक रिटर्निंग अधिकारियों ने बीती शाम से ही सड़क और वायु मार्ग के माध्यम से सीलबंद मतपेटियों के साथ दिल्ली पहुंचना शुरू कर दिया। मतपेटियों को लाने के लिए हवाई अड्डे से संसद भवन तक सुरक्षित आवागमन के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना 21 जुलाई को होगी और उसी दिन नतीजे आएंगे।
सांसदों के मत का मूल्यवर्तमान में जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश में विधानसभा नहीं है। विधायकों के वोट का महत्व राज्य की जनसंख्या पर आधारित होता है। इस हिसाब से कुल सांसदों के मत की कीमत 5,43,200 है और कुल विधायकों के मत की कीमत 10,86,431 है। सांसदों को मत का मूल्य 700 है।विधानसभा सदस्य के मत का मूल्यवहीं चुनाव आयोग के अनुसार प्रत्येक विधानसभा सदस्य के मत का मूल्य इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश 208, आंध्र प्रदेश 159, अरुणाचल प्रदेश 8, असम 116, बिहार 173, छत्तीसगढ़ 129, गोवा 20, गुजरात 147, हरियाणा 112, हिमाचल प्रदेश 51, झारखंड 176, कर्नाटक 131, मध्य प्रदेश 131, केरल 152, महाराष्ट्र 175, मणिपुर 18, मेघालय 17, मिजोरम 8, नागालैंड 9, ओडिशा 149, पंजाब 116, राजस्थान 129, सिक्किम 7, तमिलनाडु 176, तेलंगाना 132, त्रिपुरा 26 उत्तराखंड 64, पश्चिम बंगाल 151, पुडुचेरी 16, दिल्ली 58।
भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज (18 जुलाई) को संपन्न हो चुका है। चुनाव आयोग के अनुसार कुल 99.18 फीसदी मतदान हुआ।। मतदान का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रखा गया है। इस दौरान देशभर के करीब 4,800 सांसद और विधायकों द्वारा अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जाना है। खबर लिखे जाने तक पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई राज्यों के सीएम भी मतदान कर चुके हैं। कई सांसद और केंद्रीय मंत्री वोट डाल चुके हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए ये हैं प्रत्याशी
ज्ञात हो, मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा इस पद के लिए चुनाव मैदान में हैं।
21 जुलाई को वोटों की गिनती राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है। अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनती हैं तो वह आदिवासी समुदाय की देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली शख्सियत होंगी।
25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण मतदान के बाद सभी राज्यों से मत पेटियां दिल्ली लाई जाएंगी और 21 जुलाई को वोटों की गिनती के बाद देश के नए राष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा।
कब समाप्त हो रहा है मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल ? भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई, 2022 को समाप्त हो रहा है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, निवर्तमान राष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति से पहले नए राष्ट्रपति का चुनाव पूरा करना आवश्यक है। इसलिए यह चुनाव बेहद जरूरी है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए ये हैं प्रत्याशी
वहीं आज उपराष्ट्रपति के पद पर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किए गए। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त, 2022 को समाप्त हो रहा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 68 के अनुसार, पद की अवधि की समाप्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, निवर्तमान उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरा किया जाना आवश्यक है। उपराष्ट्रपति चुनाव में किनके पास मताधिकार ? उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल 788 सांसदों के पास मताधिकार का अधिकार मौजूद है। इनमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य, और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य शामिल हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए जगदीप धनखड़ ने किया नामांकन उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने सोमवार को पीएम मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया जबकि विपक्ष ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बीते शनिवार को भाजपा नेतृत्व के NDA ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया। तत्पश्चात, धनखड़ ने आज नामांकन किया।
कब होगा उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान ?
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 6 अगस्त को होना है जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 19 जुलाई है। विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। संविधान के अनुच्छेद 324 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संचालन का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण भारत निर्वाचन आयोग में निहित है। राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने के लिए सभी प्रबंध राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने जानकारी दी है कि राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं। वोट पर निशान लगाने के लिए आयोग ने विशेष कलम की व्यवस्था की मतपत्र सौंपे जाने के बाद, नामित अधिकारी द्वारा मतदान केंद्र में मतदाताओं को कलम दिया जाएगा। मतदाताओं को केवल इस विशेष कलम से ही, न कि किसी अन्य कलम से मतपत्र को अंकित करना होता है। किसी अन्य कलम का उपयोग करके मतदान करने पर मतगणना के समय मत अमान्य माना जाएगा। वोटिंग के लिए आदिवासी परिधान में विधानसभा पहुंचे विधायक राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए विशेष आदिवासी परिधान में नजर आए।
कैसे होता है देश में राष्ट्रपति का चुनाव ?
चूंकि देश में राष्ट्रपति के चुनाव में सीधे जनता की भागीदारी नहीं होती, इसलिए देश में होने वाला राष्ट्रपति का चुनाव अन्य चुनावों के मुकाबले थोड़ा अलग और जटिल माना जाता है। इसके विपरीत जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद और विधायक राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं लेकिन जो सांसद या विधायक नॉमिनेटेड होते हैं वे इस चुनाव में भाग लेने के योग्य नहीं माने जाते क्योंकि वे नॉमिनेटेड होते हैं और सीधे जनता द्वारा नहीं चुने जाते। कुल 776 सांसद और 4,033 विधायकों के पास राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग राइट हैं।
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से होता है चुनाव
कहने कहा तात्पर्य है कि राष्ट्रपति चुनाव में केवल चुने हुए सांसदों के साथ विधायक मतदान करते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है। उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल के द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है।