Digi Yatra : पेपरलेस होगा हवाई सफर, रजिस्ट्रेशन के लिए लगेंगे ये डॉक्यूमेंट
डिजी यात्रा ( Digi Yatra ): अब पेपरलेस होगा हवाई सफर बीते 7-8 साल में पीएम मोदी के कार्यकाल में केंद्र सरकार की मेहनत का नतीजा है कि रोजाना देशवासियों को किसी न किसी रूप में कोई न कोई नई सेवा, नई योजना, नई प्रौद्योगिकी, नई तकनीक प्राप्त हो रही है। यह इंसानों के जीवन को और अधिक सुविधाओं से भरपूर बनाने की दिशा में अहम रोल भी अदा कर रही हैं। इसी क्रम में देश आज तकनीक और प्रौद्योगिकी से जुड़े उन तमाम आयामों को पार कर आगे बढ़ चुका है जहां अब चेहरा स्कैन होने के बाद हवाई सफर तक कर सकेंगे। यानि कागजी टिकट साथ लेकर चलने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। केवल इतना ही नहीं इसके साथ-साथ आपको चेक-इन की लंबी कतार से भी निजात मिलेगी। जी हां, एयरपोर्ट पर जल्द ही यह सेवा शुरू होने जा रही है।
क्या है ‘डिजी यात्रा Digi Yatra ’ ?
देश को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलने के लिए पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण के अनुरूप “डिजी यात्रा” उड्डयन मंत्रालय की एक पहल है। यह प्लेटफॉर्म हवाई अड्डों पर यात्रियों के डिजिटल प्रोसेसिंग चेक पॉइंट पर चेहरे की पहचान करके स्वचालित रूप से एंट्री सिक्योरिटी चेकिंग बोर्ड इन और तमाम ऐसे प्रोसेस जैसे सेल्फ बैग ड्रॉप चेक इन सुविधाएं फेस स्कैन से करने की सेवा प्रदान करता है। यह अपने उपयोगकर्ताओं को इन तमाम सुविधाओं के साथ डिजिटल अनुभव प्रदान करता है। यही “डिजी यात्रा” का प्रमुख उद्देश्य है। यह कागज रहित यात्रा की सुविधा देने के साथ हर पॉइंट पर पहचान जांच की झंझट से बचाएगी जिससे यात्रा करने में समय भी कम लगेगा और किसी के संपर्क में आने से बचाव होगा। कोविड के मद्देनजर यह सेवा आने वाले दिनों में काफी लाभकारी साबित हो सकती है।
पेपरलेस होगी हवाई यात्रा
जानकारी के मुताबिक पहले चरण में डिजी यात्रा अगस्त 2022 में वाराणसी और बेंगलुरु के दो हवाई अड्डों पर शुरू होने जा रही है। यात्रियों की सुविधा और समय की बचत के लिए जल्द से जल्द पेपरलेस हवाई यात्रा शुरू होगी। इसमें चेहरे के फीचर्स का इस्तेमाल होगा जिसे मशीन द्वारा स्कैन किया जाएगा। 15 अगस्त से इन हवाई अड्डों पर शुरू हो रहा ‘डिजी यात्रा’ प्रोजेक्ट 15 अगस्त से वाराणसी और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा का प्रोजेक्ट शुरू होते ही यात्रियों का चेहरा स्कैन करके बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए हवाई सफर करने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद आपको बोर्डिंग पास दिखाने की जरूरत नहीं होगी और न ही किसी आईडी प्रूफ की जरूरत पड़ेगी। एयरपोर्ट पर एंट्री से लेकर बोर्डिंग तक के दौरान आपका चेहरा ही आपके लिए बोर्डिंग पास, आईडी प्रूफ के तौर पर काम करेगा। जी हां, डिजी यात्रा के पहले फेज के रूप में वाराणसी और बेंगलुरू के एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी। डिजी यात्रा के पहले फेज के रूप में इन दो एयरपोर्ट पर यह सुविधा शुरू की जाएगी। डिजी यात्रा से एयरपोर्ट का सिक्योरिटी सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होगा।
हवाई अड्डे पर यात्रियों की संपर्क रहित होगी आवाजाही
डिजी यात्रा प्रोजेक्ट के जरिए सभी फेस रिकॉग्निशन टेक्नाेलॉजी से पेपरलेस और कॉन्टेक्ट लैस हो जाएगा। इससे एयरपोर्ट पर यात्रियों के ट्रैवल प्रोसेसिंग का समय भी कम हो जाएगा। गौरतलब हो नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति ने ‘डिजी यात्रा’ परियोजना पर विस्तृत चर्चा की है। बैठक का उद्देश्य डिजी यात्रा पर चर्चा थी जिसमें सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और परियोजना के संदर्भ में बहुमूल्य सुझाव साझा किए। चर्चा में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने डिजी यात्रा की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि इस परियोजना के पीछे की सोच चेहरा पहचान प्रणाली के आधार पर हवाई अड्डे पर यात्रियों की संपर्क रहित निर्बाध प्रोसेसिंग उपलब्ध कराना है।
कैसे तैयार किया गया डिजी यात्रा Digi Yatra इकोसिस्टम ?
उल्लेखनीय है कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 2019 में एक संयुक्त उद्यम कंपनी के तौर पर डिजी यात्रा फाउंडेशन (डीवाईएफ) को स्थापित किया गया है। इसके शेयरधारक एएआई (26% शेयर) और बीआईएएल, डीआईएएल, जीएचआईएएल, एमआईएएल और सीआईएएल हैं। इन 5 शेयरधारकों के पास शेष 74% शेयर समान रूप से हैं। इस फाउंडेशन को डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (डीवाईसीई) निर्मित करने के मकसद से बनाया गया था। डिजी यात्रा फाउंडेशन दरअसल एक अखिल भारतीय इकाई और यात्री आईडी सत्यापन प्रक्रिया का संरक्षक होगा। ये भारत में विमानन हितधारकों के बीच आम सहमति भी विकसित करेगा। ये स्थानीय हवाई अड्डा प्रणालियों के अनुपालन और दिशा-निर्देशों के मानदंडों को भी परिभाषित करेगा। ये संयुक्त उद्यम, स्थानीय हवाई अड्डा बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली (बीबीएस) के लिए डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों द्वारा परिभाषित विभिन्न अनुपालनों और दिशा-निर्देशों (सुरक्षा, इमेज क्वालिटी, डेटा की गोपनीयता पर दिशा-निर्देश सहित) के नियमित ऑडिट करेगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए लगेंगे ये डॉक्यूमेंट
बता दें पहली बार डिजी यात्रा के जरिए यात्रा करने वाले यात्रियों को पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद कभी भी डिजी यात्रा सुविधा से जुड़े एयरपोर्ट से गुजरते समय यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे। अगले साल मार्च तक 5 और एयरपोर्ट पर यह सुविधा शुरू हो जाएगी जिसमें पुणे, विजयवाड़ा, कोलकाता, दिल्ली और हैदराबाद शामिल हैं।
Digi Yatra बनाए रखेगा यात्री संबंधी गोपनीयता
कनेक्टेड पैसेंजर्स, कनेक्टेड एयरपोर्ट्स, कनेक्टेड फ्लाइंग और कनेक्टेड सिस्टम्स जैसे 4 अहम पिलर पर डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म बनेगा। इस सिस्टम में गोपनीयता के मुद्दों का विशेष ध्यान रखा गया है। ये विकेन्द्रीकृत मोबाइल वॉलेट आधारित पहचान प्रबंधन प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है जो सस्ता है और गोपनीय है। संशोधित डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों की मंजूरी के बाद 18 जुलाई 2022 को डीजीसीए द्वारा एक वैमानिकी सूचना परिपत्र प्रकाशित किया गया। डिजी यात्रा आईडी बनाने के लिए नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र (मतदाता आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार इत्यादि) जमा करने पर डिजी यात्रा आईडी बनाई जाएगी। टिकट बुक करते समय पैक्स इस नंबर को उद्धृत कर सकता है। एयरलाइंस द्वारा डिजी यात्रा आईडी सहित पैक्स डेटा डिपार्चर यानि प्रस्थान हवाई अड्डे पर भेजी जाएगी। इस प्रकार यह परियोजना यात्रियों को बिना किसी कागज या बिना किसी के संपर्क में आए विभिन्न चेक पॉइंट से गुजरने में सेवा उपलब्ध कराएगा। ( source PBNS )
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