ASANSOLसाहित्य

प्रेमचंद को पूजने के बजाय पढ़ें

हिन्दी गवेषक परिषद और आस्था का संयुक्त आयोजन

बंगाल मिरर, आसनसोल :आसनसोल हिन्दी गवेषक परिषद और आस्था द्वारा संयुक्त रूप से आसनसोल हिन्दी भवन में परिचर्चा तथा मेधावियों का सम्मान समारोह ाका आयोजन किया गया। प्रेमचंद और आज का समय विषय पर आधारित परिचर्चा  की अध्यक्षता हावड़ा हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. दामोदर मिश्र ने की।दूसरे चरण में काजी नजरूल विश्वविद्यालय और संबद्ध कालेज के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर हिन्दी अकादमी सदस्य मनोज यादव ने कहा कि प्रेमचंद वर्तमान समय में अति प्रासंगिक है। एसोसिएट प्रोफेसर प्रमोद प्रसाद ने कहा कि   वर्तमान समय में अभिव्यक्ति के संकट के दौर में उन्हें पूजने के बजाय पढ़ने की जरूरत है। हावड़ा हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति  डा. दामोदर मिश्र ने सभी की बातों को समेटते हुए कहा कि भारतीय लेखक यदि कोई है तो वह प्रेमचन्द ही हैं । दूसरा प्रेमचन्द जन्म नहीं ले सकता | इस अवसर पर, एसोसिएट प्रोफेसर प्रमोद प्रसाद, आस्था के नवीन चंद्र सिंह , अध्यक्ष मनोहर लाल पटेल , विश्वभारती विश्वविद्याल के शोध छात्र भास्कर मिश्र , संजीव पांडे, कथाकार महावीर राजी मंच पर उपस्थित थे ।

इस आयोजन में हिंदी गवेषक परिषद के सचवि डा. विजेन्द्र कुमार, अध्यक्ष डा. विजय रवानी, संजय पासवान , डा. मनोज सिंह , डॉ श्रीकांत द्विवेदी, उमेश कुशवाहा , भगवंत शर्मा , सोनी साव, तेजेश्वर प्रसाद नोनिया, , मदन साह, संजय साव, स्नेहा सिंह , स्नेहा कुमारी , लक्ष्मी कुमारी, डा.जयराम पासवान, जा.आलम शेख की सक्रिय भूमिका रही।

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