ASANSOL

Indian Railway का बड़ा फैसला महिला लोको पायलटों को होगी सुविधा

महिला लोको पायलटों की शिकायत से जागा रेलवे, ट्रेन के इंजनों में लगाएगा यूरिनल

बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल रेलवे स्टेशन के सात नंबर प्लेटफार्म पर गुरु लोभी एवं लोको पायलट कार्यालय में रेल मंत्रालय से आदेश आया है कि सभी मुख्यालय के द्वारा सभी डिवीजन को पत्र भेजा गया है कि सभी अपने लोको चालक कार्यालय में सभी महिला पुरुष लोको चालक इसका सिग्नेचर अभियान चलाकर फीडबैक रेल मंत्रालय वोट को भेजना है उसके बाद वहां पर विचार भावना करके इस कार्य को आगे की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे जिसे देखकर यह कार्य आसनसोल के साथ में प्लेटफार्म पर कुरूल्लो भी लोको चालक कार्यालय में चलना शुरू हो गया कार्यालयमहिला लोको पायलटों की
रेलवे का कहना है कि मूत्रालय स्थापित करने से पहले वह अपने लोको पायलटों से इस संबंध में बात कर रहा है। पायलटों से फीडबैक लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संबंध में कोई आदेश पारित किया जाएगा।


भारतीय रेलवे अपने लोको पायलटों की सुविधा के लिए जल्द ही ट्रेन के इंजनों में यूरिनल (मूत्रालय) स्थापित कर सकता है। वर्तमान में इंजनों में कोई सैनिटरी सुविधा नहीं है। भारतीय रेलवे में 1000 से अधिक महिला पायलट हैं। रेलवे का कहना है कि मूत्रालय स्थापित करने से पहले वह अपने लोको पायलटों से इस संबंध में बात कर रहा है। पायलटों से फीडबैक लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संबंध में कोई आदेश पारित किया जाएगा।



रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने जरूरत के मुताबिक यूरिनल लगाने के लिए लोको पायलटों से सुझाव लेना शुरू कर दिया है। हम इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि यूरिनल को इंजन में लगाने के लिए क्या जरूरतें होंगी। फीडबैक के आधार पर हम तय करेंगे कि क्या यूरिनल को लगाया जा सकता है या नहीं।”एक अन्य अधिकारी ने कहा, “सभी जोनल रेलवे ने पिछले हफ्ते मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार, रेलवे बोर्ड (आरबी) के बाद पायलटों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है, सभी जोनों के मुख्य विद्युत लोकोमोटिव इंजीनियरों (सीईएलई) को आदेश जारी किए हैं।” नाम न जाहिर करने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि महिला पायलटों ने इस खराब स्थिति की शिकायत की है।



नाम न छापने की शर्त पर एक पायलट ने बताया कि महिला लोको पायलट अपनी ड्यूटी करने से बचती हैं और असुविधा से बचने के लिए डेस्क जॉब पसंद करती हैं। उन्होंने कहा, “सर्दियों के दौरान समस्याएं अधिक होती हैं क्योंकि महिला पायलटों के पास कोई वॉशरूम उपलब्ध नहीं होता है और जब ट्रेन किसी स्टेशन पर पहुँचती है तो उन्हें अन्य कोचों में मौजूद वॉशरूम में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसे मुद्दों के डर से, महिला पायलट अत्यधिक सर्दियों के दौरान डेस्क जॉब करना पसंद करती हैं।”

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के डिविजनल सेक्रेटरी अवधेश प्रसाद ने बताया कि लोको चालक के लिए यह बहुत बड़ी समस्या है जो कि अभी तक इसकी कोई समाधान नहीं हुआ है इंजन में यूरिन टॉयलेट होना बहुत ही अवश्य है बहुत सारे महिलाएं भी लोको पायलट है उनकी भी यह समस्या काफी हो रही है उन्होंने यह भी बताया कि पेशाब लैट्रिंग यह सब रोकने से काफी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है तो हम लोग रेल मंत्रालय से यही अनुरोध करते हैं कि इसकी सुविधा जल्द से जल्द मिलना चाहिए रेल मंत्रालय से आए आदेश सभी लोको पायलट अपने कार्यालय में फीडबैक लिया जा रहा है लगभग 560 आदमी अभी तक फीडबैक दे चुके हैं और भी कार्य चल रहा है

आसनसोल मंडल में जहां-जहां लोको पायलट है सभी जगह यह सिग्नेचर अभियान चल रहा आसनसोल लोको चालक कार्यालय के बीसी घोष चीफ ट्रेक्शन फॉर मैन ने बताया कि ऊपर से आए हुए आदेश का पालन करते हुए हम लोग जी सिग्नेचर अभियान हमारे कार्यालय में चल रहा है सभी चालक महिला पुरुष सभी चालक लोग अपना यस नो का जवाब दे रहे हैं अभी तक 500 से भी कुछ ज्यादा सिग्नेचर अभियान हो चुका है ज्यादा लोगों का कहना है कि हां इंजन पर यूरिन टॉयलेट होना अवश्य है सभी लोगों चालक को उम्मीद है कि रेलवे जल्द ही यूरिनल स्थापित करेगा। बुनियादी जरूरत है। रेलवे वर्तमान में इंजनों में यूरिनल स्थापित करने की खोज कर रहा है, और मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही स्थापित हो जाएंगे।”

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