ASANSOL

Coal Scam में Himachal EMTA के 2 निदेशक समेत 3 को हुई सजा

बंगाल मिरर, आसनसोल : Coal Scam में Himachal EMTA के 2 निदेशक समेत 3 को हुई सजा। बाराबनी थाना अंतर्गत गौरांडी एवीसी कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में नई दिल्ली की सीबीआई विशेष कोर्ट के न्यायाधीश संजय बंसल ने हिमाचल एम्टा पावर लिमिटेड ( एचइपीएल ) के दो निदेशकों- उज्ज्वल कुमार उपाध्याय व विकास मुखर्जी तथा तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक एनसी चक्रवर्ती को आपराधिक साजिश के लिए आईपीसी की धारा 120 बी तथा कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा करने के लिए आईपीसी की धारा 420 के तहत दोषी करार दिया है । सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को सभी दोषियों की सजा का ऐलान किया। सीबीआई की विशेष अदालत ने तीनों को 3 साल के कारावास और ₹200000 का जुर्माना की सजा सुनाई।न्यायाधीश ने, हालांकि, दोषियों को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी दोषसिद्धि की अपील करने में सक्षम बनाने के लिए 45 दिनों की अवधि के लिए सजा को निलंबित कर दिया।

इन अधिकारियों पर धोखाधड़ी कर केंद्र सरकार से गौरांगडीह एबीसी कोल ब्लॉकों को हिमाचल एम्टा पावर लिमिटेड के लिए आवंटित कराने का आरोप है । सीबीआई कोर्ट ने इन दोषियों को सजा सुनाई ।

क्या है मामला

केंद्र सरकार की तत्कालीन यूपीए सरकार ने 6 नवंबर , 2006 को बिजली उत्पादन , लौह्य , इस्पात , सीमेंट उत्पादन करनेवाली कोर सेक्टर की कंपनियों को कैप्टिव प्लांट के लिए कोयला ब्लॉक आवंटित करने के लिए इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगा । इसी आलोक में हिमाचल प्रदेश सरकार की पहल पर हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड ( एचपीआईडीबी ) ने अनुभवी तथा सक्षम कंपनियों से 250 मेगावाट क्षमता की दो पिटहेड कोलबेस थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के लिए ईओआई आमंत्रित किया ।

इसमें स्पष्ट था कि यह प्लांट उक्त कंपनी तथा हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त उद्यम होगी तथा यह प्लांट कोल ब्लॉक के निकट ही स्थापित होगा । इस ईओआई के आलोक में मेसर्स ईस्टर्न मिनरल्स एंड ट्रेडिंग एजेंसी ( एम्टा ) ने आवेदन जमा किया । इसके बाद हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ( एचपीपीसीएल ) के साथ एम्टा का एमओयू ( सहमति पत्र ) बना । इस पर दोनों पक्षों ने 4 जनवरी , 2007 को हस्ताक्षर किया । इसके साथ ही 9 जनवरी , 2007 को दोनों की संयुक्त कंपनी हिमाचल एम्टा पावर लिमिटेड ( एचईपीएल ) की स्थापना की गई तथा कंपनी ने कुल 500 मेगावाट क्षमता के दो पावर प्लांट लगाने का निर्णय लिया ।

कोल ब्लॉक हासिल करने का खेल हुआ शुरू इस मामले में अपनी पहुंच का लाभ उठाते हुए एम्टा कंपनी के निदेशक उज्ज्वल कुमार उपाध्याय ने कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए सारी सरकारी प्रक्रिया अपने स्तर से करने का निर्णय लिया । उन्होंने एचईपीएल के लिए कोयला ब्लॉक आवंटित करने के लिए संबंधित आवेदन पर निदेशक के बतौर खुद हस्ताक्षर किया जमा आवेदन के आधार पर भारत सरकार के कोयला मंत्रालय की 35 वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने कंपनी के अधिकारियों को बुलाया । स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष निदेशक के रूप में विकास मुखर्जी उपस्थित हुए तथा सभी दस्तावेज उपलब्ध कराये । स्क्रीनिंग कमेटी के स्तर से मांगे गये सभी फीडबैक जानकारियां , दस्तावेज तथा संबंधित फॉर्म श्री मुखर्जी ने ही उपलब्ध कराया । इसके बाद 16 अगस्त को कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक श्री चक्रवर्ती ने जमीन से संबंधित सभी जानकारियां और दस्तावेज उपलब्ध कराया । इस प्रकार इन तीनों दोषियों की इस साजिश में सीधी भागीदारी रही है ।

सीबीआई ने FIR दर्ज शुरू की जांच

सीबीआई सूत्रों के अनुसार , कोयला ब्लॉक के आवंटन मामले में सीबीआई ने 7 अगस्त , 2014 को हिमाचल एम्टा पावर लिमिटेड ( एचइपीएल ) के प्रमोटरों , निदेशकों , 35 वीं स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी । यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने मेसर्स एचईपीएल के पक्ष में गौरांडी एबीसी कोल ब्लॉक का आवंटन हासिल करके भारत सरकार को धोखा दिया था । आगे यह भी आरोप लगाया गया कि हिमाचल एम्टा पावर लिमिटेड ने विचाराधीन भूमि की स्थिति और परियोजना में उसके द्वारा किए गए निवेश को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था । इस तरह की गलत बयानी के आधार पर कोयला ब्लॉक का आवंटन हासिल किया था ।

हिमाचल एम्टा पावर लिमिटेड कोयला ब्लॉक के आवंटन की हकदार नहीं थी और उसके दो निदेशकों उज्वल कुमार उपाध्याय और विकास मुखर्जी समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था । कोयला मंत्रालय की 35 वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने गौरांडी एबीसी कोल ब्लॉक को संयुक्त रूप से एचईपीएल और एक अन्य कंपनी के पक्ष में समान हिस्सेदारी के आधार पर आवंटित करने की सिफारिश की थी । यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपी इकाई और व्यक्तियों ने साजिशतन एचईपीएल के साथ साजिश रची थी और कोयला मंत्रालय ( एमओसी ) को गलत सूचना दी थी ताकि उसके पक्ष में कोयला ब्लॉक का आवंटन सुरक्षित किया जा सके । जांच के बाद , आरोपी इकाई और व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया और 10 जनवरी , 2017 को आरोप तय किए गए ।

कोर्ट ने गवाह को बना दिया आरोपी

पूरे मामले की जांच में तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक एनसी चक्रवर्ती की भूमिका बदल गई । सीबीआई जांच अधिकारी ने इस मामले की जांच के बाद स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया । इसमें श्री चक्रवर्ती को आरोपी न बनाते हुए उन्हें सरकारी गवाह बनाया था । लेकिन कोर्ट ने उनकी इस भूमिका को स्वीकार नहीं किया । 323 पेज के अपने निर्णय में स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश श्री बंसल ने कहा है कि श्री चक्रवर्ती आपराधिक साजिश में शामिल रहे हैं । उन्होंने जो भूमि संबंधित जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध में वे अच्छी तरह से अवगत थे कि ये सभी फर्जी है तथा साजिश के तहत कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए इन्हें जमा किया जा रहा है । उन्होंने साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई है । इसलिए उन्हें गवाह नहीं मानकर आरोपी माना जाना चाहिए । कोर्ट ने श्री चक्रवर्ती को भी दोषी करार दिया .

Ujjwal Upadhyay एक समय थे कोयला कारोबार के बेताज बादशाह

एम्टा निदेशक उज्ज्वल उपाध्याय रानीगंज कोयलांचल के स्थानीय उद्यमी थे । लेकिन अपनी राजनीतिक पहुंच तथा दक्षता के आधार पर उन्होंने काफी कम समय में व्यवसाय की बुलंदियों को छू लिया था । आधा दर्जन राज्य सरकारों के साथ उनकी संयुक्त कंपनियां संचालित थी , जिनमें पश्चिम बंगाल , हिमाचल प्रदेश तथा पंजाब जैसे राज्य शामिल थे । उनके पिता कोल इंडिया की कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में खदानों में भरे जानेवाले बालू की सप्लाई करते थे । उस समय उनकी कंपनी काफी छोटी थी ।

वर्ष 1981 में उज्ज्वल ने अपने पिता की कंपनी की बागडोर संभाली । इसके बाद जब कैप्टिव प्लांट के लिए कोयला ब्लॉकों का आवंटन शुरू हुआ तो उनका व्यवसाय बुलंदियों पर था । एक समय उनकी कंपनी 14 कोयला ब्लॉकों में कोयला उत्पादन कर रही थी और कोल इंडिया तथा नवीन जिंदल ग्रुप के बाद उनकी कंपनी तीसरी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी थी । उनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.7 बिलियन टन हुआ करती थी । वर्ष 2011-12 में उनकी कंपनी का राजस्व 1100 करोड़ रुपये तथा मुनाफा 50 करोड़ का था । वे राजनीतिक रूप से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे ज्योति बसु के पुत्र चंदन बसु के काफी करीबी रहे तथा पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की मदद से उन्होंने सफलता की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की ।

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