Railway Bonus : कर्मचारियों को मिलेगा 78 दिन का बोनस
बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Railway Bonus ) भारतीय रेलवे के 11 लाख से अधिक कर्मियों के बोनस को मंजूरी दे दी गई है। विजय दशमी से पहले रेलकर्मियों के खाते में बोनस की राशि भेज दी जायेगी। पिछले वर्ष भी रेलवे ने 78 दिन के उत्पाकदता के आधार पर ही बोनस दिया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी पात्र अराजपत्रित रेल कर्मचारियों (RPF/RPSF कार्मिकों को छोड़कर) के लिए 78 दिनों की सैलरी के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस (Productivity Linked Bonus) को मंजूरी दी है. इस फैसले से 11.56 लाख से ज्यादा अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के इस बोनस से सरकार पर करीब 2000 करोड़ रुपए का दबाव पड़ेगा.
पिछले वर्ष उत्पादकता से जुड़े बोनस पर लगभग 1,985 करोड़ रुपये का व्यय किया गया था। बोनस की घोषणा आमतौर पर दशहरा और पूजा उत्सव से पहले की जाती है। पात्र अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000/- रुपये प्रति माह है। प्रति पात्र रेलवे कर्मचारी देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है।
रेलवे पर उत्पादकता से जुड़ा बोनस पूरे देश में फैले आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर सभी अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को कवर करता है। रेलवे भारत सरकार का पहला विभागीय उपक्रम था, जिसमें रेल मंत्रालय के अनुसार वर्ष 1979-80 में पीएलबी की अवधारणा पेश की गई थी।
उस समय मुख्य विचार समग्र रूप से अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में बुनियादी ढांचे के समर्थन के रूप में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका थी। रेलवे के कामकाज के समग्र संदर्भ में, ‘बोनस भुगतान अधिनियम-1965’ की तर्ज पर बोनस की अवधारणा के विपरीत पीएलबी की अवधारणा को पेश करना वांछनीय समझा गया।
भले ही बोनस भुगतान अधिनियम रेलवे पर लागू नहीं होता है, फिर भी उस अधिनियम में निहित व्यापक सिद्धांतों को “वेतन/वेतन उच्चतम सीमा”, ‘वेतन’/’वेतन’ की परिभाषा आदि के निर्धारण के उद्देश्य से ध्यान में रखा गया था। रेलवे के लिए पीएलबी योजना वर्ष 1979-80 से लागू हुई और दो मान्यता प्राप्त संघों, अखिल भारतीय रेलवेमेन फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के परामर्श से और कैबिनेट के अनुमोदन से विकसित की गई थी। इस योजना में हर तीन साल में समीक्षा की परिकल्पना की गई है।