ASANSOL

CBI ने Asansol जेल में रत्नेश से की पूछताछ

बंगाल मिरर, एस सिंह ( क्राइम रिपोर्टर ) आसनसोल : कोयला तस्करी मामले में आसनसोल जेल में बंद रत्नेश वर्मा से शुक्रवार को सीबीआइ की टीम ने पूछताछ की। इस दौरान करीब एक घंटे तक सीबीआइ अधिकारी जेल में रहे। कोयला तस्करी मामले में सीबीआइ की चार्जशीट में नामित रत्नेश वर्मा को कोयला तस्करी मामले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक लाला उर्फ अनूप माजी के करीबी सहयोगी के रूप में बताया गया था। वह 13 फरवरी से आसनसोल जेल या विशेष सुधार केंद्र में है। उनकी जमानत की अगली सुनवाई 27 फरवरी को आसनसोल की विशेष सीबीआइ अदालत में होनी है। इससे पहले अदालत की अनुमति से कोयला तस्करी मामले में सीबीआइ के जांच अधिकारी समेत अन्य अधिकारी शुक्रवार को आसनसोल जेल पहुंचे थे। बताया जाता है कि उन्होंने रत्नेश से जेल में करीब एक घंटे तक पूछताछ की।

हालांकि सीबीआइ अधिकारी इस विषय पर मुंह नहीं खोलना चाहते थे। सूत्रों के मुताबिक आठ नवंबर 2020 को छापेमारी के दौरान रत्नेश्वर वर्मा के घर एवं कार्यालय से एक दर्जन लैपटाप, आधा दर्जन मोबाइल, दो पेन ड्राइव और करीब 400 पेज की जानकारी को लेकर कई सवाल पूछे गए। रत्नेश वर्मा का मुख्य काम कोयला खदानों से कोयला उठाना और कोयले की तस्करी करना तथा ईसीएल के अधिकारियों के साथ सुरक्षा के प्रभारी केंद्रीय बलों, ईसीएल सुरक्षा बलों आदि को मैनेज करना था। माना जा रहा है कि उसने उस काम को कैसे किया, इस पर भी सवाल उठाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि इस जांच से संबंधित एक रिपोर्ट 27 फरवरी को आसनसोल में विशेष सीबीआइ अदालत में सीबीआइ द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। इस पूछताछ के बाद माना जा रहा है कि सीबीआइ इस कोयला तस्करी मामले में ईसीएल के और अधिकारियों या अधिकारियों से दोबारा पूछताछ कर सकती है।

गौरतलब है कि , विनय मिश्रा, रत्नेश वर्मा, को अदालत ने पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया था। उनकी संपत्ति कुर्क करने का नोटिस भी जारी किया गया इसी बीच 31 जनवरी को रत्नेश ने आसनसोल में सीबीआइ की विशेष अदालत के समक्ष अचानक आत्मसमर्पण कर दिया। एक दिन जेल में रहने के बाद सीबीआइ ने उन्हें 13 दिन की हिरासत में ले लिया और एक फरवरी को उनसे पूछताछ की। वह 13 फरवरी से आसनसोल जेल में है।

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