ASANSOL

Asansol : कोयले के बाद अब आयरन ओर में सिंडिकेट राज, हो रही रंगदारी वसूली !

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल: कोयले के बाद लौह-अयस्क के आयात पर भी सिंडिकेट अपना वर्चस्व कायम करने में लग गया है. जामुड़िया के तपसी व आसनसोल रेलवे साइडिंग में लौह-अयस्क मंगाने और यहां से माल ले जाने के लिए 100 रुपये प्रति टन की रंगदारी सिंडिकेट ने लागू कर दी है। रानीगंज और जामुड़िया इलाके के 14 लोह-इस्पात (स्पंज कारखाना) कारखानों में लगनेवाले कच्चे माल (लौह-अयस्क) आसनसोल तथा तपसी रेलवे साइडिंग पर ही आता है और डंपर से लोड होकर कारखाना में पहुंचता है. तपसी रेलवे साइडिंग के ट्रांसपोर्टर ने कारखाने के मालिकों को इसकी जानकारी दी है. इसका पता चलते ही सभी के होश उड़े हुए हैं. कारखाना मालिकों ने जब जानना चाहा कि 100 रुपये रंगदारी किस बात की।



, ट्रांसपोर्टर ने उन्हें बताया कि पूरे जिले में यह सिस्टम शुरू हुआ है. सिस्टम में नहीं आने पर माल निकालने में दिक्कत होगी. यहां माल मंगाना है और फैक्टरी तक ले जाना है तो फिर सिस्टम में आना होगा. यह सुनते ही कारखाना मालिकों के माथे पर बल पड़ गये हैं।



जामुड़िया आयरन स्टील है. इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन मावंडिया ने बताया कि बीते 28 फरवरी को अचानक सूचना दी गयी कि रेलवे रैक से माल मंगाने पर हर 100 टन के हिसाब से अतिरिक्त राशि अदा करनी होगी. रैक से माल खाली कर कारखाना तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टर को 230 रुपये प्रति टन के हिसाब से राशि अदा करनी पड़ती थी. अचानक 100 रुपये सिस्टम में देने की बात से सभी परेशान हैं. एक रेलवे रैक के 59 बोगी में 3800 से 4000 टन लौह-अयस्क आता है. इस हिसाब से पर रैक पर चार लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।

उन्होंने कहा कि कारखाना प्रबंधन को एक रैक पर अतिरिक्त लाख देना संभव नहीं है. फिलहाल तपसी रेलवे साइडिंग में मंगलपुर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में स्थित धनबाद फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो रैक बीते दो दिन से लगा हुआ है। एक रैक को खाली कर लिया गया है, एक रैक अभी भी लगा है। माल नहीं खाली पर रेलवे का डैमरेज भी लग रहा

इस विषय में धनबाद फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड के तपसी साइडिंग में तैनात कर्मचारी अजय भगत ने बताया कि समय-सीमा पार हो जाने से कंपनी को प्रति घंटा के हिसाब से रेलवे को डिटेन चार्ज व वारफेज चार्ज वहन करना पड़ रहा है, जिससे कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. भी कहने से इनकार किया.

इस संबंध में आसनसोल रेल मंडल के के सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर शांतनु चक्रवर्ती ने कहा कि बैठक उन्हें भी इसका पता चला है. पर यह मामला ट्रांसपोर्टर और कारखाना के स प्रबंधन के बीच का है. अगर जल्द मेंही मसले का हल नहीं हुआ, तो रेलवे में विभाग यहां गुड्स शेड बंद करने को जान बाध्य होगा. इसे ट्रांसपोर्टर संजय सिंह और ने भी सरासर गलत बताया।

हालांकि इस संबंध में सत्ता पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्षी सीपीएम के मजदूर नेता मनोज दत्ता ने दावा किया यह स्पष्ट है कि यह सारा पैसा कमाकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी इस पैसे को पंचायत चुनाव में फैलाकर चुनाव को तमाशा बनाने की कोशिश कर रही है ‌।

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