Sikkim का पहला रेल स्टेशन मॉडल देखकर आप भी कहेंगे वाह, जानें कब होगा चालू
रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है और 14 सुरंगें, 23 पुल और 5 स्टेशन इसकी विशेषता
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : ( Sikkim Rail Project ) सिक्किम को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने को युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। रंगपो सिक्किम का पहला स्टेशन होगा। दिसंबर 2023 तक इसे चालूकरने का प्रयास है। यहां आधुनिक सुविधाओं से लैस स्टेशन बनाया जा रहा है। जिसका प्रस्तावित मडल काफी आकर्षक है। बीते सात मार्च को रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सिक्किम के प्रस्तावित रंगपो स्टेशन का निरीक्षण किया था। उन्होंने सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना ( Sevok Rangpo new Rail Link Project ) के सुरंग संख्या 14 का भी निरीक्षण किया था। मंत्री ने कार्य की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों से जल्द से जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया था।
प्रस्तावित रंगपो स्टेशन का निरीक्षण करते हुए कहा था कि यह उन 5 रेलवे स्टेशनों में से एक है, जिसे सेवक-रंगपो रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। स्टेशन भवन 12,850 वर्ग मीटर का होना प्रस्तावित है, जिसमें कार पार्किंग, 24×7 बिजली बैकअप, पीने का पानी, छत पर सौर पैनल, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, एस्केलेटर, लिफ्ट, कॉनकोर्स आदि शामिल हैं जिससे यात्रियों को एक ही समय में आधुनिक सुविधाएं और आराम प्रदान करेगा। सिक्किम राज्य के लिए यह स्टेशन एक वाणिज्यिक और पर्यटन केंद्र के रूप में भी होगा।
रेलमंत्री ने सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना के सुरंग संख्या 14 का भी निरीक्षण किया और सुरंग निर्माण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। लगभग 2 किमी लंबी सुरंग संख्या 14 रंगपो स्टेशन से ठीक पहले स्थित है। टनल कमतर हिमालय की संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों से गुजरती है।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना में सभी सुरंगों का निर्माण एनएटीएम यानि न्यू आस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके किया जा रहा है। टनलिंग की यह विधि इस स्तर और संरेखण के संवेदनशील भूविज्ञान के लिए सबसे उपयुक्त है। यह भारतीय रेलवे में अपनाई गई सबसे उन्नत सुरंग निर्माण पद्धति है। माननीय रेल मंत्री ने सुरंग में उपयोग की जाने वाली अंतिम स्तर प्रक्रिया का निरीक्षण किया। सुरंग कार्य के समापन के दौरान, सतह को चिकना करने के लिए एक शॉटक्रीट परत का छिड़काव किया जाता है। इसके बाद सुरंग की दीवार, जियोटेक्सटाइल और पीवीसी फिक्सिंग और स्टील बाइंडिंग में पार्श्व पाइपिंग प्रदान करके सतह को मजबूत किया जाता है। सुरंग को अंतिम संरचना देने के लिए एक ठोस परत को एक मुवेबल स्टील गैन्ट्री के साथ डाला जाता है। इसके बाद की पद्धति के लिए 10 घंटे बाद मुवेबल गैन्ट्री को अगली शाखा में ले जाया जाता है। माननीय मंत्री ने क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों के बावजूद इस तरह की अत्याधुनिक पद्धतियों का उपयोग कर किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के लिए इंजीनियरों और श्रमिकों को बधाई दी।
सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली यह नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है और 14 सुरंगें, 23 पुल और 5 स्टेशन इसकी विशेषता हैं। इस परियोजना के सुरंग बनाने के काम की पूरी लंबाई लगभग 38 किमी है। परियोजना को 4085 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ मंजूरी दी गई है और इसे दिसंबर, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस नई लाइन को राजधानी शहर गंगटोक तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे राज्य की राजधानी तक रेलवे कनेक्टिविटी आएगी। इसके अलावा, नाथुला तक प्रारंभिक सर्वेक्षण भी प्रगति पर है।