ASANSOL

आसनसोल में “बुलु चटर्जी क्रिकेट अकादमी” का उद्घाटन

बंगाल मिरर, आसनसोल, सौरदीप्तो सेनगुप्ता: गुरुवार की दोपहर आसनसोल के समाजसेवी और व्यवसायी स्वर्गीय सुब्रत उर्फ बुलू चटर्जी के नाम पर “बुलु चटर्जी क्रिकेट अकादमी” का उद्घाटन महिशिला बॉयज हाई स्कूल के मैदान में किया गया। इस क्रिकेट अकादमी को बनाने में पीसीसी और सीआरएस मेमोरियल क्रिकेट एकेडमी ने भी हाथ मिलाया है। इस अवसर पर स्वर्गीय बुलू चटर्जी के पुत्र शंकर उर्फ रिजू चटर्जी व पत्नी झूमा चटर्जी, आसनसोल नगर निगम वार्ड नंबर 86 के पार्षद मानस दास, कोच दीपांकर सोम उर्फ रोंटी, सौमेन चटर्जी, नवनीता बनर्जी, दीप बनर्जी, शुभदीप ठाकुर, देबाश्री मजूमदार सहित कई अन्य थेप्रतिष्ठित व्यक्ति मौजूद थे।



इस संबंध में शंकर उर्फ रिजू चटर्जी और झूमा चटर्जी ने बताया कि इलाके में कई क्रिकेट अकादमियां हैं, लेकिन इन क्रिकेट अकादमियों में खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाएं अलग होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक खिलाड़ी की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा वित्तीय संकट है। शंकर चटर्जी भरोसा दिलाते हैं कि यह किसी भी खिलाड़ी को आर्थिक रूप से दी जाने वाली बड़ी गारंटी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसी भी तरह की आर्थिक समस्या नहीं आने दी जाएगी और आने वाले दिनों में यह क्रिकेट अकादमी क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट अकादमी बनेगी।



इसी दौरान महिशिला बॉयज हाई स्कूल के टीचर इंचार्ज कौशिक सरकार ने अपने उद्बोधन में सबसे पहले स्वर्गीय बुलू चटर्जी को याद किया और कहा कि यह क्रिकेट अकादमी उनके पुत्र शंकर चटर्जी के प्रयासों से शुरू हुई थी। उन्होंने शुरुआत में कोच दीपांकर सोम उर्फ रोंटी की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह से इस क्रिकेट अकादमी का विकास हुआ है, उन्हें उम्मीद है कि इस क्रिकेट अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद खिलाड़ी राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन करेगा। वह खुद कभी खेल खेला करते थे और गुरु चटर्जी क्रिकेट अकादमी की स्थापना से उन्हें लगता है कि औद्योगिक क्षेत्र के क्रिकेट जगत में नई प्रतिभाएं उभरेंगी।

इसके अलावा दीपंकर सोम उर्फ रोंटी ने कहा कि दिवंगत बुलू चटर्जी की विभिन्न सामाजिक सेवाओं के साथ-साथ खेलों में भी काफी रुचि थी। ऐसे में उन्हें इस बात की भी बहुत खुशी है कि उनके नाम पर यह क्रिकेट अकादमी स्थापित की गई है और अकादमी को बेहतर बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे।

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