Asansol : अरण्य सप्ताह की शुरूआत, निगम बांटेगा 6 हजार पौधे
बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Asansol News Today In Hindi ) आसनसोल नगर निगम की तरफ से आज से अरण्य सप्ताह की शुरुआत हुई 21 तारीख तक यह अभियान चलेगा इसके तहत आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाएगा आज इस अभियान के पहले दिन नगर निगम की तरफ से लोगों के बीच पौधे बांटे गए इस बारे में आसनसोल के मेयर विधान उपाध्याय, चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, उपमेयर वसीम उल हक के हाथों पौधे बांटे गये। मेयर बिधान उपाध्याय ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी आसनसोल नगर निगम की तरफ से अरण्य सप्ताह का आयोजन किया गया है जो 21 तारीख तक चलेगा




इसके तहत करीब 6000 पौधों का वितरण किया जाएगा विभिन्न संगठनों के सदस्यों को यह पौधे दिए जाएंगे ताकि वह आसनसोल के विभिन्न इलाकों में इनको लगा सके इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने बच्चों की देखभाल करते हैं इन पौधों को लगाने के बाद कम से कम एक से डेढ़ साल तक इन पौधों की देखभाल करनी होगी ताकि यह पौधे एक वृक्ष का रूप ले लें इसके बाद यह वृक्ष हमें खुद ही फायदा पहुंचाएंगे उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमने देखा कि ऑक्सीजन की कमी से भी लोगों को जूझना पड़ रहा था अगर आसनसोल शिल्पांचल में वृक्षारोपण होगा और हर तरफ हरियाली होगी तो लोगों को फायदा ही होगा नुकसान नहीं इसलिए उन्होंने सभी से वृक्षारोपण करने और उनकी देखभाल करने की अपील की
वहीं आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि विश्व के साथ-साथ भारत में भी प्राकृतिक परिस्थितियों में काफी परिवर्तन आ रहा है इसकी वजह है वृक्षों की कटाई उन्होंने कहा कि एक आंकड़े के मुताबिक पूरे साल भर में पूरे देश में 10 करोड़ से ज्यादा वृक्षों की कटाई की गई वह भी विभिन्न विकास मूलक कार्यों के नाम पर इससे प्रकृति का संतुलन काफी बिगड़ गया है जिस वजह से आज उत्तराखंड से लेकर गंगासागर तक प्राकृतिक आपदाएं देखी जा रही है इससे बचने का सिर्फ एक ही उपाय है वह है वृक्षारोपण और प्रकृति के संतुलन को फिर से वापस लाना उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जबसे 2011 में सत्ता संभाली है वह इस दिशा में काफी प्रयास कर रही हैं आसनसोल नगर निगम इसका अपवाद नहीं है हर साल की तरह इस साल भी इस कार्यक्रम को किया जा रहा है ताकि आगामी 1 हफ्ते तक लोगों को जागरूक किया जा सके वृक्षारोपण किया जा सके जिससे कि आने वाले खतरों से बचा जा सके