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Chandrayan 3 : दुनिया की नजर, अंतिम 20 मिनट होंगे बेहद चुनौतीपूर्ण, लाइव प्रसारण के लिए ISRO ने की खास तैयारी



बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता ः ( Chandrayan 3 ) भारत के लिए आज (बुधवार) की शाम बेहद खास और ऐतिहासिक रहने वाली है। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर भारत का अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा। इस ऐतिहासिक पल पर सारी दुनिया की नजर टिकी है। इस मिशन को लेकर खगोलशास्त्री बता रहे हैं कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के अंतिम 20 मिनट काफी चुनौतीपूर्ण होंगे। 

ग्रहों की खोज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर यह मिशन 


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने इस मिशन पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के लिए हर कोई उत्सुक है। यह मिशन ग्रहों की खोज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर होने जा रहा है। चंद्रमा की कक्षा से उसकी सतह पर उतरने के 20 मिनट सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण होंगे। 

Chandrayan 3



सॉफ्ट लैंडिग के लिए इस कठिन कार्य को करना होगा पूरा 

इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के अंतर्गत आज शाम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास विक्रम लैंडर मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिग के कठिन कार्य को पूरा करने की तैयारी कर ली है।इसरो को इस कार्य के लिए करीब छह हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रहे लैंडर की गति को धीरे-धीरे कम करना होगा। इस दौरान लैंडर को चंद्रमा की धूल के प्रभाव को सहना होगा और इसे अपनी स्थिति क्षैतिज से ऊर्ध्वाधर कोण में बदलना होगा। वैज्ञानिक इसी चरण को 20 मिनट का संकट कहते हैं। लैंडर को चंद्रमा पर उतरने से पहले इन सभी चुनौतियों से निपटना होगा। 

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता की उम्मीद 

खगोलशास्त्री डॉ. आरसी कपूर ने कहा कि दुनिया और विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रयान-3 पर नजर रख रही हैं और उनकी नजरें चंद्रयान पर हैं। इसरो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है। हमें उम्मीद है कि हम सॉफ्ट लैंडिंग में सफल होंगे। इसकी सफलता के साथ ही इसरो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाली चौथी एजेंसी बन जाएगी।

चंद्रयान-3 की लैंडिंग का लाइव प्रसारण दिखाने के लिए इसरो ने की खास तैयारी



भारत का तीसरा मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ आज 23 अगस्त 2023 की शाम करीब 6 बजकर 04 मिनट पर चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। इसी के साथ यान अपनी यात्रा के सबसे कठिन चरण में प्रवेश करेगा। इस दौरान लैंडर का वेग कम हो जाएगा और यान चंद्रमा पर लगभग 25 किलोमीटर की दूरी से उतरना शुरू करेगा। चंद्रयान लैंडर विक्रम रोवर प्रज्ञान के साथ चंद्रमा पर सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा।

कई प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकेगा लाइव 

चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग का हर कोई साक्षी बनना चाहता है। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) ने खास तैयारी की है। वैज्ञानिक आश्वस्त हैं कि इसरो का यह मिशन सफल होगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग को कई प्लेटफॉर्म पर लाइव देखा जा सकेगा।


17:27 बजे शुरू होगा लाइव प्रसारण

चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का लाइव प्रसारण बुधवार शाम 17:27 बजे शुरू होगा। इसरो अपने केंद्र से शाम को इस घटनाक्रम का सीधा प्रसारण करेगा। इसरो की वेबसाइट isro.gov.in पर लोग इसे सीधे देख सकेंगे। इसके साथ ही यू-ट्यूब पर भी इसके प्रसारण को देखा जा सकेगा। 

नेहरू तारामंडल में लगाई गईं दो बड़ी स्क्रीन 

मून मिशन के महत्व और इससे जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां लोग आज नेहरू तारामंडल में प्राप्त कर सकते हैं। यहां भी इसरो की लाइव फीड को दो बड़ी स्क्रीन पर दिखाने की व्यवस्था की गई है। तारामंडल में आधे घंटे का मून शो दिखाया जा रहा है, जिसमें चंद्रमा विज्ञान, और चंद्रमा पर अन्य अंतरिक्ष मिशन के बारे में जानकारी दी जा रही है। 


दिखाया जाएगा 2डी और 3डी शो 

इसमें चंद्रयान 2 के लैंडिंग के बारे में भी बताया जा रहा है। आम जनता के लिए मून शो सुबह 11 बजे से शुरू हो गया है। इसे दोपहर 1 बजे, दोपहर 3 बजे, शाम 5 बजे और शाम 6 बजे दिखाया जाएगा। यह एक 2डी शो है। दोपहर 12 बजे, दोपहर 2 बजे और शाम 4 बजे 3डी शो दिखाया जाएगा।

तारामंडल के कर्मचारी दिन भर लगातार मीडिया और आम जनता को उनके सवालों का जवाब देंगे। तारामंडल इसरो के लाइव फीड के साथ चंद्रयान 3 की लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग दिखाएगा। लाइव फीड तारामंडल के गैलरी क्षेत्र में दो एलईडी स्क्रीन पर चलेगी और तारामंडल थियेटर के अंदर प्रोजेक्टर के माध्यम से वास्तविक लैंडिंग से आधे घंटे पहले चलेगी। 

इतिहास रचेगा भारत 

उल्लेखनीय है कि भारत चंद्रयान-3 की मदद से दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। जैसे ही चंद्रमा पर दिन का उजाला होगा, चंद्रयान 3 लैंडर कैमरे, सेंसर और ऊंचाई मापने वाले अल्टीमीटर और वेग मापने वाले डॉपलर की मदद से चंद्रमा की सतह पर पहुंच जाएगा। सुरक्षित लैंडिंग पर, विक्रम लैंडर का सौर पैनल खुल जाएगा और प्रज्ञान रोवर के एक रैंप नीचे आ जाएगा। छह पहियों वाला प्रज्ञान साहसपूर्वक हमारे राष्ट्रीय तिरंगे और इसरो की ताकत को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित कर इतिहास रचेगा। 

सूर्य की किरणें चंद्रमा पर 14 दिनों तक उपलब्ध रहेंगी और सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर और रोवर थर्मल गुणों, वायुमंडल, रासायनिक संरचना, भूकंपीय माप और चंद्र परत की संरचना पर वैज्ञानिक डेटा भेजेंगे। विक्रम के पास तीन पेलोड और रोवर के पास दो पेलोड हैं। वहीं चंद्रयान 2 ऑर्बिटर विक्रम लैंडर से प्राप्त डेटा को बेंगलुरु में इसरो कमांड सेंटर में रिले किया जाएगा।

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