BARABANI-SALANPUR-CHITTARANJAN

सालानपुर में अवैध कोयला कारोबार से बम-बम तोला

ECL खदानों से निकल रहे कोयले में डिपो में की जा रही मिलावट

बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : ईडी और सीबीआई की जांच के बीच लोकसभा चुनाव से पहले शिल्पांचल में अवैध कोयला कारोबार फिर से फल फूल रहा है। इसके साथ ही ईसीएल की  खदानों से निकलने वाले कोयला में पत्थर मिट्टी की मिलावट कर  कोयले की चोरी में भी एक गिरोह लगा हुआ है। आसनसोल शिल्पांचल के जामुड़िया, कुल्टी, सालानपुर के कई जगहों पर यह काला खेल चल रहा है और कोयला तस्कर डंके की चोट पर यह खेल लगातार करते हुए असल कोयले में मिलावट कर रहे है।

दुर्गापुर से बनारस के लिए खरीदा गया कोयला बीच में हुआ गायब
coal file photo

 खदानों से निकलने वाले असली कोयले को डिपो में जमा जरूर किया जा रहा है, लेकिन डिपो से ट्रकों व डंपरों में पत्थर और मिट्टी मिलार भेजा जा रहा। असली कोयला को अन्य ट्रकों में लाद कर दुर्गापुर के रास्ते डानकुनी और  पांडवेश्वर के रास्ते बीरभूम भेजा जा रहा।  वहीं मिलावटी कोयला  के काम में कोयला तस्करों का बड़ा गिरोह काम कर रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि चोरी का यह कोयला विभिन्न थानों के रास्तों से गुजर रहा है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही ? सूत्रों की मानें तो सबसे अधिक कोयला मिलावट का काम सालानपुर में हो रहा है। सूत्रों की माने तो हर दिन सालानपुर में कम से कम 30 से 40 ट्रक कोयला में मिलावट किया जा रहा है।

 सूत्रों की माने तो सालानपुर में डिपो में कोयला बदलने की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों को दे दी गई है। सालानपुर इलाके में कोयला तस्करों का  सिस्टम भी मजबूत है। यहां के उन बंद खदानों को साफ कर दिया गया है, जहां से निकट भविष्य में कोयला खुदाई का काम अवैध रूप से किया जाएगा। ये सभी ईसीएल के बंद खदान हैं। इन खदानों में ईसीएल की तरफ से कोई सुरक्षा नहीं रहती। सुरक्षा  सिर्फ उन्हीं खदानों में रहती है, जहां से कोयला निकाला जाता है। तस्कर इसी का फायदा उठाने वाले हैं  कोयला तस्कर इन सभी बंद खदानों से कोयला निकालने की तैयारी में है। 

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें कई लोग है जो इस काले धंधे से जुड़े हुए है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डाबर मोड़ तथा मोहनपुर से बड़ी मात्रा में कोयला निकाला जा रहा है। कांता समेत कुछ कोयला माफिया है जो डाबर मोड़ में कोयला लदे वाहनों से पैसा तोला वसूलते है और उक्त पैसा कई लोगों को जाता है। पुलिस की माने तो कई बार पुलिस ने दावा कर रही है कि उक्त इलाके में कोई काला कोरबार नहीं हो रहे है। पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है।  

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