Raniganj में फुट ओवरब्रिज चालू करने की मांग, सीटू का प्रदर्शन
बंगाल मिरर, रानीगंज : रानीगंज रेलवे स्टेशन के पास सीटू ने गुरुवार को धरना प्रदर्शन के साथ रैली निकाली। इसमें आसनसोल के डीआरएम से मांग की गई है कि पूर्वी एवं पश्चिमी छोर को जोड़ने वाली फुट ओवरब्रिज को फिर से निर्मित कर चालू किया जाए। रेलवे स्टेशन के पश्चिमी किनारे बनी टिकट काउंटर को फिर से हो। रानीगंज के पूर्व विधायक रुनूदत्त ने कहा कि पूर्वी एवं पश्चिमी छोर को जोड़ने वाला फुट ओवरब्रिज को तोड़ दिया गया। इससे गिरजापाड़ा और बल्लभपुर क्षेत्र से आने-जाने वाले लोगों कोपरेशानीहो रहीथी। इस ब्रिज के माध्यम से बस स्टैंड एवं रानीगंज बाजार में लोग का आना-जाना नियमित तौर पर था लेकिन एक नए बन रेब्रज में यह सुविधा नहीं है।
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यह भी कहा कि रानीगंज से गुजरने वाली तूफान एक्सप्रेस, अमृतसर एक्सप्रेस, मुजफ्फरपुर फास्ट पैसेंजर जैसी ट्रेनों को रद कर दिया गया है। यह सब कोरोना के समय में हुआ था। जिसे सामान्य रूप से चालू करने की बात कही गई थी। आज मोदी सरकार अधिक से अधिक वीवीआइपी ट्रेन को चालू करने की बातें कर रही है, लेकिन आम जनता के लिए एक भी योजना इनकी नहीं दिख रही है। यह जन विरोधी नीति है। केंद्र की मोदी सरकार एक षड्यंत्र के तहत रेलवे को आहिस्ता आहिस्ता निजीकरण की ओर ले जा रहे हैं। रेलवे में लाखों पद ऐसे हैं जो रिक्त पड़ी है।
पूर्व पार्षद आरिज जलिस ने इसके पहले आसनसोल रेलवे डिवीजन के डीआरएम को एक ईमेल के जरिए कहा है कि रानीगंज रेलवे स्टेशन पर लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पुल को रेलवे अधिकारियों द्वारा बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के तोड़ा जा रहा है, हालांकि, यात्रियों ने रेल लाइनों को पार करने के लिए नवनिर्मित क्षतिग्रस्त पुल का उपयोग करना शुरू कर दिया है जो कि प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर समाप्त होता है. उन्होंने इसे रेलवे के कानूनों का उल्लंघन बताया और कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ किसी भी समय कार्रवाई की जा सकती है।
अपने ई मेल में उन्होंने डीआरएम से अनुरोध किया कि रानीगंज के पीर बाबा के मेला से पहले रेलवे पुल के जीर्णोद्धार किया जाये. ज्ञात हो रानीगंज के इस पीर बाबा के उर्स में रोजाना हजारों की संख्या में बाबा के अनुयायी ट्रेनों से यहां आवागमन करते हैं. यह उर्स 16 फरवरी से आरंभ होता है, जो फरवरी माह के अंत तक चलता है. उन्होंने उल्लेख किया कि इस पुल का उपयोग तीर्थयात्रियों और अन्य यात्रियों, छात्रों, दैनिक वेतन भोगियों द्वारा (प्राचीन) गिरजा पारा 13 नंबर धोड़ा” से पुल पार करने के लिए वर्षों से किया जाता रहा है. अब कानूनी कार्रवाई के डर से, दैनिक मजदूर, व्यवसायी और दक्षिण दिशा के यात्री
पुल पार कर अपने दैनिक कार्य करते हैं. अब जब पुल को तोड़ दिया गया है तो यात्रियों को रोजाना टिकट खरीदने और अपना काम करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने ई मेल के जरिए डीआरएम से अनुरोध किया कि पीर बाबा मेला से पहले वहां पर एक नये पुल के निर्माण का आदेश दें, क्योंकि मेले के दौरान हजारों लोग इस स्थान पर आते हैं और पुल का उपयोग करते हैं, या फिर नये पुल को मुकदमेबाजी के दायरे से बाहर छोड़ दें ताकि यात्री पहले की तरह बिना किसी डर या मुकदमे के भय के पुल पर स्वतंत्र रूप से गुजर सकें.
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